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________________ २३ प्रेक्षाध्यान आधार और स्वरूप स्थूल शरीर के वर्तमान क्षण को देखने वाला जागरूक हो जाता है। कोई क्षण सुखरूप होता है और कोई क्षण दुःखरूप। क्षण को देखने वाला सुखात्मक क्षण के प्रति राग नहीं करता और दुःखात्मक क्षण के प्रति द्वेष नहीं करता। वह केवल देखता और जानता है। देखने का प्रयोग बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। उनका महत्त्व तभी अनुभूत होता है जब मन की स्थिरता, समता, दृढ़ता और स्पष्टता से दृश्य को देखा जाए। शरीर के प्रकंपनों को देखना, उसके भीतर प्रवेश कर भीतरी प्रकंपनों को देखना मन को बाहर से भीतर ले जाने की प्रक्रिया है। शरीर में आत्मा और चेतना व्याप्त है। इसीलिए शरीर में संवेदन होता है। उस संवेदन से मनुष्य अपने स्वरूप को देखता है, अपने अस्तित्व को जगाता है और अपने स्वभाव का अनुभव करता है। शरीर में होने वाले संवेदन को देखना चैतन्य को देखना है, उसके माध्यम से आत्मा को देखना है। शरीर में चैतन्य व्याप्त है, प्राणधारा प्रवाहित है, ज्ञान-तंतु (Sensory Nerves) और कर्म-तंतु (Motor Nerves) फैले हुए हैं-यही शरीर-प्रेक्षा का मूल आधार है। शरीर-प्रेक्षा के द्वारा शरीर में व्याप्त चैतन्य को जागृत किया जा सकता है, प्राण-प्रवाह को संतुलित किया जा सकता है, ज्ञान-तंतुओं एवं कर्म-तंतुओं की क्षमता बढ़ाई जा सकती है। परिणाम-स्वरूप जहां चेतना पर आया हुआ आवरण दूर होता है, वहां साथ ही प्राणशक्ति, ज्ञान-तंतु एवं कर्म-तंतु के पर्याप्त उपयोग तथा मांसपेशियों व रक्त-संचार (Blood Circulation) की क्षमता में संतुलन के माध्यम से अभीष्ट मानसिक एवं शारीरिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। शारीरिक बीमारियों को नष्ट कर स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है और रोग-प्रतिरोधक शक्ति का विकास किया जा सकता है। दोहन करना शक्ति का, साधन मात्र शरीर । बिना नाव कब पा सके, नाविक भी पर-तीर? प्रेक्षा करो शरीर की, है सीधी-सी बात। मन को भीतर मोड़ लो, करो न फिर निर्यात ।। हर अवयव पर जो जमे, विधिवत् पूरा ध्यान। संवेदन होता रहे, आए क्यों व्यवधान ? अन्तर शोधन के बिना, साध्य सिद्धि है दूर । नहीं बहिर्मुख-चेतना, हो सकती रसपूर।। Scanned by CamScanner
SR No.034030
Book TitlePreksha Dhyan Siddhant Aur Prayog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragya Acharya
PublisherJain Vishvabharati Vidyalay
Publication Year2003
Total Pages207
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size80 MB
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