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________________ रात को तुम्हें सपने आते हैं। स्वप्न देखते हुए तुम स्वप्न में विश्वास करने लगते हो कि यह सच है। तुम्हारी इंद्रियां सपने का विवरण पहुंचा रही हैं। तुम्हारी आंखें इसे देख रही हैं, तुम्हारे कान इसे सुन रहे हैं, हो सकता है तुम इसका एकर्श कर रहे हो। तुम्हारी इंद्रियां तुम्हें खबर दे रही हैं। इसीलिए तुम भ्रम में पड़ जाते हो कि वह वास्तविक है। तुम यहां हो; शायद यह केवल एक सपना हो। तुम कैसे निश्चय कर सकते हो कि मैं वास्तव में ही तुम से बात कर रहा हूं? संभव है कि शायद यह सिर्फ एक सपना हो कि तुम मेरे बारे में सपना देख रहे हो। हर सपना सत्य होता है जब तुम्हें वह सपना दिखता है। च्चांगत्सु कहता है कि एक बार उसने सपना देखा कि वह तितली बन गया है। सुबह वह उदास था। उसके शिष्यों ने पूछा, 'आप क्यों उदास हैं? 'च्चांगत्सु बोला, 'मैं मुसीबत में हूं और ऐसी मुसीबत में तो पहले मैं कभी नहीं पड़ा। उलझन असंभव जान पड़ती है, यह हल नहीं हो सकती। पिछली रात मुझे सपना आया कि मैं तितली बन गया हूं।' शिष्य हंस पड़े। वे बोले, 'इसमें गलत क्या है? यह पहेली नहीं है। सपना केवल सपना होता है।' च्चांगत्सु ने कहा, 'पर सुनो! मैं मुश्किल में हूं। यदि च्चांगत्सु सपना देख सकता है कि वह तितली बन गया है, तो शायद तितली अभी सपना देख रही हो कि वह च्चांगत्सु बन गयी है। तो मैं निर्णय कैसे करूं कि मैं अब वास्तविकता का सामना कर रहा हैं या कि यह फिर एक सपना है? यदि च्चांगत्स् तितली बन सकता है, तो एक तितली सपना क्यों नहीं देख सकती कि वह च्चांगत्स् बन गयी है?' कछ भी असंभव नहीं है, विपरीत घटित हो सकता है। इसलिए तुम इंद्रियों पर भरोसा नहीं कर सकते। सपने में वे तुम्हें धोखा देती हैं। यदि तुम नशा करते हो, एल एस डी का या किसी चीज का, तो तुम्हारी इंद्रियां तुम्हें धोखा देने लगती हैं। तुम वे चीजें देखने लगते हो, जो नहीं हैं। वे तुम्हें इस हद तक धोखा दे सकती हैं, और तुम चीजों में इतनी पूरी तरह विश्वास कर सकते हो, कि हो सकता है तुम खतरे में पड़ जाओ। न्यूयॉर्क में एक लड़की ने सोलहवीं मंजिल से छलांग लगा दी क्योंकि एल एस डी के प्रभाव में उसने सोचा कि अब वह उड़ सकती है! च्चांगत्सु गलत नहीं था। लड़की वास्तव में खिड़की के बाहर उड़ गयी। बेशक, वह मर गयी। वह कभी नहीं जान पायेगी कि नशे के प्रभाव में वह अपनी इंद्रियों द्वारा धोखा खा गयी। बिना नशों के भी हमें श्रम होते हैं। तुम एक अन्धेरी सड़क से गुजर रहे हो, और अचानक तुम डर जाते हो।। तोकि एक सांप वहां है। तुम भागना शुरू कर देते हो, और बाद में पता चलता है कि वहां कोई सांप न था, सिर्फ एक रस्सी वहां पड़ी हई थी। लेकिन जब तुम्हें लगा कि वहां सांप
SR No.034095
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages467
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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