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________________ अथ तं पुरुषव्याघ्रम् ] महाभारतस्थ [अथ दानवसंघास्ते अथ तं पुरुषव्याघ्रम् 1. 208.9". अथ तं प्रमदाः प्राहुः 13.20.42. अथ तं प्रहरिष्यन्तं 13. 97. 190. अथ तं भग्नसर्वाङ्गं App. 21.7pr: अथ तं रथमायान्तं 8. 31. 37". अथ तं लोल.यित्वा तु 1. App. 93.32pr. अथ तं स्नायुपाशेन 13. 1. 114. अथ तात यदा सर्वाः 12. 79. 120. अथ तानबवी मी 3. 67. or. अथ तान्द्रौपई पुत्राः 6. 12. 18". अथ तान्द्विरदः कश्चित् 13. 84. 336. अथ तान्द्विरदान्व न् 8.59. 136. अथ तान्व्यथितान्दृष्ट्वा ! APP. 85.21 pr. भथ तान्समभिप्रेक्ष्य 6. 41. 00". अथ ता बुवतीः कन्याः 4.5. ". अथ तामब्रवीदृष्ट्वा 5. 13. 1". अथ तामब्रवीन्माता 13. 4. 22". अथ तामलभत्कन्यां 12.30.20% अथ तामष्टमे पुत्रे 1.92.16. अथ तामसितापाङ्गीम् 1. 161.6". अथ तामागतां दृष्ट्वा 2.532*. 1 pr. अथ तां पतितां दृष्ट्वा 7. 68. 63'. अथ तां पुनरवेदं 13.2.61". अथ तां राक्षसी मायां 3. 12. 10. अथ तां वयसि प्राप्ते 3.50. 11". अथ तां व्युषितो रात्रि 3. 70. 1". अथ तां संविशन्त्राह 13. 20. 484. अथ तूर्यसहस्राणि 8. 19. 45". अथ ते ऋषयः सर्वे 12. App. 295 127 pr. अथ ते गणिते राजन् 3. 70. 12. अथ ते तमसा अन्ताः 13. 141.31. अथ ते तोमरैः प्रासैः 6. 111. Grf. अथ ते दिवसं चारों 12: 253.34. अथ तेच मतिर्नष्टा 5. 116.2. अथ ते धर्ममुत्सृज्य 5. 21. 15. अथ तेन नरश्रेष्ठ 12. 316. 1". अथ ते न व्यवस्यन्ति 3. 3. 11". भथ तेन स शब्देन 13. 07.. अथ तेनव भगवान् 13. App. 13. ppr. अथ तेनैव मार्गेण 14.54. 200. अथ ते न्तर्हिता द्विजाः 3. 176. 234. अथ ते ब्राह्मणा ऊचुः 1. App. 90.3pr. अथ ते मन्त्रिणः सर्वे 13. 430*. 1 pr. अथ ते राक्षसाः प्रीताः 13. App. TA. 150 pr. अथ ते राक्षसाः सर्वे 13. 20.8". अथ ते लक्ष्यते बुद्धिः 12. 215. 104. अथ ते वै जयन्त्ये नं 13. 29. 15. अथ तेवूपविटेपु 1. 1.50; 200. 90. 2. 501*.5pr. अथ ते सर्व एवैनं 1. 221, 20deg. अथ ते सर्वशोऽशैः स्वैः 1. 58. 49". अथ ते हृदये राजन् 1. 197. 130. अथ तैदानवैः सार्धे 3. 221. 554. अथ तौ चक्रतुर्युदं 2. App. 39. 83 pr. अथ तो दानवश्रेष्टौ 12. 335. 274. अथ तौ नित्यसंहृष्टौ 1. 124. 300. अथ तो भगवान्याह 13. 53. 54". अथ तौ वध्यमानौ तु 7.67. 150. अथ तौ सहितौ राजन् 12. 193. 154. अथ तो सायकैस्तीक्ष्णैः 8. 9. 16. अथ त्यक्त्वा धनुर्वीरः 8. 42. 38". अथ त्रयोदशे मासे 1. 2032*. I pr. अथ त्रिगता बहवः 4. App. 20.6 pr. अथ बितो वृकं दृष्ट्वा 9.30.25. अथ त्वमपि राजेन्द्र 1. 1141*. I pr. App.BA.34 pr. अथ त्वमस्य मूधान 7. 121. 27". अथ त्वया न मार्यो हं 7.914*. 4 pr. अथ त्वरन्कर्णवधाय पाण्डवः 8. 67, 16. अथ त्वश्रोत्रियेभ्यो वै 14. App. 4. 2048 pr. अथ त्वं मन्यसे दुष्टं 1. 196. 27. अथ त्वं शकुने कमात् 2. 58.2. अथ त्वाचार्यमुख्येन 4.53. 43". अथ त्वाज्ञापयामास 1. 192.20". अथ त्वां पूजयिन्यामि 5. 133. 196. अथ विदानों तब रोचितं विभो 4.229*.. अथ विदानी तुमुले विमः 8.54. 14. अथ विमं प्रवक्ष्यामि 1. 113. 36. अथ त्वेवं न शक्रोति 13. App. 10. 47s pr. अथ दक्षिणमावृत्य 13. 10. 27. अथ दत्त्वा महीपाले 1. 1741*. 1pr. अथ दध्मुर्महाशङ्खान 7. 146. 490. अथ दपििन्धतो मोहात 5. 5. 9". अथ दांश्च वन्याश्च 13. 10. 264. अथ दर्भ तयोर्भूप 1. 1289*. 3 pr. अथ दस्युगणाः श्रुत्वा 7. App. 8. 315 pr. अथ दस्शुभयात्केचित् 8. 49. 430. अथ दानवसंघास्ते 3. 23. 4".
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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