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________________ भाषाभास्कर अप-हीनता धेरूप्य भ्रश का द्योतक है । जेसे अपयश अपनाम अपवाद अपलक्षण अपशब्द इत्यादि । __ सम्-संयोग आभिमुख्य उत्तमता आदि का द्योतक है । जेसे सम्बन्ध संमुख सन्तुष्ट संस्कृत इत्यादि ॥ - अनु-सादृश्य पश्चात अनुक्रम आदि का द्योतक है। जेसे अनुरूप अनुगामी अनुमव अनुताप इत्यादि ॥ __ अव-अनादर दंश का द्योतक है। जैसे अवज्ञा अवगुण अवगीत : अवधारम इत्य दि ॥ निस-निषेध का द्योतक है। जेसे निराकार निर्दोष निर्जीव निर्भय निस्सन्देह इत्यादि ॥ दुस-कष्ट दुष्टता निन्द। आदि का द्योतक है। जैसे दुर्गम दस्त्यन दुर्जन दुर्दशा दुर्बुद्धि टुर्नाम इत्यादि ॥ _ वि-भिन्नता हीनता अस दृश्यता आदि का द्योतक है। जेसे वियोग विप विदेह विवर्ण विलक्षण इत्यादि । नि-निषेध अवरोध श्रादि का द्योतक है। जैसे निवारण निकृति.. निरोध इत्यादि ॥ ___ अधि-उपरिभाव प्रधानता स्वामित्व आदि का द्योतक है। जैसे अधिराज अधिकार अधिरथ इत्यादि ॥ अति-अतिशय उत्कर्ष आदि का द्योतक है। जैसे अतिकाल अतिभाव अतिगुप्त इत्यादि ॥ सु-उत्तमता श्रेष्ठता सुगमता आदि का द्योतक है। जेसे सुजाति सुपुत्र सुलभ इत्यादि ॥ कु-बुराई दुष्टता आदि का द्योतक हे। जेसे कुकर्म कुपुत्र कुजाति इत्यादि। उत्-उच्चता उत्कर्ष आदि का द्योतक है। जैसे उदय उदाहरण उत्पत्ति इत्यादि ॥ . अभि-प्रधानता समीपता भिन्नता इच्छा आदि कायोतक है । जैसे अभिजात अभिप्राय अभिमत अभिक्रम अभिगमन इत्यादि ॥ . - प्रति-प्रत्येकता सादृश्यता बिरोध श्रादि का द्योतक है। जैसे प्रतिदिन प्रतिशब्द प्रतिवादी इत्यादि । ' Scanned by CamScanner
SR No.034057
Book TitleBhasha Bhaskar Arthat Hindi Bhasha ka Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorEthrington Padri
PublisherEthrington Padri
Publication Year1882
Total Pages125
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size43 MB
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