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________________ गया था और बिना उसे अभिवादन तक किए, पहली बात गुरजिएफ ने कही उसे देखते हुए, वह यह थी, 'अब तुम जा सकते हो वापस ।' यह तो बहुत ज्यादा हुआ, वह अलग हो गया। ऑस्पेंस्की के अलग हो जाने से, तीसरे आयाम के मनोविज्ञान को निर्मित करने का सारा प्रयास ही रुक गया। गुरजिएफ ने बहुत कोशिशें कीं, उसने कोशिश की किसी और को खोज लेने की। सारे लोगों के साथ उसने कार्य किया, लेकिन ऑस्पेंस्की की योग्यता का वह कोई एक भी न ढूंढ सका। ऑस्पेंस्की का विकास रुक गया और तीसरे मनोविज्ञान के लिए किया जा रहा गुरजिएफ का कार्य रुक गया। एक साथ वे अदभुत थे, अलग हो कर दोनों ही पंगु हो गए। ऑस्पेस्की बौद्धिक बना रहा, गुरजिएफ रहस्यवादी रहा यही थी अड़चन इसीलिए तो वह बात घट न सकी। मैं फिर से कोशिश कर रहा हूं तीसरे आयाम पर कार्य करने की, और मैंने यह जोखिम नहीं उठाया है जो गुरजिएफ ने उठाया। मैं किसी पर निर्भर नहीं, मैं गुरजिएफ और ऑस्पेंस्की का जोड़ हूं। दो विभिन्न आयामों में जीना एक कठिन कार्य है, बहुत ही कठिन है यह। लेकिन चाहे जैसे भी है, यह अच्छा है, क्योंकि कोई मुझे धोखा नहीं दे सकता और मेरा कार्य रोक नहीं सकता, कोई नहीं कर सकता ऐसा मैं निरंतर गतिमान हो रहा हूं अ-मन के संसार में, और शब्दों के और किताबों के और विश्लेषण के संसार में। गुरजिएफ के लिए श्रम का विभाजन था ऑस्पेंस्की कार्य कर रहा था लाइब्रेरी में और वह कार्य कर रहा था स्वयं के आसपास मुझे दोनों करने हैं - ताकि वही बात फिर से न दोहरायी जाए। मैं दोनों स्तरों पर निरंतर कार्य करता रहा हूं और हर संभावना है कि प्रयास सफल हो सकता है मैं तुम्हारा अध्ययन कर रहा हूं और तुम धीरे-धीरे विकसित हो रहे हो। बुद्ध हो जाना स्वयं में एक बात है। वह बात बहुत अचानक घटती एक क्षण पहले तुम बुद्ध न थे, और एक क्षण बाद तुम बुद्ध होते हो। यह बात इतनी अचानक घटती है कि जब यह तुम्हारे स्वयं में घटती है, तो कोई अंतराल नहीं रहता जिसमें कि इसका अध्ययन किया जाए। तुम्हारे साथ मैं बहुत धी -धीमे अध्ययन कर सकता हूं। जितना ज्यादा तुम छल करते और प्रतिरोध करते, उतने ही बेहतर ढंग से मैं तुम्हारा अध्ययन कर सकता हूं; कि क्या घट रहा है यह। मुझे अध्ययन करना है बहुत- से लोगों का, केवल तभी वह बात घट सकती है। मनोविज्ञान एक व्यक्ति पर निर्भर नहीं कर सकता है क्योंकि व्यक्ति इतने अलग होते, इतने बेजोड़ मैं हो गया होऊंगा बुद्ध, लेकिन मैं एक बेजोड़ व्यक्ति हूं। तुम हो सकते हो बुद्ध, लेकिन तुम एक बेजोड़ व्यक्ति हो। कम से कम सात प्रकार के लोग हैं जो कि इस ससार में अस्तित्व रखते हैं तो कम से कम सात बुद्धों का अध्ययन बहुत ज्यादा गहराई से करना है, एक संबंध रखता हो एक - एक प्रकार से केवल तभी संभव होगा मनोविज्ञान । ऑस्पेंस्की बात करता है सात प्रकार के आदमियों की। वे सारे सातों प्रकार और उनके विकास समझ लेने हैं किस प्रकार की बाधाएं बना देते हैं वे किस प्रकार के बचावों के लिए वे प्रयत्न करते और कैसे उनके बचाव और उनके प्रतिरोध तोड़े जा सकते हैं। हर प्रकार के साथ बात कुछ अलग ही होगी। जब
SR No.034096
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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