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________________ संग्रह मौजूद रहता है और जब मैं कहता हूं कि संपूर्ण अतीत का संग्रह रहता है, तो मेरा मतलब है मनुष्य के रूप में होने वाले सभी जन्म, पक्षियों के रूप में होने वाले सभी जन्म, पेडू – पौधों के रूप में होने वाले सभी जन्म, चट्टानों, खनिज पदार्थों के रूप में होने वाले सभी जन्म एकदम प्रारंभ से, अगर कोई प्रारंभ रहा होगा, या एकदम प्रारभविहोन प्रारंभ से - वे सभी तरह के रूपांतरण जो पहले घटित हुए हैं, वे सब के सब अवचेतन में संगृहीत रहते हैं और हर मनुष्य को उन रूपों में से होकर गुजरना ही पड़ता है। - और इस बात की प्रत्यभिज्ञा ही कि हर मनुष्य को उनमें से होकर गुजरना ही पड़ता है, उन सोपानों की कुंजी दे देती है जहां से यात्रा प्रारंभ की जा सकती है। पतंजलि का कहना है कि सभी चमत्कार प्रकृति के नियम के तहत ही घटित होते हैं। सभी चमत्कार प्रकृति के नियमानुसार ही घटित होते हैं और वह नियम है जब व्यक्ति एकाग्र चित हो जाता है। केवल एक ही चमत्कार है, और वह चमत्कार है एकाग्र चित्त होने का । ये सूत्र वर्तमान के लिए या फिर कभी भविष्य के विज्ञान के विकास के लिए आधारभूत सूत्रों में से हैं। अब इस पर पश्चिम में बुनियादी कार्य का प्रारंभ हो गया है। जहां तक अतींद्रिय ज्ञान का संबंध है, पश्चिम में इस पर काफी कुछ किया जा रहा है, प्रकृति के पार क्या है, उसे जानने के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है। लेकिन फिर भी अभी सभी कुछ अंधकार में है, अभी लोग केवल अनजान में, अज्ञान में टटोल रहे हैं। जब यह सब बातें अधिक साफ और सुस्पष्ट हो जाएंगी, तब मनुष्य चेतना के इतिहास में पतंजलि अपने सही स्थान में प्रतिष्ठित हो पाएंगे पतंजलि मनुष्य-चेतना के इतिहास में अतुलनीय हैं वे अंतर्जगत के प्रथम वैज्ञानिक हैं जो किसी तरह के अंधविश्वास में किसी तरह के चमत्कार में विश्वास नहीं करते, और जो हर बात को वैज्ञानिक कसौटी के आधार पर प्रमाणित करते हैं। 'अतीतगत संस्कारबद्धताओं का आत्म-साक्षात्कार कर उन्हें पूरी तरह समझने से पूर्व जन्मों की जानकारी मिल जाती है।' हम यहां पर प्राइमल थेरेपी में इस दिशा में थोड़ा कार्य करते हैं; प्राइमल थेरेपी में हम थोड़ा पीछे की ओर, इसी जन्म में थोड़ा पीछे की ओर वापस लौटते हैं। लेकिन वह तो एक तैयारी भर है। अगर तुम उसमें सफल हो जाते हो तो फिर तुम्हें और भी गहरे ढंग से सहायता मिल सकती है. जब तुम मां के गर्भ में थे, उन दिनों को याद करने में मदद मिल सकती है। मैं यहां पर एक नई चिकित्सा का प्रारंभ कर रहा हूं, हिप्नोथेरेपी । अगर तुम प्राइमल थेरेपी में गहरे उतर सको तो और अधिक गहरे जाने में, मां के गर्भ में रहने के दिनों को याद करने में हिप्नोथेरेपी तुम्हारी मदद कर सकती है। फिर और गहरे जाना और अपने पिछले जन्म को स्मरण करना, कब तुम्हारी मृत्यु हुई थी, फिर और भी गहरे जाना, और इस तरह से अपने पिछले जीवन की घटनाओं में उतरते चले जाना।
SR No.034098
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages505
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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