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________________ रासायनिक तत्वों का साधारण संतुलन, खो जाता है; और क्योंकि उपवास से एक असंतुलन निर्मित हो जाता है तो तुम कुछ बातें अन् बीटी 'करने लग सकते हो। यदि तुम काफी लंबे समय तक उपवास करो, तो तुम्हें कई भ्रम होने लगेंगे। यदि तुम इक्कीस दिन या ज्यादा दिन का उपवास रखो, तो यह निर्णय करना कठिन हो जाएगा कि जो तुम देख रहे हो, वह वास्तविक है या काल्पनिक, क्योंकि इसके लिए एक खास रासायनिक तत्व चाहिए और वह कम हो जाता है। साधारणतया, यदि तुम्हें कृष्ण अचानक मिल जाएं रास्ते पर तो पहला जो विचार उठेगा वह यही कि तुम जरूर दृष्टिभ्रम में पड़ गए हो; कोई भ्रम हो रहा है; कोई सपना देख रहे हो। तुम अपनी आंखें मलोगे और तुम देखोगे चारों तरफ, या तुम किसी और से पूछोगे, 'यहां आओ। जरा देखो। क्या तुम मेरे सामने खड़े किसी कृष्ण जैसे व्यक्ति को देख रहे हो?' लेकिन यदि तुम इक्कीस दिन तक उपवास करो, तो वास्तविकता और स्वप्न के बीच का भेद खो जाता है। तब यदि कृष्ण दिखाई पड़ते हैं, तो तुम विश्वास कर लेते हो कि वे सच में खड़े हैं। क्या तुमने छोटे बच्चों को देखा? वे वास्तविकता और स्वप्न के बीच भेद नहीं कर पाते। रात वे स्वप्न देखते हैं किसी खिलौने का, और सुबह वे रोते हैं-'कहां गया मेरा खिलौना?' वह खास रसायन जो निर्णय लेने में तुम्हारी मदद करता है, वह अभी नहीं बना होता है बच्चे में; जब वह बनेगा केवल तभी बच्चा वास्तविक और काल्पनिक के बीच भेद करने के योग्य होगा। जब तुम शराब पी लेते हो, तब भी वह निर्णय करने वाला रसायन नष्ट हो जाता है। मुल्ला नसरुद्दीन अपने बेटे को समझा रहा था, एक शराबघर में बैठे हुए वह उसे समझा रहा था कि कब शराब पीना बंद कर देना चाहिए। तो उसने कहा, 'देखो, उस कोने में देखो। जब तुम्हें दो की बजाय चार आदमी दिखने लगें तब समझ लेना कि शराब पीना बंद करने का और घर जाने का वक्त हआ।' लेकिन बेटे ने कहा, 'डैडी, वहां दो आदमी नहीं हैं, सिर्फ एक आदमी बैठा हआ है।' तो डैडी पहले से ही धुत हैं! जब तुम शराब पीते हो तो क्या होता है? एक रासायनिक परिवर्तन होता है। जब तुम एल एस डी लेते हो तो क्या होता है? या मारिजुआना या ऐसी ही दूसरी चीजें लेते हो तो क्या होता है? एक रासायनिक परिवर्तन होता है और तुम ऐसी चीजें देखने लगते हो, जिन्हें तुमने कभी नहीं देखा होता है। तुम्हें कुछ बातों की अनुभूति होने लगती है; तुम बहुत संवेदनशील हो जाते हो। और यही मुसीबत है : तुम किसी शराबी को शराब छोड़ने के लिए राजी नहीं कर सकते, क्योंकि वास्तविकता बड़ी नीरस और सपाट लगती है। जब वह वास्तविकता को अपने रासायनिक तत्वों द्वारा, रासायनिक परिवर्तन द्वारा देखता है, तब वृक्ष ज्यादा हरे दिखते हैं और फूलों में ज्यादा सुगंध
SR No.034097
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages431
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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