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________________ भाषाभास्कर तू रहेगा वह रहेगा व रहेंगे कता-स्त्रीलिङ्ग में रहूंगी हम रहेंगी तू रहेगी तुम रहोगी वह रहेगी व रहेंगी ___४ पर्वकालिक क्रिया। रहके रहकर वा रहकरके ॥ पा __ सकर्मक क्रिया के रूप ॥ . २२५ सकर्मक क्रिया के धातु दो प्रकार के होते हैं एक स्वरान्त दसरा व्यंजनान्त । अब उन सकर्मक क्रियाओं का उदाहरण पाना प्यिा के संपूर्ण रूपों में लिखते हैं जिनका धातु स्वरान्त होता है ॥ पाना क्रिया के मुख्य भाग । धातु हेतुहेतुमद्धत पाता सामान्यभूत पाया २२६ सामान्यभूत और जिन कालों की क्रिया उस से निकलती है उन्हें लिखते हैं । १ सामान्यभूत काल । र एकवचन । कर्म-पुल्लिङ्ग और बहुवचन । मैंने वा हमने पाया मैंने वा हमने पाये तूने , तुमने पाया तूने , तुमने पाये उसने, उन्हों ने पाया उसने , उन्हेंों ने पाये कर्म-स्त्रीलिङ्ग और एकवचन । कर्म-स्त्रीलिङ्ग और बहुवचन । मैंने वा हमने पाई मैंने वा हमने पाई तूने , तुमने पाई तूने , तुमने पाई लसने, उन्ह। ने पाई उसने, उन्होंने पाई Scanned by CamScanner
SR No.034057
Book TitleBhasha Bhaskar Arthat Hindi Bhasha ka Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorEthrington Padri
PublisherEthrington Padri
Publication Year1882
Total Pages125
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size43 MB
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