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________________ उशीरबीजे विप्रर्षे ] महाभारतस्थ [उष्णीषैर्मुकुटैः स्रग्भिः उशीरबीजे विप्र 5. 109. 20deg. उषद्गुः सह सोदर्यैः 13. 151. 34. उषद्गुरपराजितः 13. App. 16. 54 post. उषद्गोभविता पुत्रः 13. App. 16. 55 pr. उषाकाले कदाचित्सः 3. App. 25. 17A 12 pr. उषा भानौ यथा स्थिरा 1. 1936*. 2 post. उषां च सुन्दरीं राजन् 2. App. 21. 1528 pr. उषितश्च सहास्मामिः 7. 158.28. उषितस्त्वं सुविश्रान्तः 3. 186. 117. उषितं द्वादशीः समाः 1. 163. 18". उषितं शङ्कमानेन 12. 83. 50%, उषिता जातुषे गृहे 1. 476*. 8 post. उषितानि मया राजन् 3. 171. 9. उषिता ब्रह्मवादिनः 7. App. 8. 334 post. उषिताश्च वने कृच्छ्रे 3. 299. 4". 4. 9*.2 pr. उषिताश्च वने वासं 4. App. 1. 9 pr. उषितास्मि तवागारे 12. 137. 30%. उषितास्मि सुखं वीर 12. 124. 55. उषितास्मीति वक्ष्यामि 4.2. 26%; 96*. 2 pr. उषिताहं त्वया सह 1. 92. 49. उषिता ह्यन्यथा बाल्ये 5. 174. 12. उषिताः स्म महाराज 4. 66. 10%. उषिताः स वने वासं 4. 53. 16. उषिताः स सुखं नित्यं 15. 15. 25%. उषिताः स्मः सुखं सर्वे 4. 32. 13". उषिताः स्मो जगन्नाथ 4. App. 61. 8 pr. उषितोऽस्मि सुखं राजन् 3. 289. 21. उषितो हि महाबाहुः 3. 228. 13. उषितौ समये ब्रह्मन् 12.31. 7. उषित्वा खाण्डवप्रस्थे 2. 2. 1". उषित्वा च महाभागाः 9. 36. 40% उषित्वा च वने वासं 1. 81.2". उषित्वा चाच्युतस्थले 3. 129.9. उषित्वा तत्र कौन्तेयः 1.213. 13. उषित्वा तत्र रामस्तु 9. 38. 1". उषित्वा त्रिदशाः क्षपाः 2. 26. 16. उषित्वा दण्डके कार्य 2. App. 21. 576 pr. उषित्वा द्वादश समाः 4. 136*. 1 pr. 12. 159. 25. उषित्वा पञ्च वर्षाणि 3. 832*. 1 pr. 4. 2. 1793 ___47*.27 pr. उषित्वा बहुलाः समाः 2. App. 21. 745 post. उषित्वा रजनीमेकां 3.81. 57.9. 34.79%. उषित्वा रजनीं तत्र 9. 45. 94". उषित्वा शर्वरीः श्रीमान् 13. 153. 5. उषित्वा शाश्वतीः समाः 6. 28. 41'. उषित्वेह यथाकामं 3. 156. 31deg. उषित्वेह विशल्यस्त्वं 14. 82. 280. उषेव सूर्य मदनं रतीव 1. 1853*.7. उष्ट्रयुक्तं समारूढौ 5. 141. 40". उष्ट्रवामीमिरप्यन्ये 5. 160. 28deg. उष्ट्रवामीस्त्रिशतं च 2. 47. 4. उष्ट्रस्य भरतर्षभ 12. 113. 124. उष्ट्रस्य सुमहद्वृत्तं 12. 113. 3. उष्ट्राणां क्रोशतां चैव 15. 44. 51. उष्ट्राणां च गवां चैव 1. 830*. 17 pr. उष्ट्राणां शतसाहस्र 2. 259*. 1 pr. उष्ट्राश्वतरगर्दभाः 12. 92. 10. उष्ट्राश्वतरयुक्तानि 13. 119. 136. उष्ट्रेण निधनं तदा 12. 113. 16. उष्ट्रेषु यदि वा गोषु 12. 216.86. उष्णतोयवहा गङ्गा 3. 88. 23%. उष्णत्वं च विनश्यति 14. App. 4. 235 post. ' उष्णमश्रु विमुञ्चन्तः 1. 110. 40%. उष्णं नवं प्रपास्यामि 1. 139. 79. उष्णः शीतः सुखो दुःखः 12. 177. 34. 14. 49. 49". उष्णात्परः प्रावरकः 6. 13. 21. उष्णानि कृष्ण वर्तन्ते 1. 214. 14. उष्णार्तश्च क्षुधार्तश्च 14. 93.7. उष्णाततॊ हि नरो यद्वत् 6. 112. 100%. उष्णां वैतरणीं महानदीम् 12. 309. 31". उष्णांशुत्वमथो जह्यात् 3. 1256*. 2 pr. उष्णीनाभो नभोदश्च 13. 91. 32. उष्णीषकमठच्छन्नं 7.74.52. उष्णीषफेनवसनां 7. 20. 35%. उष्णीषफेनसंछन्ना 7. 496*.7pr. उष्णीषवरफेनिलाम् 7. 13. 11. 8. 843*. 1 post.; 861*. ____4 post. . उष्णीषवान्यथा वस्त्रैः 12. 210. 120. उष्णीषं शिथिलार्पितम् 7. 428*. 1 post. उष्णीषाणि नियच्छन्तः 5. 150. 20deg. उष्णीषिणे सुवक्त्राय 7. 173.24". 14. 8. 16%. उष्णीषिणो मुकुटिनः 9. 44. 89". 10. 7. 250. उष्णीषी च सुवक्त्रश्च 13. 17. 43deg. उष्णीषे पर्यगृहीतां 13. 154. 10%. उष्णीषैरपविद्धश्च 6. 85. 34%; 110. 17: उष्णीषैर्मुकुटैः स्रग्भिः 7. 123.35%. -494 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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