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________________ ऊध्र्व स देहात्सुव्यक्तं ] श्लोकपादसूची [ऋक्षमाहुजनाधिपम् ऊवं स देहात्सुव्यक्तं 12. 289. 5". ऊर्ध्व सप्तदशं स्मृतम् 1. 2. 230. ऊवं हित्वा प्रतिष्ठन्ते 13. 286. 27". ऊर्ध्वाङ्गुलिः स कण्ड्यन् 1. 139. 3". उर्धाञ्चितशिरोग्रीवा 1. 165. 31'. ऊर्धाधस्तियंगेव च 12. App. 29C. 95 post. 13. App.3. 281 post. उiमेव गतिं विद्धि 14. App. 4. 3261 pr. ऊोऽक्स्रिोत एव च 12. App. 29D. 79 post. ऊर्मयश्चात्र दृश्यन्ते 3. 166.2. ऊर्मयः सागरे यथा 14. 50. 12'. ऊर्मिक्षमा दृढां कृत्वा 1. App. 81. 202 pr. उर्मिमत्यो महास्वनाः 12. 225. 4. ऊर्मिमन्तं झषायुतम् 8. 27. 41. ऊर्मीतरङ्गैर्जाह्नव्याः 3. 293. 3. उर्वशी मेनका रम्भा 12. App. 29E. 313 pr. उर्वस्य तु विहन्योऽभूत् 1. App. 6.7 pr. उर्वः श्रुतवतां वर 1. App. 6. 6 post. उषतुर्मुदितौ नृप 3.75. 244. ऊषतुश्चात्मजैः सह 12. 253. 316. ऊषतुस्तत्र ते देव्यौ 14. 90. 4". ऊषतुस्तौ नरर्षभौ 2. 42. 60'. ऊपरं पृथिवीतले 12. 274.51'. ऊषुराप्लुत्य गात्राणि 3. 93.5deg. उषु तिचिरं कालं 1. 145. 2. 3. 153. 316. उषुर्नातिचिरं पुरे 15. 28. 80. उषुर्महावने तात 5. 88. 80... उषुर्वर्षसहस्राणि 3. 1236*. 4 pr. उषुश्च सुचिरं कालं 5. 126. 14. उषुश्छन्ना नराधिप 4. 12. 11. उषुस्ततस्तत्र महानुभावाः 3. 174.9%. उषुस्तत्र च षण्मासान् 1. 1565*. 2 pr. ऊषुस्तां रजनीं वीराः 3. 1. 40deg. उषुस्ते दुःखकर्शिताः 3. 1. 40'. उषुः परमदुःखिताः 1. 135. 200. उषुः पाण्डुसुतास्तदा 4. 1175*. 2 post. अषुः पित्रा सह रताः 3. 259. 13. ऊषुः पुरनिवासिमिः 1. 134. 10. ऊषुः प्रतीताः कुलसंस्तरेषु 14. 63. 16. ऊषुः समास्तत्र तदा चतस्रः 3. 173.5. ऊषुः सर्वे यथा पुण्यं 1. 1933*.2 pr. ऊष्मणा सह विंशो वा 12.267. 300. ऊष्मतो ग्लानपर्णानां 12. 177. 11". ऊष्मपाणां तथैव च 13. 129. 45". ऊष्मपाः सुमहाभागाः 13. 91. 27. ऊष्मपाः सोमपाश्चैव 12. App. 28. 17 pr. ऊष्मभावश्च नश्यति 12. 179. 34. ऊष्माग्निः सलिलं द्रवः 12. 177.4. ऊष्मा चाग्निरिति ज्ञेयः 3. 203. 22. 12. 178. 12. उष्मा चैवोष्मणो जज्ञे 3. 211. 4. उष्माणं सर्वभूतानां 12. 300. 9. उष्मा प्रकुपितः काये 14. 17. 156. उष्मायां चित्तलैवैशैः 13. 392*.2 pr. उमा सोऽग्निरिति ज्ञेयः 13. App. 15. 4272 pr. ऊष्मां मुञ्चन्ति भार्गव 13. 84. 444. उमेव समजायत 7.74. 500. 14.72. 10. उहतुस्तौ वसून्याशु 3. 97. 15. उहवान्प्रतिभानवान् 5. 33. 28. ऊहवान्ब्राह्मणो लोके 13. App. 15. 4215 pr. ऊहापोहविधानज्ञः 12. App. 19. 92 pr. उहापोहविशारदः 2. App. 2. 4A 3 post. 12. 118. 17. 13. App. 15. 4468 post. उहापोहविशारदान् 13. 134. 27. ऊहापोहविशारदाः 13. 133. 43. ऊहापोहोऽपि विज्ञानं 3.7*.2 pr. ऊहापोहौ च मत्र्येषु 13. App. 15. 2407 pr. उहुरग्लानमनसः 7. 22. 38. उहुर्दश महाराज 2. 29. 17. ऊहुस्ते सत्यकं रणे 7. 672*. 1 post. उहुस्ते हरयः पुरा 7. 596*. 1 post. ऊहुः काञ्चनमालिनः 4. 36. 3'. ऊहुः किंशुकपुष्पाणां 7. 22. 54. उहुः पार्थसमं युद्धे 7. 22. 250. उहुः सुतुमुले युद्धे 7. 22. 28deg. ऊह्या सवर्णरूपं तत् 12. App. 27. 20 pr. ऋक्षगोमायुसंधुष्टं 1. App. 117.5 pr. ऋक्षचर्मपरिक्षिप्तं 7. App. 9. 11 pr. ऋक्षचर्मपिनद्धौ तु 8. 108*. 1 pr. ऋक्षचर्मशतस्य च 13. 110. 28deg. ऋक्षचर्मावनद्धाङ्गं 7. 150. 11. ऋक्षचविनद्धाङ्गः 7. 151. 14. ऋक्षचर्मावृतं महत् 7. 131. 26deg; 142. 351. ऋक्षमार्जारवदनाः 10. 7. 16. ऋक्षमाहुर्जनाधिपम् 1. 89. 30'. -499 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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