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________________ एषामिमानि दिव्यानि] श्लोकपादसूची [ एषैव तेऽस्तूपमा जीवलोके एषामिमानि दिव्यानि 4. 724*. 2 pr. एषामुद्धर्तकः काल: 12. App. 26. 53 pr.. एषा मृत्युर्देवदिष्टा प्रजानाम् 7. App. 8. 243. एषामेकैकशो राजन् 2.33. 250. एषामेकैकशोऽर्थानां 12. 308. 80deg. एषा मे दक्षिणा प्रोक्ता 13.73. 10. एषा में नैष्ठिकी बुद्धिः 2. App. 11. 17 pr. एषा मे परमा शक्तिः 5. 187. 30; 194. 18deg. एषा मे परमा शान्तिः 5. 52. 15*. एषामेव कृतो भागः 8. 23.7. एषा यजनभूमिर्हि 3. 83. 770. एषा यज्ञकृता पूजा 13. App. 15. 3447 pr. एषा यस्मात्प्रमुच्यते 12.235. 264. एषा रम्या विपाशा च 3. 130.8. एषा राजशतं समाः 1. 192. 24. एषा राजन्मतिर्मम 2. 13. 61. एषा विदीर्यते राजन् 7. 145. 480. एषा विदीर्यते सेना 8. 57. 160. एषा विद्या तथाविद्या 13. App. 11. 362 pr. एषा विरहिता तेन 3. 65. 18. एषा विराटदुहिता 11. 20. 4". एषा वेदी प्रविशत्याजमीढ 3. 114. 24. एषा वै द्रौपदी कृष्णा 3. 251. 50. एषा वै नैष्ठिकी बुद्धिः 1. 33. 28". एषा वै पर्वणां संख्या 1. App. 4.8 pr., 14 pr. एषा वै युध्यमानानां 7.50. 630. एषा वै वारुणी कन्या 5. 436*. 1 pr. एषा वै सर्वसत्त्वानां 11.6*. 1 pr. ; App. 1. 18 pr. एषा वैहायसैनित्यं 3. App. 16. 9 pr. एषा वो भावना मम 12. 327. 580. एषा व्यवस्थितिदेवि 13. App. 15. 2130 pr., 2227 pr. एषा शमी पापहरा सदैव 4. App. 2. 1. एषा शम्येकपत्रा सा 3. 129.6. एषा शान्तिः परा नृणां 13. App. 14. 335A 10 pr. एषा शिवजला पुण्या 3. App. 16. 7 pr. एषा श्रुतिर्महाराज 13. App. 3A. 563 pr. एषा सभा मया राजन् 2.7.26*. एषा सभा सव्यसाचिन् 2. 39*. 1 pr. एषा सरस्वती पुण्या 3. 130. 3. 13. 134. 150. एषा साधु मता च मे 10. 4. 31'. एषा सा यमुना राजन् 3. 125. 22". एषा सा षट्पदी स्मृता 3. 1387*. 2 post. एषा सांवत्सरी भृतिः 12. 60.254. एषा सुवर्णस्योत्पत्तिः 13. 401 . 1 pr. एषा सेवा समासतः 13. App. 15. 1426 post. एषा स्वर्गगतिः प्रोक्ता 13. App. 15. 3883 pr. एषाहमपि सैरन्ध्रीं 4. 289*. 11 pr, एषा हि तपसा स्वेन 13. 2. 820. एषा ह्यनईती बाला 2. 61.5". एषां कार्यगरीयस्त्वात् 3. 178. 4. एषां क्षपयितुं क्षमः 12. App. 11. 26 post. एषां गतिहीयते नात्र सर्वा 5. 342. 2. एषां गुणान्पृथक्त्वेन 3. 203. 36. एषां च पुरवासिनाम् 1. App. 103. 21 post. एषां चान्यतमत्यागः 1. 145. 39%. एषां तु पाण्डवेयानां 1. 1454*.2 pr. एषां तु पृष्ठतो रुद्रः 3. 221. 15. एषां तु बलपौरुषम् 4. 1144*.29 post. एषां देवनिकायानां 3. 247.70. एषां द्वैधं समुत्पनं 5. 165. 19". एवां नित्यविरुद्धानां 3. App. 32. 30 pr. एषां पराक्रमस्यान्ते I. App. 78. 15 pr. एषां पृथक्समस्तानां 12. 150. 15% एषां प्रियहिते रतौ 1. 199. 4. एषां मांसानि संस्कृत्य 1. 139. 10. एषां मुख्यतमो ज्येष्ठः 4. 359*. 1 pr. एषां यायावराणां तु 13. App. 15. 676 pr. एषां विंशतिरेकोना 6. 5. 18. एषां वृणीष्वैकतम पतित्वे 2. 68. 12. एषां वै पशवस्तथा 14. App. 4. 2687 post. एषां समुदयो दमः 12. 154. 16. एषां सुराणां तनयाः कथं नु 3. 119. 21deg. एषां सौम्यानि मित्राणि 12. 313*. 1 pr. एषां स्वराणां ज्ञाता च 1. App. 111. 47 pr. एषां हि नरदेवानां 7. 337*. 1 pr. एषां ह्येकैकशो राज्ञां 5.54. 276. एषितव्यं सदा वाचा 13. 10. 62". एषितस्यात्मनः काले 12. 344. 3. एषु चाग्निसमीपेषु 13. App. 3A. 293 pr. एषेदानी स्थिरो भवे 12, 295. 31". एषैकतोऽपि विभ्रष्टा 13. 115. 4. एषैव खलु मर्यादा 12. 140. 26. एषैव च नदी पुण्या 3. 630*. 12 pr. एषैव तु मम प्रीतिः 4. App. 33. 11 pr. 'एषैव ते बुद्धिरस्तु 13. 144. 44". एषैव तेऽस्तूपमा जीवलोके 13. 144. 10%. -597
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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