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________________ बहुत आसान है। तुम सता सकते हो और मजा ले सकते हो शक्तिशाली होने का कि अब तुम नियंत्रित करते हो शरीर को शरीर नियंत्रित नहीं करता है तुम्हें । यदि तुम्हारा उपवास आक्रामक है, हिंसक है, यदि उसमें क्रोध और सताने का भाव है, तो तुम असली बात चूक गए। तुम उसकी शुद्धि नहीं कर रहे हो; तुम उसे नष्ट कर रहे हो। और दर्पण को स्वच्छ करना एक बात है और उसे नष्ट करना बिलकुल दूसरी बात है। दर्पण को स्वच्छ करना बिलकुल अलग बात है, क्योंकि जब दर्पण से धूल पोंछ दी जाती है, तब वह स्वच्छ हो जाता है, तुम देख पाते हो उसमें वह तुमको प्रतिबिंबित करता है। लेकिन यदि दर्पण को तुम नष्ट कर दो, तब कोई संभावना नहीं रह जाती उसमें देख पाने की यदि तुम स्थूल शरीर को नष्ट कर देते हो, तो तुम दूसरे शरीर से, सूक्ष्म शरीर से संपर्क की पूरी संभावना ही नष्ट कर देते हो। तो उसे शुद्ध करना, लेकिन उसे नष्ट मत करना। और उपवास क्यों शुद्ध करता है? क्योंकि जब भी तुम उपवास करते हो तो शरीर के पास पचाने का काम नहीं रहता। उस अवधि में शरीर मृत कोशिकाओं को, विषाक्त तत्वों को बाहर फेंकने का काम कर सकता है। यह ऐसा ही है जैसे किसी दिन रविवार या शनिवार, तुम्हारी छुट्टी होती है और तुम घर में होते हो और तुम दिन भर सफाई करते हो। पूरे सप्ताह तुम कामकाज में इतने उलझे थे और इतने व्यस्त थे कि तुम घर की सफाई नहीं कर सके। इसी तरह जब शरीर के पास पचाने को कुछ नहीं होता, तुमने कुछ खाया नहीं होता, तो शरीर स्वयं को स्वच्छ करना शुरू कर देता है। यह प्रक्रिया अपने आप सहज ढंग से शुरू हो जाती है और शरीर उस सब को बाहर फेंकने लगता है, जिसकी जरूरत नहीं है, जो एक बोझ की भांति है। - तो उपवास एक विधि है शुद्धिकरण की। कभी-कभी उपवास करना सुंदर बात है कुछ न करना, कुछ न खाना, बस विश्राम में रहना । जितना हो सके उतना तरल पदार्थ लेना और विश्राम करना, और शरीर अपने आप शुद्ध हो जाएगा। कभी यदि तुम्हें लगे कि ज्यादा लंबे उपवास की जरूरत है, तो तुम ज्यादा दिन तक भी उपवास कर सकते हो लेकिन शरीर के प्रति गहन प्रेम में रहना । और यदि तुम अनुभव करो कि उपवास किसी भी तरह से हानि पहुंचा रहा है शरीर को, तो उसे रोक देना। यदि उपवास मदद कर रहा है शरीर की, तो तुम ज्यादा ऊर्जावान अनुभव करोगे, तुम ज्यादा जीवंत अनुभव करोगे, तुम ज्यादा युवा, ज्यादा शक्तिशाली अनुभव करोगे। यही कसौटी है यदि तुम्हें लगे कि तुम कमजोर हो रहे हो, यदि तुम्हें लगे कि कोई सूक्ष्म कंपन हो रहा है तुम्हारे शरीर में, तो सजग हो जाना - अब बात शुद्धिकरण की न रही, अब बात विनाशकारी हो गई है। रोक दो उसे । तो व्यक्ति को इसका पूरा विज्ञान सीख लेना होता है। असल में किसी ऐसे व्यक्ति के निकट रह कर उपवास करना चाहिए जो लंबे समय से उपवास करता आया हो और जो पूरी प्रक्रिया से भलीभांति परिचित हो, जो जानता हो सारे लक्षणों को कि यदि उपवास से नुकसान हो रहा है तो कैसा लगेगा, यदि नुकसान नहीं हो रहा है तो कैसा लगेगा। ठीक उपवास के बाद तुम एक नयापन, एक युवापन,
SR No.034097
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages431
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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