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________________ अगर तुम पिछले एक भी जीवन की घटनाओं की स्मृतियों में उतर सको, तो तुम्हारे हाथ पूर्व -जन्म में उतरने की कुंजी लग जाएगी, फिर उस एक कुंजी के माध्यम से सभी अतीत के दवार खोले जा सकते हैं। लेकिन अतीत के दवारों को खोलना क्यों पड़ता है? क्योंकि हमारे अतीत में ही हमारा भविष्य छिपा हआ है। अगर हमें अपना अतीत ज्ञात हो, तो भविष्य में हम फिर से वही बातें नहीं दोहराएंगे। अगर उन बातों का बोध न हो, तो हम उन्हीं बातों को बार-बार दोहराते चले जाएंगे। फिर अतीत में जिस घटना कम को हमने बार-बार पुनरुक्त किया है, अब भविष्य में उसे पुनरुक्त करना संभव नहीं हो सकेगा। तब फिर भविष्य में हम पूर्णरूपेण एक नए मन्ष्य होंगे। योग इसी नए मनुष्य का विज्ञान है। आज इतना ही। प्रवचन 68 - नहीं और हां के गहनतम तल प्रश्नसार: 1-क्या सार्च में झेन-चेतना है? 2. हरमन हेस के सिद्धार्थ ने बुध से कहा : मुझे अपने ही ढंग से चलते जाना है-या मर जाना है। इस पर आप कुछ कहेंगे? 3-अगर कहीं कोई व्यक्ति रूप परमात्मा नहीं है, तो आप हर सुबह मेरे मनोविचारों का उत्तर क्यों देते है? 4-उस करीब-करीब योगी हृदय के विषय में आपके उत्तर न मझे निम्नलिखित संवाद की याद दिला दी है:
SR No.034098
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages505
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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