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________________ करोति भृशदुःखितः] महाभारतस्थ [कर्णकार्मुकनिःसृतान् करोति भृशदुःखितः 15. 18.9. करोति यः शुभं कर्म 12. 280. 18. करोति यादृशं कर्म 12. 279. 21. करोति येन भोगी स्यां 12. 284.9deg. करोति वा स रूपाणि 13. App. 4. 36 pr. करोति विकरोति च 3.31. 338. करोति विघसं बहु 3. 2. 61. 12. 17.8; 24*. 1 post. करोति विविधाः क्रियाः 12. App. 26. 55 post. करोति वृषभध्वजः 7. 172. 90f. करोति सततं शान्ति 13. App. 18. 147 pr. करोति सद्भिः संसर्ग 12. App. 21.6 pr. करोतीह तपोधनाः 3. 218. 8. करोतीहाविचक्षणः 12. 227. 30. करोतु तव सर्वशः 7. 69. 47. करोतु पटहोन्मिश्रं 8. App. 25.8 pr. करोतु भीमः समयं 9. 334*. 1 pr. करोतु भृतकोऽवर्षी 13. 96. 336. करोतु वे भवान्सत्रं 3. 139. 10. करोतु स्वमभिप्रायं 15.8. 11'. करोतु स्वस्ति ते ब्रह्मा 7. 69. 41". करोत्यभीक्ष्णं संस्पृष्टं 12. 104. 47". करोत्यमलमात्मानं 12. 289. 330. करोत्यमितदक्षिणः 7. App. 8. 618 post. करोत्यमितविक्रम 3. 80. 28deg. करोत्ययमनीश्वरः 15. 42. 17. करोत्ययं कर्मफलं निविष्टः 12. 194. 20. करोत्यर्थ शक्तिमहापयित्वा 5. 40. 1. करोत्यल्पमतिः सदा 13. 131. 100. करोत्यविमनाः सदा 13. 134. 42. करोत्यश्वांश्च मृन्मयान् 3.278. 13. करोत्यसुकर कर्म 6. 46. 18. करोत्याज्ञामतन्द्रितः 13. App. 15. 3050 post. करोत्याहारमिति मां 15. 5. 11. करोत्युपरमं काले 12.212.37. करोत्विति ममेति वै 1. 38. 26. करोमि कदनं महत् 4. 20. 2. करोमि कमलेक्षण 9. 237*. 12 post. करोमि कर्म शुक्लं च 4. 39. 180. करोमि कामं कं तेऽद्य 7. 11. 4. करोमि किं च ते शक्र 3.218. 19. करोमि किं ते प्रियमद्य सुन्दरि 4. 633*. 20. करोमि कुरुनन्दन 6.41. 39. करोमि तव साहाय्यं 1. 142. 26deg. करोमि तं याहि तथा प्रवृत्तः 4.904*. 1. करोमि द्विजसत्तम 3. 204. 25. करोमि धर्ममित्याह 5. App. 9. 15. pr. करोमि नृपसत्तम 6. 41. 80. करोमि यद्वो हितमद्य देवाः 3. 98. 20. करोमि विदिता हि मे 3. 275. 22. करोमि वेणीषु च पुष्पपूरकान् 4. App. 9. 19. करोम्यतिसुदुष्करम् 4.292*.2 post. करोम्यहमतन्द्रितः 3.204. 15. करोम्येनं प्रदक्षिणम् 3. 102.4. करोम्येष विनिश्चयम् 1. 94. 874. करोषि केशान्स्वयमेव भामिनि 4. 267*. 12. करौ कृत्वोरसि स्थिरौ 7. 793*. 1 post. करौ जलजसंनिभौ 12. 24. 24. करौ तैरश्रुबिन्दुभिः 14. 55. 13. करौ धुन्वन्पुनः पुनः 9.2.2. करौ प्रच्छेदयामास 12.24. 19%. कर्कराकर्करौ चोभौ 1. 31. 15. कर्करो वेणुजङ्घश्च 2. 4. 15. कर्कशत्वमुपेयिवान् 3. 138. 114. कर्कशाश्च विनीताश्च 7. 87. 33deg. कर्कशैः प्रवरैर्योधैः 7. 87. 35deg. कर्कशौ संगमक्षमौ 13. 19*. 20 post. कर्काणां हेममालानां 13. 106, 16. कर्कोटकधनंजयौ 1. 31. 5. 2. 9. 94. 5. 101. 9. 8. 260*. 1 post. 13.699*.2 post, कर्कोटकविर्ष तीक्ष्णं 3.70. 27. कर्कोटकविषादग्धः 3. 343*. 1 pr. कर्कोटकस्य नागस्य 3. 301*. 1 pr.; 358*.1 pr. कर्कोटकाम्वीरकांश्च 8. 30. 45deg. कर्कोटकोऽथ शेषश्च 1. 114. 60*. कर्कोटको वासुकिस्तक्षकश्च 16. 5. 14". कर्ण इत्यभिविख्यातः 1. 564*. 1 pr. कर्ण इत्येव तं बालं 3. 1350*.2 pr. कर्ण उच्चारयम्युधि 8. 27. 13. कर्ण एकरथेनैव 8. App. 18.75 pr. कर्ण कर्ण महेष्वासः 7. 157. 33%; 165. 338. कर्ण कर्ण वृथादृष्टे 7. 123.8".8. 33. 1l". कर्ण कर्णेति चक्रन्दुः 7. 13*. 1 pr. कर्ण कर्णेति नित्यशः 7. 158.5". कर्ण कामयसेऽर्जुनम् 3.285. 17". कर्णकायावदारणम् 8. App. 12. 26 post. कर्णकार्मुकनिःसृतान् 7. 106. 34. -646
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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