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________________ अथ काकाः प्रजहसुः] महाभारतस्थ [ अथ चेदात्मभाग्येषु अथ काकाः प्रजहसुः 8. 28. 30. अथ काक्षीवतः पुत्रं 2. 16.220. अथ काचिद्भवेत्कन्या 13. App.TA. 81 pr. अथ काम्बोजमुख्यैस्तु 6. 67. 12". अथ कार्मुकमादाय 8. 8. 36". अथ कार्णायसैबर्बाणः 7.28. 40. अथ कालक्षयात्तस्मात् 13. App. 10. 391 pr. अथ कालस्य पर्याये 5. 147.210. अथ कालस्य महतः 1. 13. 3903; 36.6. अथ कालेन महता 3. 185. 134. 13. App. 13. 40 pr. अथ काले पुनीमान् 5. 114. 184. अथ काले बहुतिथे 3.62.2". 12. 347. 1". अथ काले महाप्राज्ञ 2. 16.344. अथ काले व्यतिक्रान्ते 9.50. 34". 13. 42.4. अथ काले व्यतीते तु 3. 128. 9". अथ काले शुभे प्राप्ते 3.54. 14. अथ काशिपतेभीष्मः 1. 96. 30. अथ किंचिदपश्यन्तौ 12. 335.55. अथ कूले स्वके राजन् 9.41. 264. अथ कृच्छ्रगता शान्तां 12. 168. 47. अथ कृत्वा प्रदक्षिणम् 12. App. 295.52 post. अथ कृत्वोपहार्याणि 13. 91.84. अथ कृमिः श्लेष्ममयो 12.3.6". अथ कृष्णं महाबाहुः 7.54. 90. अथ कृष्णोऽप्यसंभ्रान्तः 7. 64. 200. अथ कृष्णो बलाजित्वा 2. App. 21. 1493 pr. अथ कृष्णो महाबाहुः 7. 117. 47. अथ कृष्णौ महाभागी 7. 78. 46. अथ कृष्णौ शरशतैः 8. 12. 51". अथ केचित्प्रदृश्यन्ते 13. App. 15. 1763 pr. अथ केन प्रमाणेन. 13. 45. 11". अथ केन प्रयुक्तोऽयं 6. 25. 36". अथ केन स्म पर्य5.35.6. अथ केनानुभावेन 3.297. 69. अथ केनापि भारत 2. 13. 40". अथ कोशाद्विनिष्कृष्य 7. 117.534. अथ कोसलराजस्तु 7. 46.210. अथ कौन्तेय कालेन 12. App. 29E. 45 pr. अथ कौशिकमभ्येत्य 8. 49. 44". अथ क्रुद्धं महादेवं 13. 76. 230. अथ क्रुद्धः कुम्भकर्णः 3. 1284*. 4 pr. अथ क्रुद्धो रणे पार्थः 6. 98. 18%. अथ क्षिप्तः शरो घोरः 3. 205. 250 अथ खड़सम्भृत्य 4.934*.1pr. अथ गङ्गापि तं गर्भ 9. 43. 94. अथ गङ्गा सरिच्छ्रे ष्ठा 1. 91. 40. अथ गच्छाम्यहं भद्रे 3. 290. 150. अथ गच्छेत राजेन्द्र 3. 80. 1100 अथ गत्वा स किष्किन्धां 2. App. 21. 525 pr. अथ गर्भः स भिवोरु 1. 169.210. अथ गर्भावनुप्राप्ते 13. 4. 34. अथ गव्यं पयस्तात 13. 14.794. अथ गाण्डीवधन्धानं 2. App. 21. 1567 pr. अथ गाण्डीवमद्यम्य 4.53.584. अथ गाथाः कीर्तयन्ति 14. 31. 4". अथ गावल्गणिर्धीमान् 6. 14. 1". अथ गां मधुपर्क च 5. 87. 194. अथ गृह्यान्नमत्युष्णम् 5. 104. 11. अथ गोकर्णमासाद्य 3. 83. 220. अथ गोमातृभिः शप्ताः 13. App. 9A. 129 pr. अथ गोलककुण्डाभ्यां 13. App. 7A. 154 pr. अथ ग्राहयितुं विनं 13. 56*. 1 pr. अथ घोरं तमस्तीव्र 3. 168. 13. अथ चन्द्रप्रभां मुष्णन् 7. 161. 20. अथ चापि सुसंत्रस्तौ 12. 136. 1120. अथ चित्तं समाधातुं 6. 34. 90. अथ चिन्तयतस्तस्य 12. 336. 250. अथ चिन्तां समापेदे 1. 167.34.2.33. 11". अथ चूणैश्च गन्धानां 12. 38. 47". अथ चेत्कामसंयोगात् 5. 60.86. अथ चेत्तं निहत्याजौ 2. 16. 94. अथ चेत्तप्यसे पापैः 12. 147. 14. अथ चेत्ते प्रवर्तेरन् 5. 70. 87. अथ चेत्त्वमविज्ञाय 3. 154. 176. अथ चेत्त्वमहंकारात् 6. 40.58. अथ चेत्त्वमिमं धयं 6.24. 330. अथ चेत्पौरुषं किंचित् 12. 106. 1". अथ चेत्प्रतिग्रहीयुः 13.60.6%. अथ चेत्सर्वतः क्षत्रं 12.79. 19". अथ चेदनुबुध्यन्ति 4. 424*. 1 pr. अथ चेदन्यथा कुर्यात् 13. 47. 360 अथ चेदपि दीर्णः स्यात् 5. 134. 1. अथ चेदभिवर्तेत 12. 67.6". अथ चेदवधो धर्मः 12. 259. 5. अथ चेदवभोत्स्यन्ति 4. 21. 33. अथ चेदात्मभाग्येषु 12. 10. 26deg. -50 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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