SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 97
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनयन्भार्गवस्य वै] श्लोकपादसूची [अनर्थो ब्राह्मणस्यैषः अनयन्भार्गवरख वै 13. App. 9A. 122 post. अनयन्मृत्युलोकाय 7. 120.74. अनयन्यमसादनम् 6.92. 454. 10. 8. 121". अनयस्य फलं तस्य 9.2.58. अनयस्यास्य तु मुखं 5. 173.7. अनयं मधुसूदनः 16.7.11". अनया किं मया कार्य 12.59. 107'. अनया क्रुद्वया दृष्ट्वा 3. 1001*.2 pr. अनया गदया चाहं 9.203*. 1 pr. अनया चैव भक्त्या ते 13. 14. 176. अनया छन्द्यमानोऽहं 13. 2. 64. अनयात्तव भारत 6.55.5. अनयानामकोविदाः 5. 82. 174. अनयानुगतासबाम् 3. 1280*. 1 post. अनयान्नान्धपद्यत 7.61.21". अनयान्मत्कृतादथ 15.14.54. अनया पितृभक्त्या च 1.71*.2 pr. 3. 81.24. अनया शक्यमोह 15.24.7. अनया सह लोकांश्च 13. 2. 84. अनया सह संप्रीतिम् 1. 76. 336. अनयाहं वशीभूतः 12.295.30%. अनया हि तपस्विन्या 9. 47. 490. अनयाः संप्रवर्तेरन् 12. 68. 296. अनयेनोपवर्तन्ते 12.92. 23. अनयो देवलोकस्य 3.221. 500. अनयो दैवविहितः 2. 45. 55deg. अनयो नयसंकाशः 2. 72.90. 5. 34. 7993 141. 44. अनयो योऽयमागन्ता 5. 48. 34". अनयोरपि शाखयोः 3. 323*. 1 post. अनयोरिति मेनिरे 7.76. 21%, 31. अनयोर्मातुलेयं च 2. 239*. 1 pr. अनयोर्यः परतरः 12. App. 17B.61 pr. अनयोर्लक्ष्यते त्वयि 1. 197.74. अनयो:रयोयुद्धे 9.57.20. अनयोर्वेन्यसंसदि 3. 183. 17. अनयोस्तु निबोध त्वं 12. 161. 196. अनयोस्तु प्रभावेन 8. 1001*. 4 pr. अनयोः कथितं द्वयोः 12. 192. 104. अनयोः को भवेत्सूर्यः 12. 350. 14. अनयोः सदृशं वीर्य 4. App. 51. 13 pr. अनरण्यो नरपतिः 13. 708.2 pr. अनर्धेयस्य भारत 2. 513*. 1 post. अनर्धया महाराज 13. 51. 22". अनर्चयित्वा योऽशाति 14. App. 4. 980 pr. अनर्जुनमिमं लोकं 7.56.24". अनर्जुना न शक्ष्यन्ति 7. 133. 488. अनर्जुनायां च भुवि 7. 120. 140; 1142*. 1 pr. अनर्थकमिदं सर्व 7. App. 13. 3 pr. अनर्थकं मे दर्शितवानसि त्वं 8. 48. 5. अनर्थकं विश्वासं गृहेभ्यः 5. 33. 80". अनर्थ कपु को भायः 3. 118. 38. अनर्थतैश्च चिन्तनम् 2. 5. 97. अनर्थनिपुणाः पारा: 13. App. 15. 4635 pr. अनर्थमर्थतः पश्यन् 5.34.59". अनर्थमर्थ मन्यसे राजपुत्र 2.01. 11". अनर्थमर्थ मन्माना 5.93.60". अनर्थमात्मन्यपि वर्तमानम् 5. 160. 12. अनर्थमिच्छन्ति नरेन्द्र पापाः 3. 24. 10. अनर्थमिति मन्यन्ते 3.34. 36. [अनर्थरायोऽस्यर्जुन नैव साधुः 8.679.2. अनर्थसंशयापन्नः 5. 178. 20. अनर्थस्य न कामोऽस्ति 12. 161.24. अनर्थस्य विघातने 13. App. 15. 1452 post. अनर्थ प्राज्ञसंमतः 4.4.2. अनर्थ प्रियमप्रियम् 12.313. 38. अनर्थ बाधते ह्यर्थः 13. App. 15. 1455 pr. अनर्थ संशयावस्थं 3.33. 40%. अनर्थः प्रतिपद्यते 2. 15. 4'. अनर्थाचरितं तात 2.50.6". अनर्थाधर्मशोकांस्तु 13. App. 15. 1559 pr. अनर्थानामधिष्ठानम् 12. 153.1".. अनायो पपद्यते 5. 34.744. अनर्थार्थमथाप्यन्यत् 12. 128. 38. अनर्थार्थमवाप्याथै 12. 285*. 2 pr. अनर्थाश्चार्थरूपेण 2. 72. 10". अनर्थीश्च बहूनन्यान् 12. 154. 13. अनीश्चार्थरूपेण 12. 105. 37. अनर्थाः क्षिप्रमायान्ति 5. 38. 37. अनर्थित्वान्मनुष्याणाम् 13. 38. 16". अनर्थे किं प्रसक्तस्त्वं 12.316.33. अनर्थे चार्थसंज्ञस्त्वं 12.316. 27. अनर्थे चैव निरतं 5. 187*. 1 pr. अनर्थे जातिनिर्बन्धं 5. 104. 1". अनथैविप्रलुप्यन्ते 12. 137. 1030. अनर्थोऽपि भवत्यर्थः 12. 168.51". अनर्थों ब्राह्मणस्यैवः 13. 337*.2 pr. पादसूची-12 -89 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy