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________________ 50 शिक्षाप्रद कहानियां राम नाम लड्डू गोपाल नाम घी। जब लगे भूख, घोल- घाल पी॥ दूसरा बोलाराम नाम शमशेर पकड़ ले, कृष्ण कटारी बाँट दिया। दया धर्म को ढाल बना ले, यम का द्वार जीत लिया। तीसरा बोला साहिब मेरा बानिया, सहज करे व्यौपार। बिन डंडी बिन पालड़े, तोले सब संसार॥ चौथा बोलाराम झरोखें बैठके, सबका मजरा लेय। जैसी जाकी चाकरी, ताको तैसी देय॥ पाँचवा बोला जात-पाँत पूछै नहिं कोय। हरि को भजै सो हरि का होय॥ साधुओं द्वारा कहे गए दोहों को सुनकर बीरबल बोला- महाराज पहला साधु ब्राह्मण है, दूसरा क्षत्रिय, तीसरा वैश्य, चौथा शूद्र और पाँचवाँ वर्णसंकर है। बादशाह ने साधुओं से पूछा- क्या बीरबल महाशय सही फरमा रहे हैं। तो उन सब ने अपनी स्वीकृति दे दी। लेकिन बादशाह को बीरबल पर बड़ा आश्चर्य हो रहा था कि इन्होंने यह सब कैसे जान लिया। और आखिर में बीरबल से यह पूछ ही लिया कि आपने कैसे जाना? __यह सुनकर बीरबल बोला- महाराज! इन्होंने जो दोहे कहे हैं, उनमें इनके कर्मों की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। ब्राह्मण खाने के
SR No.034003
Book TitleShikshaprad Kahaniya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKuldeepkumar
PublisherAmar Granth Publications
Publication Year2017
Total Pages224
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size477 KB
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