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________________ एषैव निष्ठा सर्वस्य ] .. महाभारतस्थ [ ऐकगुण्यमनीहायां एषैव निष्ठा सर्वस्य 12.,262. 42". एषैव बुद्धिर्जुषतां सदा त्वां 3. 894*. 1. एषोऽक्षकुशलो जिह्मः 7. 160. 31". एषोऽग्निरुत्थितः कष्टं 3. App. 10. 42 pr. एषोऽग्निरुत्थितः कष्टः 3. App. 11. 41 pr.; App. 12. 2 pr. एषोऽङ्गनावेषधरस्तरस्वी 4.794*. 3. एषोऽङ्गनावेषधरः किरीटी 4. 686*. 3. एषोऽञ्जलिरिदं नमः 15. 14. 15t. एषोऽतिमानी धृतराष्ट्रसूनुः 4. App. 53. 50. एषोऽत्र भगवान्श्रीमान् 3. App. 16. 120 pr. एषोऽद्य हत्वा युधि पाण्डवानां 8. 1110*. 5. एषोऽनुजो मोक्षयिता 13. App. 1A. 59A 3 pr. एषाऽन्तक इव क्रुद्धः 4. App. 46.5pr.; App. 52.7 pr. एषोपयाति बीभत्सुः 4. App. 52. 40 pr. एषोऽप्ययश्च प्रलयः 12. App. 29C. 155 pr. एषोऽप्ययस्ते राजेन्द्र 12. 300. 17". एषोऽर्जुनो नात्र विचार्यमस्ति 1. 180. 18deg. एषोऽर्जुनो रणे भीष्मं 6. 106. 20%. एषोऽर्जुनो रणे यत्तः 7. 142. 15. एषोऽव्ययस्य प्रलयः 13. App. 3.342 pr. एषोऽऽश्रमपदस्तात 12.61.21. एषोऽस्त्रविच्च संग्रामे 4. 1128*. 3 pr. एषोऽस्त्रविदुषां श्रेष्ठः 1. 125.12. एषोऽस्माकं कुलस्तम्बः 1. 41. 22".. एषोऽस्य पुत्रोऽभिमतः 5. 96. 126. एषोऽस्य हन्मि संकल्पं 8. 12. 34. एषोऽहं व्यक्तिमागम्य 12. 326. 66". एषोऽहं सगणं दैत्यं 2. App. 21. 279 pr. एषो हि वीरो बहुभुक्सदैव 1. 184.6". एष्टव्यस्तादृशो भवेत् 12. 118. 23deg. एष्टव्यं युद्धजीविभिः 7. App. 8. 11 post. एष्टव्यः शत्रुतापनः 13. 34. 34. एष्टव्यः सततं देवि 13. App. 15. 1254 pr. एष्टच्या बहवः पुत्राः 3. 82.85085.7. 13. 88. 14.. एष्टव्याः शतशस्त्वन्ये 5. 114.8. एष्टव्ये सति चिन्त्योऽहं 14.54. 13.. एष्टव्यो धर्मपरमः 12. 118. 16. एष्यतीह महाबाहुः 3. 180.3. . एष्वर्थेषूत्तरं तस्मात् 12. 308. 21deg. .. एहि कर्ण मया साध 4. 55.6". एहि केशव तातेति 1. App. 114. 35 pr. एहि क्षत्तद्रौपदीमानयस्व 2. 59. 1". एहि गच्छ प्रहितो ज़ातवेदः 14. 9. 8. - एहि गच्छ मया भीष्म 5. 179.6". एहि गच्छ सहास्माभिः 13. App. 9A. 116 pr. एहि गच्छाव मातले 5.99. 16. . एहि तत्र मया साधं 4. 15. 3. एहि त्वामभिषेक्ष्यामि 4. 32. 42. एहि दीन्य नलेन वै 3. 56. 44. एहि दीव्याव भारत 2. 67. 134. एहि दूत नृपं द्रष्टुं 2. App. 15. 145 pr. एहि पाण्डव दीव्येति 2. 67.2deg. एहि भूमिजयारुह्य 4. 689*. 1 pr. एहि मे त्वं हयान्यच्छ 4.36. 42. एहि मे रथमारोह 3. 251. 14deg.. एहि युध्यस्व संग्रामे 6.70. 13deg. एहि राजा भविष्यसि 5. 138. 4. एहि वत्स स्तनं पाहि 13. App. 9A. 160 pr. एहि वीर विशालाक्ष 4. 144*. 1 pr. एहि संजय मे सर्व 5. 156. 30. एहि साधै मया दीव्य 1. 18. 4. एहि सावित्रि गच्छ त्वं 3. 278. 236. एह्यर्जुन त्वया वीर 14. 71. 220. एयुत्तङ्क प्रतीच्छस्व 14.54. 17. एह्येहि काक शीघ्रं त्वं 8. 337*.2 pr. एह्येहि कुन्ति मा रोदीः 1. 1263*.7 pr. एह्येहि तृषितो वत्स 7. 397*. 1 pr. एह्येहि देवेश जगन्निवास 6.55. 94. एोहि पाञ्चालि जितासि कृष्णे 2. 60. 20%. एोहि पार्थ बीभत्सो 8. 50. 264. एह्येहि पुण्डरीकाक्ष 6. 102. 60%. एोहि पुत्र राजेन्द्र 9. 2. 9". एह्येहि पुरुषव्याघ्र 18. 3. 10. एह्येहि भरतश्रेष्ठ 18.3.378. एह्येहि भो स्पर्धसे त्वं 7. App. 1.3 pr. एह्येहि मे विप्रतीप 6. 117.80. एोहि वसुधे क्षिप्रं 7. App. 8. 789 pr. एोहि विदुर प्राज्ञ I. 1950*. 4 pr. एह्येहि सर्वे योत्स्यामः 6. 41. 92". एह्येहीति च तां कुन्तीं 1. App. 68.7 pr. एह्येहीति ततः सा तं 13. 41, 13". एह्येहीति पुनः पुनः 8. App. 13. 10 post. एोहीत्यब्रवीच्छल्यं 7. 14. 6. ऐकगुण्यमनीहायां 5. 133. 250. -598 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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