SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 7
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( vii ) 13 15 16 11. 10 12. विषयानुक्रमणिका सहायता ही धर्म है सबसे बड़ा कर्तव्य परोपकार गुणग्राही बनना चाहिए पाप का मूल किसी का बुरा करना अज्ञानता है परोपकार ही जीवन है एकता में बल है अब पछताये होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत स्वर्ग और नरक खुद को जानो जो बोता है, वही काटता है लालच बुरी बला है द्वेष नहीं करना चाहिए कबूतर की बुद्धिमानी सफलता की चाबी मेहनत सब पत्थर हैं भय और आशा विचित्र स्वभाव आपसी फूट के कारण पिटे सत्य का बल करनी का फल निराश नहीं होना चाहिए अपेक्षा समझना जरूरी सच्ची विद्वत्ता 22 24 14. 15. P ॐ 16. 36 39 42 44 22. 23. 45 24.
SR No.034003
Book TitleShikshaprad Kahaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKuldeepkumar
PublisherAmar Granth Publications
Publication Year2017
Total Pages224
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size477 KB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy