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________________ प्रवचन 61 प्रश्न पूछो स्व केंद्र के निकट का योग - सूत्र (अथ विभूतिपादः) विभूतिपाद देशबन्धश्चित्तस्या धारणा 1111 जिस पर ध्यान किया जाता हो उसी में मन को एकाग्र और सीमित कर देना धारणा है। तत्र प्रत्ययैकतानता ध्यानम् || 211 ध्यान के विषय में जुड़ी मन की अविच्छिन्नता, उसकी और बहता मन का सतत प्रवाह ध्यान है। तदेवार्थमान्निर्भासं स्वरूपशून्यमिव समाधिः ।। 311 जब मन विषय के साथ एक रूप हो जाता है तो वह समाधि है। त्रयमेकत्र संयमः ॥ 411 धारणा, ध्यान और समाधि-तीन का एकत्रीकरण निर्मित करता है संयम को तज्जयात्प्रज्ञालोकः 11 511 उसे वशीभूत करने से उच्चतर चेतना के प्रकाश का आविर्भाव होता है।
SR No.034098
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages505
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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