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________________ ऋते बुद्धिबलानराः] महाभारतस्थ [ऋत्विग्भिश्च सुहृद्भिश्च ऋते बुद्धिबलानराः 12. 220. 320. ऋते ब्रह्मविदस्तात 5. 187.. 12. ऋते ब्रह्मविदां हेतोः 5. 177.2deg. ऋते ब्रह्मसमेभ्यश्च 12.77. 9. ऋते भायां कथंचन 1. App. 49. 12 post. ऋते भीमं महाबलम् 9. 18. 20'. ऋते भीष्मं महाबाहुं 6. 114. 38. ऋते मनुष्याद्भद्रं ते 3. 259. 26deg. ऋतेऽमरत्वमन्यद्वां 1. 201. 20%. ऋतेऽमरत्वाद्विप्रेण 2. App. 21. 389 pr. ऋते महात्मनः पार्थात् 7. 1255*. 1 pr. ऋते महारथा पार्थात् 7. 157. 34". ऋते महेन्द्रतनयं 6. 112. 95. ऋते मृधे द्रुपदसुतात्ससृञ्जयात् 7. 52*. 4. ऋते यतीनां शुश्रूषां 13. App. 10. 446 pr. ऋते युद्धेन माधव 9. 23. 39". ऋते रक्षा सुविस्पष्टां 12. 57. 42. ऋते राजन्सोमदत्तस्य पुत्रात् 6.59. 284. ऋते राज्येन कौरव 5. 136. 34. ऋते रामजनार्दनौ 16. 2.94. ऋतेऽर्जुनं महाबाहुं 3. 256. 28deg. ऋतेऽर्जुनं सुसंक्रुद्धः 6. 478*. 2 pr. ऋते लोकमुदीक्षितुम् 5. 154. 31. ऋते वनं महाभागाः 15. 13. 20deg. ऋते वर्षे न कौन्तेय 5. 77. 2. ऋते विदुरमच्युत 5. 151. 11t. ऋते विष्णु पुरातनम् 3. 241. 324. ऋते वृकोदरात्पार्थात् 9. 32. 6. ऋते शल्यसहस्रेण 8. 386*. 7 pr. ऋते शारद्वतात्पार्थात् 7. 1315*. 1 pr. ऋते शांतनवादन्यः 4. App. 51. 15 pr. ऋते शांतनवादीष्मात् 4. 59. 19". 12. 50. 21*3 136. 11". . ऋते सत्यमसंत्याज्यं 12. 169.26. ऋते संपादितुं सुतान् 13. App. 5. 26 post. ऋते सेनापतिं बलम् 7.5.90. ऋते सेनाप्रणेतारं 5. 153.2". ऋते सौभद्रमाहवे 7.50. 204. ऋते स्त्रियं न पुरुषः 12. 293. 13. ऋतेऽस्थिभिर्दधीचस्य 9.50. 27. ऋतेऽस्मानस्मदास्तु 14. 22. 18deg. ऋते स्वयंभुवः कोऽन्यः 13. 91. 21. ऋतेऽहं ब्रह्मवादिनम् 3. 128. 14'. ऋते हि त्वां महाभाग 8. 209*. 1 pr. ऋते ह्यावां द्विजोत्तम 12. 332. 4. ऋते ह्येकान्तिकश्रेष्ठात् 12. 326. 12deg. ऋतौ गच्छन्विधिवच्चापि जुह्वन् 14. App. 4. 1201. ऋतौ तस्य भवेद्गर्भः 13. App. TA. 199 pr. ऋतौ त्वं चैव माता च 3. 115. 23. ऋतौ दशगुणं भवेत् 3. App. 21A. 259 post. ऋतौ दारांश्च गच्छन्ति 1. 58. 9. ऋतौ निर्वर्तते रूपं 12. 293. 15. ऋतौ भवति ब्राह्मणः 3. 199. 12. 12. 214. 10. ऋतौ मम तपोधन 3. 95. 22. ऋतौ माद्रीमलंकृताम् 1. 1255*. 1 post.. . ऋतौ रेतः पुष्परसानुपृक्तम् 1. 85. 14. ऋतौ विमुच्यमानस्य 13. App. 7A. 187 pr. ऋतौ स्त्रियं वा नोपेयात् 14. App. 4. 2149 pr. ऋत्वास्यः समबलशुक्लकृष्णनेत्रः 12. 309. 24deg. ऋत्विक्पुरोहिताचार्यान् 12. 60. 4%; 92. 3993 130.90. ऋत्विक्पुरोहिताचार्याः 12. 97. 17". 13. 37. 6deg; 58. 24". ऋत्विक्पुरोहिताचार्यैः 1. 69. 289; 807*. 1 pr. 12. 235.12. ऋत्विक्पुरोहितो मन्त्री 12.77.4". ऋत्विक्पौरजनैर्वृतः 2. 2. 164. ऋत्विक्षु कर्मव्यग्रेषु 14. 94. 8deg. ऋत्विक्ष्वथ सदस्येषु 1. 4. 110. ऋत्विक्सदस्यांश्च तथैव चाग्निम् 1. 438*.4. ऋत्विक्सदस्यैरिन्द्राग्नी 8. 26. 13. ऋविक्समो नास्ति लोकेषु चैव 1. 50. 9". ऋत्विक्सुहृद्विप्रगणैश्च सार्धम् 9. 34. 36". ऋत्विगस्तु ह्ययाज्यस्य 13. 96. 33. ऋत्विगाचार्यसंपन्नाः 12. 77.3". ऋत्विगासीत्तदा राजन् 12. 122. 17deg. ऋत्विग्गुरुर्विवाह्यश्च 2. 35. 21". ऋत्विग्गुरुः पिता चेति 13. App. 15. 3031 pr. ऋत्विरब्रह्मपुरोहितान् 7. App. 8. 362 post. ऋत्विम्भिरननुज्ञातः 13. 90. 31. ऋत्विग्भिरपरैः सह 1. App. 118. 14A 7 post.; ___App. 121. 18 post. ऋत्विग्भिर्ऋषिभिस्तथा 2. 12. 21'. ऋत्विग्भिर्देवकल्पैश्च 1. 54. 9". 5. 178. 3. ऋत्विग्भिब्रह्मकल्पैश्च 13. 153, 17. ऋत्विग्भिर्मन्त्रकुशलैः 13. 23*. 10 pr. ऋत्विग्भिश्च महात्मभिः 2. 12. 18deg. ऋत्विग्भिश्च यथाविधि 13. App. 15. 3438 post. ऋत्विग्भिश्च सुहृद्भिश्न 9.. 34. 19". - 504 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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