SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 653
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ करिष्ये सफलामहम् ] रलोकपादसूची [करोति भगवान्विभुः करिष्ये सफलामहम् 14.54. 32. करिष्ये संभवं गतः 12. 337. 34. करिष्ये सूतबन्धुना 4. 910*. 27 post. करिष्येऽहमपज्वरम् 1. 38. 33deg. करिष्येऽहमसंशयम् 13. App. 14. 38A 7 post. करिष्येऽहं यथागमम् 12. 343. 1'. करिष्येऽहं वचस्तव 1. App. 81.7 post. करिष्येऽहं समुच्चयम् 1. App. 3. 13 post. करीणां दुःसहोऽभवत् 3. App. 10. 33 post. करीरी वेत्रसंयुता 12. 83. 46. करीरैः पीलुभिस्तथा 9. 36. 584. करीषिणी चित्रवहां 6. 10. 16. करुणं परिदेवतीम् 5. 172. 214. करुणं परिदेवितम् 3. 54. 21. करुणं पर्यदेवयत् 3.7.50; 292. 84.9. 28. 584. 10.9.184. करुणं बहु शोचन्तीं 3. 60. 19. करुणं मातृकाङ्ख्या 13. App. 20. 112 post. करुणं सा सुदुःखिता 12. 144. 9. करुणा समजायत 9.13*.1 post. करुणाहितचित्तानां 13. App. 20. 348 pr. करूशेन जिहीर्षया 2. App. 26. 2 post. करूपमथ शर्याति 1. 70. 13. करूपराजप्रमुखा नरेन्द्राः 5. 22. 264. करूषाधिपतिस्तथा 2. 4. 25t. करूषान्मत्स्य केकयान् 8. 51. 27'. करूषार्थे तपस्विनीम् 2. 42. 11'. करूषांश्च महाबलः 8. 56. 9. करूषांश्चेति भारत 6. 93. 376. करूषाः कोसलाः काश्याः 8. 8. 19deg. करे गृहीत्वा चरणं 2. 256*. 1 pr. करे गृहीत्वा राजानं 1. 188. 20. करे च विनिवेश्य च 2. App. 12. 70 post., 78 post., 83 post., 88 post., 114 post.; App. 39. 233 post. करे च विनिवेश्य तम् 2. 28. 37. करे च विनिवेश्ये सः 2. 307*. 5 post. ; App. 12. 16 post. करे च विनिवेश्य ह 2. 25. 18%; 27. 16. करे चैव म्यवेशयत् 2. 25. 24. करे जग्राह लक्ष्मणम् 3. 263. 26. करेण गृह्य महतीं 9. 24. 28deg. करेण च करं गृह्य 3. App. 25. 50 pr.. करेण जपतां वरः 9. 47. 58. करेण परिसान्त्वयन् 3. 44. 234. करेण पृथुलोचना 14. 55. 124. करेण बलसूदनः 3. 44. 25*. करेण रथमस्पृशत् 1. App. 119.6 post. करेणाताडयन्मुहुः 7. 189*. 4 post. करेणाभिजघान सः 3. 11. 28. करेणामित्रकर्शनः 6. 69.8%; 84. 20. 7. 141. 336. करेणुपरिवारिताः 3. 700*. 3 post. करेणुभिारणैश्च 3. 98. 15. करेणुभ्यामिव द्विपः 2. 16. 18. करेणुयूथैः सह यूथपानां 3. 25. 196. करेणुरिव रौति सा 4.463*.2 post.. करेणुः सूकरं स्पृशेत् 3. 262. 376. करेणूनां युधिष्ठिर 2. App. 21. 902 post. करेणूश्च स्वलंकृताः 12. 12. 28deg. करेणोद्दिश्य कश्यपः 12. 49. 57. करेण्वोरिव मध्यस्थः 1. 106. 9". करे पस्पर्श पाणिना 5. 154. 21. करेरितं पुरुषवरेण संयुगे 1. 17. 224. करेष्वेव न्यपीडयन् 7. 1270*. 1 post. करैरशास्त्रदृष्टैर्हि 12. 72. 15. करैस्तु करिणः शीघ्र 1. App. 118. 116 pr. करैः शब्दं विमुञ्चद्भिः 6. 92. 66. करैः सचरणैस्तथा 6. 44. 286. करैः सभुजगेव भूः 7. App. 15. 47 post. करोति कदनं चैषां 8. 31. 56. करोति कदनं महत् 3. 270. 236. करोति कर्म यद्वैश्यः 13. App. 14A. 17 pr.. करोति कर्माग्यमपारणीयम् 3. 120.7".. करोति कुर्वतः कर्म 12. 174.9. करोति च हितं वचः 10. 2. 21". करोति चेन्नमस्कारं 14. App. 4. 528 pr. करोति द्विषतां शोकं 5. App. 9. 104 pr. करोति न कथंचन 9. App. 4. 8 post. करोति न मदः पदम् 3. App. 20. 24 post. करोति पाण्डवो व्यकं 7.146. 47. करोति पापं योऽज्ञानात् 12. 153.2. करोति पुण्यं तत्रापि 12. 245. 10deg. करोति पुरुषः कर्म 14. 3. 2. करोति बहु पापकम् 10. 5.4". करोति भगवान्यूपं 13. App. 4. 28 pr. करोति भगवान्विभुः 13. 18. 22. .
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy