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________________ एतानि मम नामानि ] श्लोकपादसूची [एतान्यमर्षस्थानानि एतान्दैव्ये च पित्र्ये च 13. App. 18. 138 pr. एतान्दोषान्नरः प्राज्ञः 5. 33.77. एतानि मम नामानि 4. App. 37. 29A 2 pr.; 736*. 1 pr. एतानि मानवान्नन्ति 5.37. 10. एतानि मेध्यं पुरुषं 12. 50*: 6 pr. एतानि यस्य कर्माणि 1. 65.350. एतानि यस्य गुप्तानि 12. 94. 25". एतानि यस्य राजेन्द्र 5. App. 3. 18 pr. एतानि यः कुरुते नैत्यकानि 5. 33. 97. एतानि युक्त्या सेवेत 12. 138. 26deg. एतानि रक्ष्यमाणानि 3. 172. 20%. एतानि राजन्पुण्यानि 3. 88. 28%. एतानि राज्ञां कर्माणि 12.23. 12". एतानि लब्ध्वा पार्थोऽपि 2. App. 12. 116 pr. एतानि वर्जयेद्यस्तु 13. App. 14. 134A 3 pr. एतानि वान्यनुयात शीघ्र 3. 253. 20. एतानि वसुभिः साध्यैः 3. 83. 8903; 88. 29". एतानि वै पवित्राणि 13. 58. 5. एतानि वै समान्याहुः 2. 61. 750. एतानि शाश्वताल्लोकान् 12.224. 21". एतानि शिल्पानि मयि स्थितानि 4. 9. 12. एतानि शृण्वलभते 12.93.13.. एतानि सततं भुक्त्वा 2. App. 29. 39 pr. एतानि सर्वाण्यादाय 2. App. 35. 13 pr. एतानि सर्वाण्युपसेवमानः 5.29. 12".. एतानि सह यज्ञेन 12. 260.21". एतानि साधनान्याहुः 12. 31*. 6 pr. एतानि सुपवित्राणि 13. App. 15. 3508 (subst.) 1 pr.. एतानि हत्वा पुरुषप्रवीर 6. 22. 16. एतानिह विजानीयात् 13.90. 11". एतानि हृतराज्यानां 5. 96. 15", एतानीदृशकान्धर्मान् 12. 255. 40", 41". एतानुत्पाद्य पुत्रांस्त्वं 1. App. 35. 44 pr. एतानेतावतस्तत्र 5.56. 10". एतानेव पुरोधाय 5. 93.25% एतानेव विजेष्यामि 2.44, 12. एतान्कथय देवेश 14. App. 4. 461 pr. एतान्कीर्तयां नित्यं 13. App. 18. 126 pr. एतान्कुरुष्व दंष्ट्रासु 1. 223. 24deg. एतान्क्रियावतां लोकान् 12. App. 4. 18 pr. एतान्गुणान्कर्मकृतानवेक्ष्य 5. 32. 23deg. एताम्गुणांस्तात महानुभावान् 5. 35. 46". एतान्गुणांस्तु क्षेत्रज्ञः 12. 326. 27". एतान्गृहे न प्रतिवासयीत 5. 37. 31". एतान्घोराननादृत्य 9.22.23%. एतान्दोषांश्च कौन्तेयः 1. 213.5*. एतान्धर्मान्कौरवाणां पुराणान् 5. 29. 29". एतान्ध्वजाग्रांश्च रथांश्च पश्य 8.814*.2. एतान्न सेवेत नराधमान्षट् 5.37. 334. एतान्न हन्तुमिच्छामि 6. 23. 35deg. एतान्निकृत्य प्रतिमान् 14. 31. 30. एतान्निमन्त्रयेद्विद्वान् 13. App. 15. 3503 pr. एतानिर्जित्य सैन्धवः 7. 1010*. 1 post. एतानिहत्य समरे 3. 45*. 1 pr. एतान्त्रिहत्याजिमध्ये समेतान् 8. 54. 13. एतान्नैतन्तवान्पञ्च 1. App. 101. 8 pr. एतान्पञ्च महारथान् 1. 213. 73. एतान्पशून्नय क्षिप्रं 9.40.80. एतान्पश्य च पाञ्चालान 8.43.31". एतान्पात्रगुणान्विद्धि 13. App. 15. 3136 pr. एतान्पुरुषसत्तमान् 3.37. 17'. एतान्पूजय राजेन्द्र 6.492*. 1 pr. एतान्प्रमथ्य संग्रामे 7. 87.26". एताम्बाधयितुं शक्तः 1. 1529*. 1 pr. एतान्मित्त्वा शरै राजन् 7. 87. 320. एतान्भृशार्तोऽपि न जातु याचेत् 5. 37. 324. एतान्मयोक्तांस्तव राजधर्मान् 12. 120. 54. एतान्मे संशयस्थस्य 12. 116.8%. एतान्यङ्गानि सर्वाणि 14. App. 4. 3193 pr. एतान्यज्ञमुषः पञ्च 3. 210. 11'. एतान्यतिक्रमेद्यो वै 13. 98. 10. एतान्यत्यद्भुतान्येव 13. 18. 45*. एतान्यद्भुतकल्पानि 3. 73. 17deg. एतान्यध्यात्मचिन्तकाः 12. 267. 184. एतान्यनिगृहीतानि 5. 34. 586. एतान्यनीकानि महानुभावं 6.22. 16". एतान्यन्नानि वर्जयेत् 9. 42. 22. एतान्यन्यानि कर्माणि 2. App. 39. 237 pr. एतान्यन्यानि रत्नानि 2. App. 35.3 pr. एतान्यपि तु कर्माणि 6. 40.6". एतान्यपि द्विजेभ्यो वै 14. App. 4. 2052 pr. एतान्यपि महासत्त्वे 3, 159. 19. एतान्यप्रतिमानि त्वं 12. 14.26*. एतान्यमर्षस्थानानि 7. 168. 11". पादसूची-69 - 545
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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