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________________ ऋक्षर्षभमुखैस्तथा ] महाभारतस्थ [ऋचीक भृगुनन्दनम् ऋक्षर्षभमुखैस्तथा 13. 127.5*. ऋक्षवक्त्राश्च भीषणाः 10. 7. 21". ऋक्षवत्येव पर्वते 12. 49. 676. ऋक्षवानरपन्नगान् 3. 61. 80. ऋक्षवानरयूथपाः 3. 274. 4'. ऋक्षशार्दूलवक्त्राश्च 9. 44. 78". ऋक्षं धूमिन्यथो नीली 1. 89. 28deg. ऋक्षं पक्षस्तथा तिथिः 1. App. 114. 247 post. ऋक्षः कक्षतरस्तमः 13. 155*.21 post. ऋक्षा ईहामृगास्तथा 1. 542*.2 post. ऋक्षाणां धूम्रवर्णानां 3. 1278*. 2 pr. ऋक्षाणां भीमकर्मणाम् 3. 267. 8. ऋक्षाणां महिषाणां च 3. 170. 42". ऋक्षाणि पितरो ग्रहाः 13. 14. 21'. ऋक्षात्संवरणो जज्ञे 1. 89. 30deg. ऋक्षाद्रार्थतरीसुतम् 1. 884*. 1 post. ऋक्षाश्च मृगमन्दायाः 1. 60. 60deg. ऋक्षाश्च वानराश्चैव 6. 5. 13. ऋक्षाश्चोत्ससृजुर्वृक्षान् 3. 700*. 1 pr. ऋक्षाश्वमेषवक्त्राणां 3. 860*. 1 pr. ऋक्षाः कालमुखास्तथा 3. 276. 11. ऋक्षाः सालावृका गृध्राः 7. 29. 19. ऋक्षैः संवर्धितो विप्रः 12. 49.67. ऋक्सहस्रामितेक्षणः 13. 17. 884. ऋक्साम यजुरेव च 6. 31. 171. ऋक्सामयजुषां गणैः 13. App. 3A. 33 post. ऋक्सामयजुषां वेत्ता 1. App. 111. 16 pr. ऋक्सामवर्णाक्षरतः 12. 227. 1". ऋक्सामसंघांश्च यजूंषि चाहं 12. 194. 80. ऋक्सामसु यजुःषु च 12. 230. 8. ऋक्सामानि तथोंकारं 12. App. 28. 262 pr. ऋक्सामानि यजूंषि च 12. 224. 63. ऋम्भिर्यमनुशंसन्ति 13. 16. 480. ऋग्भिस्तमभितुष्टुवे 12.327. 100%. ऋग्भिस्तुष्टाव केशवम् 3. 388*.6 post. ऋग्भिः स्तुत्वा महाभागः 12. 281. 13. ऋग्यजुःसामगानां च 13. App. 3A. 295 pr. ऋग्यजुःसामगो विद्वान् 12. 297. 15. ऋग्यजुःसामधामानं 12. 47. 27". ऋग्यजुःसामनिर्घोषः 13. App. 3A. 309 pr. ऋग्यजुःसामभिर्जुष्टं 12. 322. 37. ऋग्यजुःसामभिश्चैनं 13. App. 3A. 172 pr. ऋग्यजुःसोमभिः पुण्यैः 14. App. 4. 2634 pr. गमभिः सदा 14. App. 4. 529 post. ऋग्व, सामभिः स्तुत्वा 13. App. 3A. 149 pr. ऋग्यजुःसाममन्त्राणां 14. App. 4. 2664 pr. ऋग्यजुःसामवक्त्राय 13. App. 3A. 330 pr. ऋग्यजुःसामवित्पूज्यः 12. 60. 42". ऋग्यजुःसामवेदानां 14. App. 4. 1172 pr. ऋग्यजुःसामसंयुक्तैः 12. 52. 22deg. ऋग्यजुःसामसंस्तवैः 3. 44. 180. ऋग्यजुःसामहीनाश्च 2. App. 21. 575 pr. ऋग्वेदपाठपठितं 12. 336. 20%. ऋग्वेदश्चागमत्तत्र 13. 85. 4%; 394*. 1 pr. ऋग्वेदं तेन प्रीणाति 13. App. 10. 118 pr. ऋग्वेदं मां प्रचक्षते 12. 330. 32". ऋग्वेदं सामवेदं च 8. App. 2. 64 pr. ऋग्वेदः सामवेदश्च 2. 11. 236. 3. 187. 14. 8:24. 80%. ऋग्वेदेनैव मां होता 14. App. 4. 3376 pr. ऋग्वेदे वर्तते चाव्या 13. 31. 56". . ऋग्वेदे सयजुर्वेदे 12. 328. 86. ऋग्वेदे सामवेदे च 12. App. 8, 27 pr.. ऋग्वेदो मत्रपारगैः 8. App. 2. 94 post. ऋचमप्यत्र शंसन्ति 14. 27. 24". ऋचश्चानेन विप्रेण 12. 351. 3". . ऋचश्चाप्यत्र शंसन्ति 14. 25. 16". ऋचं वाथ यजुर्वापि 14. App. 4. 1613 pr. ऋचामादिस्तथा साम्नां 12. 199. 18%. ऋचीक इति विख्यातः 13. 4. 89. ऋचीकतनयश्चोग्रः 13. App. 18. 81 pr. ऋचीकतनयोऽगमत् 12. 281. 13. ऋचीकनन्दनो रामः 3. App. 14. 24 pr. ऋचीकपुत्रस्य तपस्विसंधैः 3. 118. 10deg. ऋचीकपौत्रो रामश्च 13. 151. 37. ऋचीकप्रमुखास्तथा 2. App. 39. 102 post. ऋचीकप्रमुखास्तदा 5. 186. 23. 14. 29. 20. ऋचीकस्तस्य तनयः 1. App. 6. 19 pr. ऋचीकस्तस्य पुत्रस्तु 1. 60. 46*. ऋचीकस्तामथाब्रवीत् 13. 4. 24. ऋचीकस्तु तथेत्युक्त्वा 5. 117.6". ऋचीकस्तेन भावितः 5. 117. 4. ऋचीकस्त्वब्रवीद्वचः 13. 26*. 3 post. ऋचीकस्य महात्मनः 12. 201. 32". ऋचीकस्यात्मजश्चैव 13. 3.6".. ऋचीकस्याश्रमं प्रति 12.49. 13 . . ऋचीकं भृगुनन्दनम् 13.56.7". - 500 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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