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________________ कृतं च कदनं महत् ] महाभारतस्थ [कृतं मताक्षेण यथा न साधु कृतं च कदनं महत् 8. 16. 56. कृतं चक्रगदाधर 14. 2. 11'. कृतं च ते द्वारमपावृतं मया 4. 6. 144. कृतं च भवता सर्व 9. 4. 3. कृतं च विकृतं किंचित् 13. 6. 286. कृतं च समय भित्त्वा 12. 112. 77. कृतं चाकृतमेव च 13. 63. 10. कृतं चापि ततो मया 1. 66. 144. कृतं चापि पुरा सखे 1. 1796*. 1 post. कृतं चैव पराङ्मुखम् 3. 221. 476. कृतं जानाति वै जनः 3. 215. ॐ. कृतं तच्चापि ते श्रुतम् 4. App. 1. 42 post. कृतं तत्क्षन्तुमर्हसि 3. 122. 216. 13. 439*. 4 post. कृतं तत्र समन्ततः 9. 14. 37'. कृतं तत्सकलं तेन 9.3.37. कृतं तत्सकलं मया 3. 33. 45f. कृतं तदा मातृकृतानुरूपम् 8. App. 28.28. कृतं तदिति चिन्त्यताम् 1. 1377*. 8 post, कृतं तद्भवता तथा 3. App. 7. 1 post. कृतं तद्विदितं मम 7. 166. 19". कृतं तात शुभं त्वया 1. App. 86. 72A 2 post. कृतं तीर्थावगाहनम् 18. App. 3. 12 post. कृतं तु कर्म तत्सर्व 4. 64. 19. कृतं ते कर्म दुष्करम् 3. 116. 16. कृतं ते कामलुब्धया 1.78.2". कृतं ते तन्महाद्भुतम् 3. 297. 15. कृतं ते द्विजसत्तम 1. 124.4". कृतं तेन पुरा सर्व 1. 173.2. कृतं तेन भविष्यति 13. 60.8. कृतं तेन महच्छ्राद्धं 13. App. 14. 242 pr. कृतं तेन महात्मना 2. App. 21. 382 post. 7. 158. 30*. कृतं तेन युधिष्ठिर 14. App. 4. 2280 post. कृतं ते पन्नगाशुभम् 13. 1. 30. कृतं ते स्याजनार्दन 5. 122.4". कृतं वेता द्वापरश्च 3. 3. 226. 12. 92.6%3; 139. 10". कृतं त्रेता द्वापरं च 6. 11 30. कृतं स्वया पारलोक्यं च कार्य 5. 27. 12. कृतं स्वया महत्कार्य 3. 275. 34. कृतं दत्तं यथा यावत् 13. App. 15. 3415 pr. कृतं दानवसूदनम् 1. 127. 12. कृतं दृष्ट्वा सुदुष्करम् 6. 49. 134. 7. 101. 11. 8. 43. 76. कृतं देतेयविग्रहे 5. 103. 11'. कृतं धर्मफलं भवेत् 13. App. 15. 3459 post. कृतं धर्ममवेक्षता 2. 38. 200. कृतं धर्मरिरंसया 1. 2023*. 1 post. कृतं धर्मस्य पीडनात् 9. 59. 19. कृतं न फलति प्रिये 13. App. 15. 3477 post. कृतं न सज्यं महतोऽपि यत्नात् 1. 1847*. 4. कृतं नागस्य भारत 5. 103. 1". कृतं नाम युग तात 3. 148. 10deg. कृतं निमित्तं हि वरैकहेतोः 1. 190.26. कृतं निःशेषमाहवे 1. 2. 163. कृतं नूनं भविष्यति 4. 1079*. 3 post. कृतं नेत्रसहस्रेण 13. App. 15. 1300 pr. कृतं पापमरिंदम 3. 49. 18. कृतं पापमिदं ब्रह्मन् 10. 15. 18". कृतं पापं यतो गतिः 13. 42. 23. कृतं पार्थिवसत्तम 12. 24. 10. कृतं पार्थेन धीमता 7. App. 18.7 post. कृतं पार्थेन संयुगे 7. 16. 4. कृतं पुण्यचिकीर्षुणा 1. 56. 254. कृतं पुत्र त्वया सर्व 13. App. 9. 126 pr. कृतं पूर्व सुदारुणम् 13. 9. 10. कृतं पूर्व सुदुष्करम् 5. 48. 36deg. कृतं प्रियं मया तेऽद्य 14. 80. 13. . कृतं बलवतां वर 3. 297. 15. कृतं बाष्पविमोक्षणम् 4. 20. 14. कृतं बीभत्समयशस्यं च कर्म 1. 1. 153deg. कृतं बुद्धिप्रबोधनम् 1. App. 1. 44 post. कृतं बृहस्पतिमतं 7. 37*. 10 pr. कृतं ब्रह्मन्क्षमस्व माम् 1. 822*. 3 post. कृतं ब्रूहि यथातथम् 1. 1100*. 1 post. कृतं भगनिरन्तरम् 13. App. 15. 1295 post. कृतं भर्तुस्त्वयानृण्यं 3.281. 19. कृतं भवति तैः श्राद्धं 13. App. 14. 164 pr. कृतं भवति पुष्कलम् 13. App. 14. 229 post. कृतं भवति भीष्म यत् 2. 38. 27. कृतं भवति शाश्वतम् 13. App. 14. 365A 1 post. कृतं भवति सर्वत्र ll. 11*.6 pr. कृतं भवद्भिः सदृशं 9.64. 296. कृतं भावयतेऽपि वा 12. 211. 27. कृतं भीमसहायेन 16. 9. 30deg. कृतं भीमेन संजय 8. 35. 1. 10. 1.76. कृतं भीष्मेण शंतनुः 1. 94. 94. कृतं मणिमयं भाण्डं 2. 3. 2. कृतं मताक्षेण यथा न साधु 3. 225. 24". -796 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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