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________________ पी महापौर यामी पूजा ३३६ ॥ शाईल पिकीडितम् ॥ यो कल्याण पदं कपाथिदपि नो स्वम्मिन्यास्मिनसचिन्, गोदा प्रौद दद्वात्म वीर्य बलवान् पर्यो न्यारं यया । त कल्याण निधि सय परफले समाग कस्तुम, गदाणे जगतां प्रभु जिनपति श्रीवईमानं यने ॥ १ ॥ *ही श्री अं श्री महावीर सामिने आदि प्रदाय यजामहे म्वाहा। ।। द्वितीय श्री तीर्थकर पद सूचन पूजा ।। ॥दोहा॥ नप प्रमाण मग पदा, जिनवागन जपान। मिकाले निकोकम, पनो जिन गाना { मापार भागानगरमगर भागे विान नाराहार बार प्रभु पूना पारी । महिन भाराम मालारा है।। गरे अपर मुर नोक में, हे माना! नामा निनिस हो, ने मार प्रार। पुन माग FARदिनसमा मात
SR No.034089
Book TitleBruhat Pooja Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVichakshanashreeji
PublisherGyanchand Lunavat
Publication Year1981
Total Pages474
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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