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________________ अष्टम अध्याय 117 क्रोध अहङ्कार कलहपूर्ण सामुदायिक जीवन घृणा, जातिभेद एवं छूआछूत शोषण एवं हत्या 6. क्रूरता असहिष्णुता साम्प्रदायिक झगड़े ये संवेग (निषेधात्मकभाव) व्यक्ति को हिंसक बनाते हैं। हृदय परिवर्तन का तात्पर्य है, संवेगों का परिष्कार करना एवं इनके स्थान पर नए संस्कारित बीजों का रोपन करना। सैद्धान्तिक प्रशिक्षण के सूत्र 1. लोभ का अनुदय शरीर और पदार्थ के प्रति अमूर्छाभाव का प्रशिक्षण 2. भय का अनुदय अभय (आत्मौपम्यभाव) एवं शस्त्र निर्माण और शस्त्र-व्यवसाय न करने की सङ्कल्पशक्ति का प्रशिक्षण वैर-विरोध का अनुदय मैत्री एवं प्रतिशोधात्मक मनोवृत्ति से बचने का प्रशिक्षण 3. क्रोध का अनुदय क्षमा का प्रशिक्षण अहङ्कार का अनुदय विनम्रता, अहिंसक प्रतिरोध एवं अन्याय के प्रति असहयोग का प्रशिक्षण 6. क्रूरता का अनुदय करुणा का प्रशिक्षण असहिष्णुता का अनुदय साम्प्रदायिक सद्भाव का प्रशिक्षण एवं भिन्न विचारों को सहने का प्रशिक्षण अहिंसा के विकास के लिए निम्न निर्दिष्ट अनुप्रेक्षाओं (भावनाओं) का अभ्यास आवश्यक है -
SR No.034026
Book TitleAhimsa Darshan Ek Anuchintan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnekant Jain
PublisherLal Bahaddur Shastri Rashtriya Sanskrit Vidyapitham
Publication Year2012
Total Pages184
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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