SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 525
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ एकपर्वतके नद्यः] श्लोकपादसूची [ एकमेव तु निश्चयात् एकपर्वतके नद्यः 2. 18. 27deg. एकपाके पृथक्चैव 1. 1304*. 1 pr. एकपाणेन भद्रं ते 3.77.6%, 180. एकपाती च चक्राङ्गः 8. 28. 32. एकपादचोर्ध्वबाहुः 13. App. 15. 346 pr. एकपादस्थितश्चासीतू 1. 81. 16%, एकपादस्थितस्तीव्र 3. 185. 4. एकपादस्थिताः सम्यक् 12. 323. 20%; 327. 41deg. एकपादस्थिते धर्मे 12. 327. 776. एकपादस्थितो देवः 12. 331. 47. एकपादस्थितो धर्मः 12. 327. 76. एकपादस्थितोऽभवत् 1. 114. 20. एकपादं महादंष्ट्र 13. 14. 126". एकपादांश्च तत्राहं 2. 47. 16". एकपादांश्च पुरुषान् 2. 28. 470. एकपादेन तिष्ठंश्च 13. J5. 60. एकपादेन वृत्त्यर्थ 13. 96. 39". एकपादोरुवृषण- 2. 258*. 4 pr. एकपादो विभावसुम् 13. App. 14. 108 post. एकपादहुनेत्राय 12. App. 28. 216 pr. एकपार्शवदारितम् 6. 44. 33. एकपुत्रफलाय वै 5. 117. 16. एकपुत्रभवाय मे 5. 116. 154. एकपुत्रमपुत्रं वै 5. 145. 17deg. एकपुत्रविहीनानां 12. 149. 1080. एकपुत्रस्य चार्थे त्वं 7. 1322*. 1 pr. एकपुत्रः पिता पुत्रे 12, 126. 41". एकपुत्रः स विप्राग्य 12. 126.28. एकपृष्ठा युगंधराः 6. 10. 40%. एकप्रहारामिहतान् 6.58. 46". एकप्राणावुभौ कृष्णौ 9.4: 100. एकबाणेन तद्देवः 8. 280*. 1 pr. एकबाह्वक्षिभूकणे 2. 258*. 5 pr. एकभक्त इति ज्ञात्वा 13. 105*. 1 pr. एकभक्तं जितेन्द्रियः 13. 110. 64. एकभक्तं तथाश्नीयात् 13. App. 14. 515 pr. एकभक्तं शमात्मकः 13. 110. 121'. एकभक्तिर्विशिष्यते 6. 29. 17'. एकभक्तेन पाण्डव 3. App. 21A. 118 post. एकभक्तेन यः क्षपेत् 13. 109. 20, 21, 22, 26deg, 28deg. एकभक्केन संक्षिपेत् 13. 109. 17, 24. एकभर्तृत्वमेवास्तु 5. 13. 22. एकभावमनुव्रताः 12. 323. 450. एकभावादवस्थिताम् 13. 14. 171". एकभावाविव स्थिते 1. 1020*. 1 post. एकभुक्तेन मद्भक्तः 14. App. 4. 2858 pr. एकभुक्तेन यश्चापि 14. App. 4. 1391 pr. एकभुक्तेन यः क्षिपेत् 14. App. 4. 2963 post. एकभुक्तेन यो नरः 14. App. 4. 2877 post. एकभुक्तेन वर्तते 14. App. 4. 2866 post., 2903 post., 2909 post., 2917 post., 2925 post., 2935 post., - 2944 post., 2954 post. एकभुक्तेन वर्तेत 14. App. 4. 2967 pr. एकभुक्तो जितेन्द्रियः 14.4.2896 post. एकभुक्तोपवासैस्तु 13. App. 15. 3068 pr. एकमक्षरसंज्ञकम् 12. 192. 123deg. एकमन्तमुपाश्लिष्टा 1. 16. 13. एकमन्त्रविधिक्रियाः 3. 148. 19. एकमन्त्रास्तु ते सर्वे 12. App. 28. 32 pr. एकमप्यजितं युधि 2. 35.8deg. एकमप्यास्थितः सम्यक् 6. 27. 4. एकमभ्यवहारयत् 3. 259. 176. एकमर्जुनमाहवे 4. App. 41. 12 post. एकमशं विवर्धयेत् 13. 129. 1903; App. 15. 775 post. एकमाचमनार्थाय 14.84*. 2 pr. एकमाभाष्य वाक्यैस्तु 4. 1075*. 1 pr. .. एकमाम्रफलं किल 2. 16. 28. एकमार्गमिहागतौ 5. 35. 174. एकमालम्बमानानां 12. 261. 44deg. एकमाशीविषो हन्ति 1. 76. 24. एकमासं निराहारः 13. 26. 14', 16deg, 29, 386, 45deg ; 222*. 1 pr. एकमासे त्रयोदशीम् 6. 3. 29. एकमाहुर्वैश्यवरं 2. 63. 350. एकमित्यभिधीयते 13. App. 9. 70 post. एकमूर्तिकृते वीरः 2. 16. 40deg. एकमूर्तिधरौ स्थितौ 10. 16*. 6 post. एकमेकं समाहूय 6. 82. 24deg. एकमेकं समुद्दिश्य 7. 1135*. 4 pr. एकमेकः समासदम् 5. 180. 11". एकमेकान्तचारिणम् 1. 208. 164. एकमेके पृथक्चान्ये 14. 48. 16. एकमेव ऋते कृष्णं 2. App. 39. 148 pr. एकमेव तु निश्चयात् 12. 304. 34. एकभर्ता तु या नारी 4.386*. 1 pr. . - 517 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy