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________________ आसन प्राणायाम और मुद्रा १८. १ 1 ने ग्रन्थियों के कार्य एवं प्रवृत्तियों पर सूक्ष्मता से अनुसंधान किया है उससे ज्ञात हुआ है कि कौन-कौन सी ग्रन्थियां किन-किन भावों का काय एवं नियंत्रण करती हैं । उनको नियन्त्रित करने के लिए आसन, बंध एवं यौगिक क्रियाओं का प्रयोग किया जाता है। आसन का उद्देश्य आसन से शरीर की सुघड़ता और सौदर्य में अभिवृद्धि होती है। साथ ही मानसिक शांति और निश्चिन्त जीवन की उपलब्धि होती है। आसन करने का उद्देश्य है- शरीर के यन्त्र को साधना के अनुरूप बनाना । शरीर का प्रत्येक अवयव सक्रिय एवं स्वस्थ बने, यह स्वास्थ्य और साधना दोनों दृष्टियों से अपेक्षित है । यह निर्विवाद है कि काया की क्षमता के अभाव से वाक् और मन शीघ्र उत्तेजित हो जाते हैं। वाक् और मन पर संयम से पूर्व काय-संयम आवश्यक है। उसके लिए आसन प्रक्रिया सम्यग् अनुष्ठान है। आचार्य कुन्दकुन्द ने तो स्पष्टतः उद्घोषित किया है- "जिन शासन को जानने के लिए आहार - विजय के साथ आसन - विजय को जानना आवश्यक है।" योगासन और व्यायाम में मौलिक अन्तर है । व्यायाम एक्सरसाइज अथवा बॉडी-बिल्डिंग से शरीर की मांसपेशियां एवं कुछ अवयव ही पुष्ट बनते हैं। उनकी पुष्टता एक बार मांसपेशियों में उभार के रूप में सामने आती है, पर अन्त में उनमें कड़ापन आने लगता है । उनको छोड़ देने से मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं और वे असुन्दर दिखाई देने लगती हैं। दूसरे प्रकार के व्यायाम कुश्ती, दौड़, बैठकें एक बार तो शरीर की मांसपेशियों आदि को प्रभावित करते हैं, किन्तु स्थायित्व की दृष्टि से उनके भी अन्तिम परिणाम सुन्दर नहीं आते। योगासन योगियों द्वारा खोजा गया अनूठा विज्ञान है। योगासन हाथ-पांवों को ऊंचा- नीचा करना मात्र ही नहीं है, अपितु उसके पीछे पूरा विज्ञान है। कौन-सा आसन किस अवयव पर क्या प्रभाव डालता है, वह प्रभाव क्यों और किसलिए होता है, इन सबकी प्रायोगिक व्याख्याएं आज शोधकर्ताओं के पास उपलब्ध हैं। आसन की श्रेणियां १. शयन स्थान - लेटकर किये जाने वाले आसन । २. निषीदन स्थान- बैठकर किये जाने वाले आसन । ३. ऊर्ध्व स्थान - खड़े होकर किये जाने वाले आसन । Scanned by CamScanner
SR No.034030
Book TitlePreksha Dhyan Siddhant Aur Prayog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragya Acharya
PublisherJain Vishvabharati Vidyalay
Publication Year2003
Total Pages207
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size80 MB
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