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________________ की, समाज के दावों की। वह सर्वथा संपर्करहित हो जाता है अपने स्वयं के आंतरिक अस्तित्व के साथ। तो पतंजलि की मृदुल विधियां कुछ ज्यादा मदद न देंगी; इसीलिए हैं मेरी सक्रिय, अराजक विधियां। क्योंकि तुम तो लगभग पागल हो, तुम्हें चाहिए तीव्र पागल विधियां जो उस सबको बाहर ला सकें और बाहर फेंक सकें जो कि तुम्हारे भीतर दबा हुआ है। लेकिन स्वास्थ्य एक जरूरी बात है। वह जो चल पड़ता है लंबी यात्रा पर उसे देख लेना चाहिए कि वह स्वस्थ हो। बीमार के लिए, शय्यापस्त के लिए आगे बढ़ना कठिन होता है। दूसरी बाधा है निर्जीवता। निर्जीवता संकेत करती है उस आदमी की ओर जिसका कि बहुत निम्न ऊर्जा तल होता है। वह ढूंढना और खोजना चाहता है लेकिन उसकी बहुत निम्न ऊर्जा हैशिथिल। वह विलीन हो जाना चाहता है, लेकिन यह बात संभव नहीं होती। ऐसा व्यक्ति सदा बात करता है ईश्वर की, मोक्ष की, योग की, इसकी और उसकी, लेकिन वह केवल बातें ही करता है। निम्न ऊर्जा तल द्वारा तो तुम केवल बातें कर सकते हो; उतना भर ही तुम कर सकते हो। यदि तुम कुछ करना चाहते हो,तो तुम्हें चाहिए होती है इसके लिए अपार ऊर्जा। ऐसा एक बार हुआ कि मुल्ला नसरुद्दीन गया किसी शहर में अपने घोड़े और बग्घी को साथ लेकर। वह एक ग्रीष्म-दिवस था और मुल्ला पसीने से तर था। अकस्मात सड़क पर घोड़ा रुक गया, पीछे मुल्ला को देखा और बोला, 'अरे राम-राम, बहुत गर्मी है।' मुल्ला इस पर विश्वास नहीं कर सका। उसने सोचा कि वह पागल हो गया है इस गर्मी के कारण, क्योंकि घोड़ा कैसे कुछ कह सकता है? घोडा कैसे बोल सकता है? उसने चारों ओर देखा यह जानने को कि किसी और ने सुना था क्या? लेकिन कोई न था वहां सिवाय उसके कत्ते के जो बग्घी में बैठा हआ था। किसी को न पाकर, बस सिर्फ इस बात से छुटकारा पाने को, वह कुत्ते से बोला, 'क्या तुमने सुना जो वह बोला?' कुत्ता कहने लगा,' ओह, वह तो आम आदमी की भांति ही है-हमेशा बातें करते रहता है मौसम की और करता कुछ नहीं।' यह है निर्जीव व्यक्ति-बात कर रहा है हमेशा ईश्वर की और कर कुछ नहीं रहा। वह सदा बात करता है महान विषयों की। और यह बातचीत होती है जख्म को छुपाने भर के लिए ही। वह बात करता है जिससे कि वह भूल सके यह बात कि इस बारे में वह कुछ नहीं कर रहा है। बातों की धुंध में से वह पलायन कर जाता है। फिर-फिर उसके बारे में बात करते हए, वह सोचता है कि वह कछ कर रहा है। लेकिन बातचीत कोई कार्य नहीं है। तुम किये चले जा सकते हो मौसम की बातें। तुम ईश्वर के बारे में बातें किये जा सकते हो। लेकिन यदि तुम कुछ करते नहीं, तो तुम मात्र अपनी ऊर्जा व्यर्थ गंवा रहे हो।
SR No.034095
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages467
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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