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________________ रही। यदि कोई अचानक चीख पड़ता है,' आग!' तो यह शब्द तुम्हें फौरन बदल देगा। हो सकता है कहीं कोई आग न हो, लेकिन तब भी तुम मुझे सुनना बंद कर दोगे। बंद करने के लिए कोई प्रयास न करना होगा। अचानक तुम सुनना बंद कर दोगे, और तुम यहां-वहां दौड़ना शुरू कर दोगे। यह शब्द' आग'कल्पना को पकड़ चुका होगा। और तम शब्दों दवारा इस तरह प्रभावित होते हो! विज्ञापन व्यापार वाले लोग जानते है कौन-से शब्दों का उपयोग करना है कल्पनाबिंबों की छबि बना देने के लिए। उन शब्दों दवारा वे तुम्हें अधिकार में कर लेते है, वे तमाम जनसमूह को जीत लेते है। और त से ऐसे शब्द होते है। वे फैशन के साथ बदलते रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों से खास शब्द चल रहा है 'नया'। तो विज्ञापनों के अनुसार हर चीज है नयी, 'न्यू लक्स सोप'। नया लक्स साबुन।'लक्स साबुन' नहीं चलेगा। यह 'नया' तुरंत आकर्षिक करता है। हर व्यक्ति नये के पीछे है, हर व्यक्ति नये को खोज रहा है-कुछ नया! क्योंकि हर व्यक्ति पुराने से ऊब चुका है। इसलिए हर नयी चीज में आकर्षण है। हो सकता है वह पुरानी से बेहतर न हो। वह बदतर हो सकती है, लेकिन मात्र यह शब्द 'नया' मन में कई प्रत्याशाएं खोल देता है। ऐसे शब्द और उनके प्रभाव गहराई से समझ लेने होंगे। वह व्यक्ति जो सत्य की खोज में है, उसे शब्दों के प्रभाव के प्रति जाग्रत रहना होगा। राजनीतिज्ञ, विज्ञापन देने वाले लोग, वे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे है और वे शब्दों दवारा ऐसी धारणाएं निर्मित कर सकते है कि तुम अपने जीवन की बाजी लगा सकते हो। तुम अपनी जिंदगी गंवा सकते हो केवल शब्दों के कारण। 'राष्ट्र', 'राष्ट्रीय झंडा', 'हिंदुत्व' -ये क्या है? मात्र शब्द। तुम कह सकते हो, 'हिंदुत्व खतरे में है, और अचानक कितने ही लोग तैयार हो जाते है कछ कर गजरने के लिए या मरने के लिए भी। मात्र थोड़े-से शब्द और हमारे देश का अपमान हो जाता है। क्या है हमारा देश? केवल शब्द। एक झंडा कुछ नहीं है सिवाय कपड़े के एक टुक्के के, लेकिन सारा देश एक झंडे के लिए मर सकता है, क्योंकि किसी ने इसका अपमान कर दिया, इसे दषित कर दिया। शब्दों के कारण इस दनियां में कितनी मूर्खताएं चलती रहती है। शब्द खतरनाक होते है। तुम्हारे भीतर प्रभाव करने का उनमें गहरा स्रोत होता है। वे तुम्हारे भीतर कुछ उत्पन्न कर देते है, और तुम पर कब्जा किया जा सकता है। कल्पना शक्ति को समझना है, पतंजलि कहते है, क्योंकि ध्यान के मार्ग पर शब्दों को छोड़ देना पड़ेगा, ताकि दूसरों के प्रभाव को छोड़ा जा सके। ध्यान रखना, शब्द दूसरों द्वारा सिखलाये जाते हैं, तुम शब्दों के साथ नहीं जन्मते। वे तुम्हें सिखलाये जाते है और शब्दों द्वारा बहुत-सी पूर्वधारणाएं सिखला दी जाती हैं। शब्दों द्वारा धर्म, शब्दों दवारा पौराणिक कथा-हर चीज पोषित कर दी जाती है। शब्द माध्यम हैं सभ्यता के। समाज के वाहक है, जानकारियों के वाहक है।
SR No.034095
Book TitlePatanjali Yoga Sutra Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages467
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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