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________________ कर्माण्यात्मनि मन्यते] श्लोकपादसूची [कर्शयन्तीतरेतरम् WM11 कर्माण्यात्मनि मन्यते 12. 292. 43d. कर्माण्याद्यन्तवन्तीह 12. App. 17B. 149 pr. कर्माण्याधाय चात्मनि 12. App. 19. b post. कर्माण्यारभते कर्तुं 5.66. 14. कर्माण्युक्तानि युष्माभिः 4. 4. 1". कर्माण्युक्त्वा पृथक्पृथक् 4. 103*. 1 post. कर्माण्यूर्जितकर्मणः 7. 49. 16. कर्माण्येकेन सत्तम 10. 2. 3. कर्मातिरेकेण गुरोः 12. 234. 17. कर्मात्मञ्जय कर्मद 6.61. 53. कर्मात्मा त्वपरो योऽसौ 12. 339. 15. कर्मात्मा न करोति चेत् 13. App. 15. 2334 post. कर्मात्मा सह वर्तते 13. App. 15. 2504 post. कर्मात्यन्तसुखावहम् 12. 742*. 2 post. कर्मात्रेः सुमहात्मनः 13. 141. 14, 14. कर्मानुकीर्तनं चैव 5. 148. 70. कर्मानुबन्धीनि मनुष्यलोके 6. 37. 24. कर्मानुमन्ता ब्रह्मा मे 14. 25. 15. कर्मानुमानाद्विज्ञेयः 12. 244. 11". कर्मानुरूपा भवतीह पुंसाम् 13. App. 14. 405A 15. कर्मान्तरमुपासन्तः 2. 33. 39. कर्मान्तरेषु यज्ञस्य 1. 1. 58deg. कर्मान्तरेषु विधिवत् 1. 53.29deg. 12. App. 32. 13 pr. कर्मान्तरेष्वकथयन् 1. 53. 31". कर्मान्तविहिते लोके 12. 149. 11". कान्वेति स्वयंकृतम् 5. 40. 164. कर्मापानस्य तन्मतम् 13. App. 15. 4264 post. कर्मारधौतैर्निशितैलद्भिः 9. 19. 130. कारपरिमार्जितम् 7. 47. 12. कारपरिमार्जितान् 6. 107. 45%; 109. 184. 7. 114. 40%; ___121. 11. कारपरिमार्जिताम् 7. 144. 226. कारपरिमार्जिताः 8. 40. 32. कारपरिमार्जितैः 7. 20. 21. 8. 9. 34. 9. 14. 14deg; 23. 5803; 142*. 1 post. कारभेद्यञ्च धर्मानपेतम् 5. 135*. 1. कर्मारम्भो ननाश ह 13. App. 15. 2847 post. कारारिष्टशालासु 12. 69. 47". कर्मार्जुन महाहवे 8. 14. 58. कर्मार्थ चैव भारत 13. 24. 46. कर्माशुभं पश्यति वर्जनीयम् 12. 194. 134. कर्मास्येदं भवेदिति 2. 375*. 1 post. कर्माहकार एव च 13. App. 11. 121 post. कर्मिणामन्ववेक्षणे 12. 41. 11. कर्मिणां तन्महाफलम् 13. 301*.7 post. कर्मिभ्यश्चाधिको योगी 6. 28. 46. कर्मेज्या मानवानां च 13. 140. 36. कर्मेति प्रथितं भुवि 4. 55.74. कर्मेदमकरोत्कथम् 11. 24. 13. कर्मेदं कृतवानसि 7. 118.4. कर्मेदं कृतवानसौ 10. 8. 145". कर्मेदं नस्तथाविधम् 12. 10. 124, 134. कर्मेदं नस्तथोपमम् 12. 10. 9, 10, 11. कर्मेदं संप्रदृश्यते 3. 200. 30'. कर्मेदं सात्यकिः स्वयम् 11. 60*. 2 post. कर्मेन्द्रियाणां पञ्चानां 12. App. 29C. 122 pr. 13. App. 3. 309 pr. कर्मेन्द्रियाणां सर्वेषां 12.295.4". कर्मेन्द्रियाणि वाक्पाणिः 13. App. 15. 4173 pr. कर्मेन्द्रियाणि संयम्य 6. 25. 6. 12. App. 17B. 124 pr. कर्मेन्द्रियार्थाञ्जानीयात् 13. App. 15. 4177 pr. कर्मेन्द्रियैः कर्मयोगं 6. 25.7. कर्मे सुते कृतं राष्ट्रं 8. 560*. 1 pr. कर्मेहोक्तं तथामिषम् 12. 17. 16. कमैतत्पार्थ शक्रेण 7. 207*. 1 pr. कमैतत्सुप्रियं मम 4. 3. 24. कमैतये समास्थिताः 1. 16. 31'. कमैतद्विधिवत्प्रभो 1. 51. 14. कमैतद्वै न सदृशं 3. 198. 18. कमैंर्वापि शुभाशुभैः 13. 312*.2 post. कमैव पुरुषस्याह 12. 262. 25deg. कर्मोत्कर्ष न मार्गेत 12. 276.24". कर्मोदयं सुखमाशंसमानः 5. 26. 4". कर्मोदये कर्मफलानुरागाः 5. 42.8%. कर्मोदये बुद्धिमतिप्रविष्टाम् 3. 184. 16. कर्मोपमानं न हि विद्यते ते 6. 106*. 10. कौपयिकमात्मनः 7. 145. 476. कर्शनं निग्रहो वधः 12. 108. 22. कर्शनं भीषणं चैव 15. 12. 4. कर्शनार्थो हि यो धर्मः 3. 34. 21". कर्शनेन तथैव च 1. App. 103. 78 post. कर्शयत्यपि बान्धवान् 7. 57.8. कर्शयत्यरिकर्शनः 7. 152. 124. कर्शयदेहमात्मनः 7. App. 8. 177 post. कर्शयन्तः शरीरस्थं 6. 39. 6deg.. कर्शयन्तीतरेतरम् 12. 108: 12. -669 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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