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________________ ओषधीनां पतिः सोमः] महाभारतस्थ [ औदकायां विरूपाक्ष .. ओंकाररथमारुह्य 13. 152*. 1 pr. ओंकारश्च मुखे राजन् 8. 24. 82deg. ओंकारश्चावसमेत्रे 13. 85.5. ओंकारस्त्वथ संस्कार: 12. 335. 47. ओंकारस्यात्र जायन्ते 5. 106. 14". ओंकारस्वरभूषितम् 12. 322. 34'. ओंकारः कल्पितस्तस्य 8. App. 2. 72 pr. ओंकारः सत्यमेव च 12. 192. 650. ओंकारः सर्ववेदानां 14.44. 5. ओंकारेण निमात्रया 1. App: 38. 6 post. ओंकारेण यथान्यायं 3. 83. 45". ओं तत्सदिति निर्देशः 6. 39. 230. ॐ नमस्ते सिद्धसेनानि 6. App. 1.7 pr. ॐ नमः सकलकल्याण 10.2*. 1 pr. * नमो विश्वगुप्ताय 3. 562*. 1 pr. ॐ नमोऽस्तु ते व्यास विशालबुद्धे 6. App. 2. 38. ॐ नमोऽस्तु वरदे देवि 4. App. 40. 10 pr. ; App. 4E. 12 pr. ॐ पक्षिराजेति जपंश्च सर्वदा 1. App. 17. 7. ॐ हृदि विकसितपद्मं सूर्यसोमाग्निबिम्ब 6. App. 2. 32. ओषधीनां पतिः सोमः 14. 43.8". ओषधीनां यवश्वास्मि 6. 101*. 1 pr. ओषधीनां यवास्तथा 14. 44. 84. ओषधीनां रसानां च 13. App. 9. 75 pr. ओषधीनां शिरांसीव 4. App. 45.72 pr. ओषधीमिर्विषन्नीभिः 1. App.72.75 pr. App. 73.115 pr. ओषधीभिस्तथा ब्रह्मन् 12.255. 32". ओषधीभिः फलैस्तथा 13. 10. 194. ओषधीरोषधीपतिः 3. 3.7. ओषधीर्दीप्यमानाश्च 1. 218. 32". ओषधीभरतर्षभ 13. 10. 26. ओषधीविविधास्तत्र 8. 24. 70*. ओषधीर्वीरुधश्चैव 8. App. 2.59 pr. ओषधीं वीर्यसंपन्नां 6.77. 10deg. ओषधीः क्षीरसंपन्नाः 13. 61.69%. ओषधीः फलसंपन्नाः 14. App. 4. 1056 pr. ओषधीः सवनस्पतीः 14. App. 4. 1587 post. ओषधीः सुमहाबलाः 2.48.6%. ओषधीः स्थावराणि च 10. 17. 18. ओषध्यश्च हविष्यताम् 14. App. 4. 2692 post. ओषध्यस्तेजसस्तस्मात् 12. 122. 45". ओषध्यः परिवर्तेरन् 10. 17. 25deg. ओषध्यः पशवो वृक्षाः 12. 260. 25". ओषध्यः पादपा गुल्मा: 12. 114. 11'. ओषध्यः प्रज्वलन्त्यश्च 13. App. 15. 190 pr. ओषध्यः षडूसा मेध्याः 3. 3. 8. ओषध्यः सर्वबीजानि 5. 138. 14. ओषध्यात्मानुसारिणी 12. 199.5. ओषध्यो ज्वलमानाश्च 13. 127. 15. ओषध्यो न प्रजज्ञिरे 9. 34. 58. ओषध्यो बहुवीर्याश्च 13. 101. 22deg. ओषध्यो रक्तपुष्पाश्च 13. 101. 29". ओषध्यो वसवस्तथा 13. 1. 48". ओषध्यो वीरुधश्चापि 3. 199. 50. ओषध्यो ह्यमृतं सर्व 13. 101. 18. ओष्ट्राः पुण्ड्राः ससैरन्ध्राः 6. 10. 56". ओष्ठावास्तां महात्मनः 12. 335. 484. ओष्ठौ च विलिहन्निव 5.73. 11. ओंकारध्वनिनादेन 6. App. 3L. 88 pr. ओंकारप्रभवान्वेदान् 14. 53. 84. ओंकारमग्रतः कृत्वा 12. App. 17B. 19 pr. ओंकारमादितः कृत्वा 12. 306. 14. ओंकारमुनिरन्वक्त्रात् 12.326.7. . औचथ्यमधिकृत्येदं 1. App. 57. 3 pr. औचित्यमथ वा प्रेम 1. 1493*.2 pr. औजसस्य तु पूर्वेण 3. 81. 144". औजसं नाम तत्तीर्थ 9. 45.92%. औजसं वारुणं तीर्थ 3.81. 1436. औडूश्च दण्डधारश्च 5. 4. 18". औतथ्यो वेदमत्रैव 1. 98. 9". औत्तकीं गुरुवृत्तिं वै 14. 55. 3. औत्पत्तिकान्यदृश्यन्त 2. App. 28. 113 pr. औत्पातिकमिदं राजन् 4.797*. 1 pr. औत्सुक्यमभवत्तदा 15. 29. 8. औत्सुक्यं च परं तथा 12. App. 29A. 33 post. औत्सुक्यं चागमन्परम् 13. App. 9A. 86 post. औदकं चाष्टकाश्राद्धं 13. App. 15. 3832 pr. औदकानि गृहाणि च 5. 47*. 4 post. औदकानि च रत्नानि 2. App. 33. 30 pr. औदकानि च सत्त्वानि 14. 87.7. औदकानि च सर्वाणि 13. 99. 3. औदकानीव सत्त्वानि 2. App. 41. 27 pr. औदकायामदीनात्मा 2. App. 21. 953 pr. मौदकायां विरूपाक्षं 2. App. 21. 1012 pr. - 602
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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