SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 32
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मतानुसार तीर्थंकरों की माता को आनेवाले 16 स्वप्नों में एक स्वप्न मीनयुगल का भी है। दो मछलियाँ परस्पर सन्मुख होती है तथा परस्पर विमुख होती है, इन दोनों स्वरुपों में उसे देखा जाता है। 7.2 मीनमंगल विशेष: ज्योतिष की 12 राशिओं में 12वी राशि मीन । है। सामुद्रिक शास्त्र अनुसार हस्त या पैरे के दें तलवेमें मत्स्य का चिह्न शुभ माना जाता है। यात्रा की शुरुआत में मीनयुगल का दर्शन RT शुभ सगुन स्वरुप गिना जाता है। मीन, सच्चे प्रेम का प्रतीक है। जल और मीन। का सच्चा प्रेम लोकसाहित्य में प्रशंसनीय है। मछली सदा जलप्रवाह से विपरीत दिशा में गति करती है। अतः जापाने में प्रगति के प्रतीक एवं आदर्श के रुप में मछली का चिह्न द्वार पर लटकाया जाता है। MERA BALASP O ) 8. दर्पण (७ 8.1 हे प्रभु ! दर्पण में प्रतिबिंबित आपका प्रतिबिंब मुझे भी मेरा, आपके जैसा ही स्वरूप याद करायें ऐसी भावना से आपकी समक्ष दर्पण के आलेखन द्वारा धन्य होता हूं। अष्टमंगल का आठवाँ और अंतिम मंगल है दर्पण | दर्प नाशयति इति दर्पण:। जो अहंकार-पाप स्वरुप 'दर्प' का नाश करे वह है दर्पण शास्त्रों में दर्पण को आयुष्य, लक्ष्मी, यश, शोभा और समृद्धि का कारक कहा गया है। दर्पण निर्मल ज्ञान का प्रतीक स्वरुप होने के कारण आत्मज्ञान का भी सूचक है।
SR No.034073
Book TitleAshtmangal Aishwarya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaysundarsuri, Saumyaratnavijay
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year2016
Total Pages40
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy