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________________ 130 अहिंसा दर्शन प्रशासन के बीच एक मधुर सम्बन्ध कायम होते हैं बल्कि एक परस्पर सहयोग का वातावरण भी निर्मित होता है। अहिंसा के प्रयोग जब-जब प्रशासन ने किये हैं, तब-तब सार्थक परिणाम भी सामने आये हैं। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जब अहिंसा के प्रयोग से सफलताएँ मिली हैं। अहिंसा का प्रयोग करने वाले के अन्दर बल होना चाहिए, उसे वीर होना चाहिए; अहिंसा कायरों का काम नहीं है। किरण बेदी ने तिहाड़ जेल में जो रचनात्मक प्रयोग किये, वे एक उदाहरण बन गये हैं। उनके अहिंसक रचनात्मक प्रयोगों से जो आश्चर्यजनक परिणाम सामने आये, उससे पूरा प्रशासन उत्साहित हुआ और इस प्रकार के प्रयोगों का दौर अन्य स्थानों पर भी प्रारम्भ हुआ। सन् 2011 में देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी आन्दोलन करने वाले 'अन्ना' वर्तमान में अहिंसक क्रान्ति के महानायक बने हुये हैं। गांधी जी के बाद भारतवर्ष में यह आन्दोलन सबसे बड़ी अहिंसक क्रान्ति के रूप में उभरकर सामने आया है। जनलोकपाल कानून बनवाने के लिए अन्ना जी ने पूरे देश में आन्दोलन छेड़ दिया तथा कहीं भी तोड़ फोड़, संघर्ष तथा चक्का जाम आदि घटनायें भी नहीं हुयीं। युवा वर्ग ने इक्कीसवीं सदी में पहली बार अहिंसा की शक्ति को देखा है जो हिंसा से कहीं अधिक व्यवस्थित हितकारी, प्रभावशाली तथा परिवर्तनकारी है। कानून का लक्ष्य भी शान्ति और अहिंसा को कायम रखना ही है। हिंसक साधनों से उसे अपने लक्ष्य पूरा करने में असफलता भी मिलती है; अतः अहिंसा के प्रयोग अवश्य होना चाहिए। चिकित्सा में अहिंसा चिकित्सा का उद्देश्य ही मनुष्य के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। एक डाक्टर को लोग धरती का भगवान मानते हैं। वह प्रत्येक बीमारी को दूर करने और मरीज की जान बचाने का प्रयत्न करता है। जनता भी आँख मूंदकर उन पर भरोसा करती है और यदि बचाने की लाख कोशिश करने पर
SR No.034026
Book TitleAhimsa Darshan Ek Anuchintan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnekant Jain
PublisherLal Bahaddur Shastri Rashtriya Sanskrit Vidyapitham
Publication Year2012
Total Pages184
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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