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________________ अनन्यदेवता नित्यं ] महाभारतस्थ [अनयन्भरतोत्तम 3D अनन्यदेवता नित्यं 7. App. 8. 184 pr. अनन्यदेवताभक्ताः 14. App. 4. 1668 pr. अनन्यदेवताभक्तिः 12.888*. I pr. अनन्यदेवालयगतिः 12. 888*. 4 pr. अनन्यपूर्वी राजेन्द्र 5. 172. 16". अनन्यभक्तस्य सतः 12. 321.29. [अनन्यभकाद्यवीक्षणम् 12. 888*. 4 post. अनन्यभकाः प्रियवादिनश्च 12.286. 1. अनन्यभावशुश्रूषाः 4. App. 17. 11 pr. अनन्यभावेन सदा 7.1416*. 1 pr. अनन्यमनसस्ते मां 13. App. 3A. +21 pr. अनन्यमनसा तेन 12.319.220. अनन्यमनसा देवि 13. App. 15. 4317 pr. अनन्यमनसो दान्ताः 13. App. 3. 115 pr. अनन्यमनसो धीराः 13. App. 34. 432 pr. अनन्धमनुता हरेः 12. 888*. I past. अनन्यमिदमैश्वर्य 7. 10. 484. अनन्यया च भक्त्या च 12. App. 17C. 151 pr. अनन्यसदृशं लोके 8.21 400. अनन्यसेव्यता विष्णोः 12. 898*.pr. अनन्यस्त्रीजनः प्राज्ञः 12. 186. 11. 13. 190*. 1 pr. अनन्यं शुभकाननम् 3.791*. 1 post. अनन्यः पार्थ मत्तस्त्वं 3. 13. 40". अनन्याय॑त्वमेव च 12. 888*.2 post. अनन्याश्चिन्तयन्तो मां 6.31.29. अनन्या सर्वभावतः 13. 17. 1584. अनन्यासु सवर्णासु 7. App. 8. 655 pr. अनन्या हि नरव्याघ्र 3.31.9". अनन्यां त्वं प्रतीक्षस्व 1. 672*.5 pr. अनन्यां नन्दयस्वाच 1.206.20deg. अनन्येनैव योगेन 6. 31.6. अनन्धयाः स्मृताः शब्दाः 12. App. 19.210 pr. अनपत्यकृतं यस्ते 1. 1197*. 3 pr. अनपत्यतैकपुत्रत्वम् 1.94.590. अनपत्यश्च यः क्वचित् 14. 19.6. अनपत्यस्तु राजर्षिः 3. 126.7. अनपत्यस्य दाशस्य 1. App. 35. 3 pr. अनपत्यस्य पुत्रोऽयं 3.293.90. अनपत्यस्य राजेन्द्र 1. 1973*. 8 pr. अनपत्यः शुभाल्लोकान् 1. 111.25deg. अनपत्या च या भवेत् 1.801.2post. अनपत्या भविष्यथ 13. 83. 490. अनपत्या महात्मना 6.86.7. अनपत्याय वीर्यवान् 1. 101.26. अनपत्यास्तदाभवन् 13. 83.51". अनपत्योऽपि विन्देयं 1, 11772pr. अनपत्योऽभवत्प्राणः 12,315,340. अनपत्योऽसि राजर्षे 5. 116.7M. अनपायीनि सर्वाणि 7. 131. 12. अनपाहतमेवेदं 12. 140. 21". अन रेक्षः शुचिर्दक्षः 6. 34. 166. अनपेक्षो नरर्षभ 7. 60. 314. अनपेक्ष्य च पौरुषम् 6. 40. 25". अनपेतानि वै शूरात् 11. 23. 32. अनभिज्ञ इवाध्वगः 5, 63. 1". अनभिज्ञश्च दुःखानां 13. 110.896. अनभिज्ञश्च साचियं 13.149.6. अनभिज्ञायमानैव 3. App. 10. 5 pr. अनभिज्ञेयरूपाणि 3. 21. 30. अनभिज्ञेयरूपां च 7. 172. 34deg.. अनभिध्या परस्वेषु 13. 13.5". अनभिमतमसेवितं च मूढः 12. 172. 25deg. अनभ्यस्तः पुनस्तैर्हि 4. App. 45.51 pr. अनभ्याहतचित्तः स्यात् 12.237. 160. अनभ्याहतवाक्तथा 12.237. 16". अनभ्रे च महाघोरं 6.2.394. अनभ्रे प्रववर्ष द्यौः 2. 42. 250. 7. 6. 25". अनभ्रे विद्युतश्चासन् 2.71. 25. अनभ्रेशनिनिर्घोषः 5. 82.5M. अनभ्रे स्तनयित्नुमान 6. 19. 364. 7. 167. 14. अनमित्रमथो ह्येतत् 12. 170.8. अनमित्रोऽथ निर्बन्धुः 14. 19. 6. अनम्बूकृतमग्रस्तम् 5. 89. 17". अनम्यं धनुरानाम्य 1. App. 104.7 pr. अनयं चूतरूपेण 3. 11. 13. अनयत्पुरुषास्ववित् 8.51. 27". अनयत्प्रेतराजस्य 6. 100. 1 . भनयत्स्कन्दतां ततः 3. 214. 16d. अनयत्स्वपुरं प्रति 13. 139. 14. अनयद्भगवान्वशी 3. 185. 19. अनयद्यमसादनम् 6. 60. 314, 324, 13; 75. 114; 79. 154.7. 18. 1543; 24.264; 108. 384; 134. 49". 8.55. 184. 9. 20. 84. अनयद्यः पुरा संख्ये 11. 17. 16. अनयन्परलोकाय 6.99. 184. अनयन्भरतोत्तम 1. App. 118. 121 post. -88 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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