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________________ अतृप्यन्ती मुहुर्मुहुः] श्लोकपादसूची [अतो मे रोचते गन्तुं अतृप्यन्ती मुहुर्मुहुः 1. App. 89. 6 post. अतृप्यन्नमृतस्येव 5. 134. 14". अतृप्यमाणो निर्वेदं 3. 200. 470; 12. 265. 18. अतृप्यस्तत्र राक्षसाः 6. 3. 31". अतृप्यतत्र वीराणां 3.255. 31. अतो गुह्यतरार्थं तत् 12. 238. 20%. अतो.प्रमादाय कुरुम्व भद्रे 1. 184. 4. अतोऽजय्यः सर्वभूतैः 7.1428*. + pr. अतो ज्ञात्वा समादधं 3. 96. 16. अतोऽदत्तां च पित्रा त्वां 1.76. 25%. अतो दानपवित्रेण 13. 121. 12. अतो दीप्तमिदं नभः 12. App. 29E. 421 post. अतो दुःखतरं किं नु 11. 16. 18. अतो दुःखतरं नु किम् 1. 138. 224.5.70. 174 137. 34. अतो दृष्टोऽस्मि ते साक्षात् 3. 187.20. अतो दोषं न पश्यामि 9.59. 156. अतो न प्राहरत्तस्मै 9. 57. 36. अतो न वधमिच्छामि 7. 11. 18%. अतोऽनसूयुः शृणुते पटेच्च यः 8. 1219*.7. अतोऽनसूयुः शृणुयात्सदा तु वै 8. 1221*. 5. अतो नाभ्यनुजानामि 3. 228.7. अतो नायं शुभो वासः 12. 83. 424. अतो नारायणो ह्यहम् 12.328. 33. अतो नाहसि कल्याणि 3. 32. 14. अतो नाहं करोम्येवं 1. 188.90. अतो निमित्तं शोक मे 3.58. 32. अतो निमित्तं हि हरिः 7. 1449*. 12 pr. अतो नियम्यते लोकः 14. 18, 20f. अतो नु भद्रमहिषः 13. App. 2. 34 pr. अतो नैवास्ति पौरुषम् 12. 171. 124. अतोऽन्यतरतो हीनात् 12. 285. 4. अतोऽन्यथा कृच्छ्रगता 14.77. 11. अतोऽन्यथाचरललोके 2. 20. 4. अतो.न्यथा चेत्क्रियते 1. 195. 96. अतोऽन्यथा चेद्विहितं 1. 196. 24. अतोऽन्यथा तु कुर्वाणः 13. App. 10. 149 pr. अतोऽन्यथा तु भुञ्जन्वै 14. App. 4. 1512 pr. अतोऽन्यथा तु भुजानः 14. App. 4. 2332 pr. अतोऽन्यथा तु यः कुर्यात् 13. App. 10. 95 pr. अतोऽन्यथा तैरुपचर्यमाणाः 5. 1. 20deg. अतोऽन्यथा न तच्छक्यं 13. App. 15. 2032 pr. अतोऽन्यथा न मे वासः 3. 62. 40". अतोऽन्यथा नरपतिः 12.71. 12. अतोऽन्यथा नास्ति शान्तिः 5. 70. 61". अतोऽन्यथानुवर्तत्सु 3. 29. 32deg. अतोऽन्यथा प्रवृत्तानां 13. 117. 150. अतोऽन्यथा मनुष्येन्द्र 12. 282. 15. अतोऽन्यथा महात्मानं 12. App. 18. 56 pr. अतोऽन्यथा ये पश्यन्ति 13. App. 11. 144 pr. अतोऽन्यथा रथिना फल्गुनेन 5.29. 43". अतोऽन्यथा वर्तमानः 12.32.7". 13. 37.76. अतोऽन्यथा वर्तमाना 13. 44. 16. अतोऽन्यथा वृथा मांसम् 13. 116. 50%. अतो.न्यथा हि राजेन्द्र 8. App. 38. 24 pr. अतोऽन्यद्वापि कृत्वैव 7. 923*. 4 pr. अतोऽन्यन्न प्रपश्यामि 1. 116. 30deg. अतोऽन्यं पृतनाशेष 7. 95.5. अतोऽन्ये त्वतिरिक्ता ये 12. 285.78. अतोऽन्येन प्रकारेण 5. 133. 14. अतोऽन्यो वातरेटकः 12. 262. 404. अतोऽपि भूयांश्च गुणैर्धनंजयः 8. 64. 25". अतोऽबुद्धिः प्रजायते 13. 34. 22". अतो बुध्यस्व भारत 13. 117.344. अतो ब्रवीमि विदुर 1. 1145*.2 pr. अतो भयं न रोचये 1. App. 81.75 post. [अ]तो भजन्ननृणो भवेत् 12. 298*. 4 post. अतो भयं व्यतीतं मे 4. 39. 23. अतो भयार्ताः प्रणिपत्य भूयः 12. 100. 16. अतो भार्गव इत्युक्तं 12. 3. 28. अतोऽभिलाषः परमो न विद्यते 4. 180*. 147. अतो भीतः पलायामि 13. 118.13. अतो भूतिरतः कीर्तिः 13. 34. 220. अतो भूयश्च ते बुद्धिः 1. 32. 16. अतो भयश्च पावकिः 9. 45. 81. अतो भयः प्रदीयताम् 13. 51. 10. अतो मनसि यद्गुह्यं 11. 80*. 3 pr. अतो मयैतद्विहितं 3. 125. 6. अतो मयोक्तं भवतो हितार्थिना 12. 138. 69d. अतो मामेव धर्मज्ञ 1. 146. 30deg. अतो मां विद्धि शोभने 13. 95.374. अतोमूलं च लक्ष्यते 13. 82.24. अतो मृत्युभयं नास्ति 13. 114. 38. अतो मृत्युर्मरणाख्यामुपैति 5. 42.8. अतो मृष्टतरं नान्यत् 3. App. 21. 33 pr. अतो मे भयसी नन्दिः 5. 133. 18". अतो मे रोचते गन्तुं 12.318.56". -43 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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