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________________ प्रसन्न होओ, आनंदित होओ, और घटने दो उसे। एक दिन यह संभव हो जाता है कि तुम बार-बार अज्ञात में उतरते हो, और तब तुम परिचित हो जाते हो उस क्षेत्र से। तब चाहे कोई सामान्य नक्शे न भी हो, लेकिन तुम्हारे पास अपना नक्शा होता है। कम से कम तुम जानते हो कि तुम कहां जा रहे हो। इसलिए करना केवल इतना ही है : जब तुम अपनी आंखें बंद करते हो तो ज्यादा सजग हो जाना, क्योंकि बहुत सजगता की जरूरत होगी। ज्यादा गहरे अंधकार में ज्यादा प्रकाश की जरूरत होगी। तो ज्यादा सजग हो जाना और जैसे-जैसे तुम कहीं उतरने लगते हो, अज्ञात में सजगता बनाए रखने की कोशिश करना। धीरे- धीरे, तुम कुशल हो जाते हो। और फिर रात जब तुम सोते हो, तो फिर आजमाना इसे–बस इसका अभ्यास करना। जब तुम नींद में उतरने लगो, तब भीतर सजग रहना और देखते रहना कि क्या हो रहा है। एक दिन तुम देखोगे : नींद उतर आई है, नींद ने तुम्हें घेर लिया है, सजगता फिर भी मौजूद है। यह दिन सुंदरतम दिन होता है जिंदगी का। जब तुम सजग रह कर गहरी नींद में उतरते हो तो तुम चौथी अवस्था में, 'डेल्टा' में उतर जाते हो। वह तुम्हारे अंतस का गहनतम केंद्र है। निश्चित ही तुम्हें अर्जित करना होता है इसे, तुम्हें सीखना होता है इसे, तुम्हें पात्र होना पड़ता है इसका। साधारणतया यह नहीं घटती। यह मन की साधारण अवस्था नहीं है; यह बड़ी असाधारण अवस्था है मन की। इसीलिए कृष्ण ने घोषणा कर दी थी पांच हजार वर्ष पहले, और पांच हजार वर्ष तक इसके लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं था यह केवल एक दर्शन-सिधात लगता था: 'या निशा सर्वभूतायाम् तस्याम् जागर्ति संयमी।' पांच हजार वर्ष बाद अब कुछ वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध हो रहे हैं। तुम भी इस अनुभव में उतर सकते हो, और जब यह तुम्हारी अपनी समझ का वैज्ञानिक प्रमाण बन जाता है, तब एक क्रांति घटित होती है। दूसरा प्रश्न : आपने कहा कि पतंजलि का योग-सूत्र एक संपूर्ण शास्त्र है लेकिन कहीं भी उन्होंने चुंबन के योग की बात नहीं की है क्या आप इसे समझा सकते हैं? सके लिए पतंजलि को अमरीकी के रूप में जन्म लेना होगा। केवल तभी वे चुंबन के योग के विषय में लिख सकते हैं। ऐसी मढ़ बातें केवल अमरीका में चलती हैं, और कहीं नहीं सेक्स का योग,
SR No.034097
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages431
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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