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________________ (4) प्रभावना देना, (5) गुलाबजल का छिंटकाव करना आदि के चढावें। 4. नूतन उपाश्रय के भूमिपूजन-खनन-शिला स्थापना का चढावा। (रकम उपाश्रय खाते में जाती है और अधिक बचत सर्वसाधारण खाते में ले जा सकते है।) (J) देव-देवी संबंधित चढावें: 1. स्वद्रव्य निर्मित जिनालय में अथवा साधारण द्रव्य की भूमि एवं साधारणद्रव्य निर्मित देरी आदि में जो तो भगवान के यक्ष-यक्षीणि एवं अन्य श्री माणिभद्र देव आदि देव-देवी आदि की 1. प्रतिमा भरवाने का चढावा 2. प्रतिष्ठा करवाने का चढावा 3. उनके आगे रखे हुए भंडार की आवक 4. देव को खेस एवं देवी को चूनरी चढाने का नकराया चढावा 5. देव-देवी आरती के चढावें नोंधः देव-देवी का मंदिर-देरी की भूमि एवं उनकी देरी का निर्माण, ये दोनों साधारण द्रव्य से बने हुए जरूरी है। दोनों या एक भी यदि देवद्रव्य से बने हो तो उनकी आय देवद्रव्य में जाती है। 2. देव-देवी संबंधी साधारण की आय का उपयोग श्रावकों को प्रभावना देने या साधर्मिक वात्सल्य में करना अनुचित समझा जाता है एवं यह रकम जीवदया एवं अनुकंपा में भी उपयोग नही कर सकते है। Ool बारीक मोती से गूंथे गये अष्टमंगल Ima
SR No.034073
Book TitleAshtmangal Aishwarya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaysundarsuri, Saumyaratnavijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year2016
Total Pages40
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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