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________________ उद्यतेषुममिप्रेक्ष्य ] श्लोकपादसूची [उद्योजयामास कुरूंश्च सर्वान् उद्यतेषुमभिप्रेक्ष्य 5. 169. 16. उद्यतेषु महारणे 13, 154. 30deg. उद्यतेषु महीपतिम् 5. 187. 31. उद्यतेऽस्ने महात्मना 7. 163. 454. उद्यतैरायुधैश्चित्राः 6. 16. 32". उद्यतैरायुधैश्वित्रैः 6. 18. 9". उद्यतैर्बहुमिर्पोरै : 7. 150. 103". उद्यतैर्युयुधानस्य 7. 97. 32deg. उद्यतो लोककृत्स्वयम् 12. 333. 16. उद्यतोऽहं द्विजश्रेष्ठ 5. 109. 26". उद्यत्सहस्रदीप्तांशुः 1. App. 114. 320 pr. उद्यन्तं फल्गुनं तत्र 2. App. 38. 118 pr. उद्यन्तं ब्रह्मवादिनः 1. 160. 18. उद्यन्तं भास्करं चैव 13. App. 14. 177B 4 pr. उद्यन्तं सततं सूर्य 13. App. 15. 724 pr. उद्यन्तं सूर्यमाहत्य 6. 19. 38deg. उद्यन्तुं वा गदां गुर्वी 5. 166. 23. उद्यन्तौ च यथा सूर्यो 8. 219*. 1 pr. उद्यन्नथ सहस्रांशुः 1. 260*. 1 pr. उद्यन्नयं नकुलः प्रेषितो वै 5. 23. 24". उद्यन्निव दिवाकरः 8. 445*. 1 post. उद्यन्निव सदा भानुः 8. 6. 40deg. उद्यन्हि सविता यद्वत् 12. 197. 136. उद्यमं नाधिगच्छामि 12. 140. 2. उद्यमो जीवनं क्षत्रे 12. 128. 19. उद्यमो रक्षणे स्वेषां 2. 50. 7. उद्यमो ह्येव पौरुषम् 5. 125. 199; 132. 38. 12. 131. 9. उद्यम्य कुञ्जरं पार्थः 7. 114. 64deg. उद्यम्य च गदां दोभ्यो 3. 153. 25*. उद्यम्य च भुजावन्यः 8. 19. 63". उद्यम्य च हयान्विभुः 8. 274*. 1 post. उद्यम्य धुरमुत्कर्षेत् 5. 131. 18%. उद्यम्य निशितं खड्गं 9. 22.7903; 28. 36deg. उद्यम्य निशितं वज्रं 13. App. 1A. 390 pr. उद्यम्य न्यवधीद्भूमौ 7. 149. 31. उद्यम्य न्यहनद्राजन् 7. 117. 45deg. उद्यम्य परमास्त्रवित् 7. 164. 26. उद्यम्य बाणासनमाजमीढ 7. 115. 24. उद्यम्य बाहू त्वरितः 7. 165. 122". उद्यम्य भगिनीं तदा 1. 13. 31". उद्यम्य मन्दरं दोभ्यां 1. 62. 11'. उद्यम्य महतीं शिलाम् 3. 271. 131. उद्यम्य लोहदण्डाभ्यां 9. 11. 20%; App. 3. 24 pr. उद्यम्य विपुलं शेलं 13. 141. 213. उद्यम्य शस्त्रमायान्तं 12. 56. 29*. उद्यम्यात्मानमात्मना 3. 8. 15. उद्यम्यात्मानमुग्राय 7. 105.22%; 167. 25%. उद्यम्याप्यथ वा मेरुं 7.22*. 2 pr. . उद्यम्यालं बलं बलात् 7. 1215*. 1 post. उद्यम्योद्यम्य मे दम्यौ 12. 171. 11". उद्यानमभिपश्यन्तः 1. App. 71. 12 pr. उद्यानवनमासाद्य 1. App. 71. 10 pr.; App. 73. 19 pr. उद्यानवनशोमिताम् 1. App. 71. 5 post. ; App. 73. 14 post. 2. App. 15. 121 post. उद्यानवनसंपन्न 2. App. 21. 1486 pr. उद्यानं नो भविष्यति 6.21.54. उद्यानं स्माथ पश्यन्ति 1. App. 73.21 pr. उद्यानानि कुबेरस्य 1. 111.70. उद्यानानि च रम्याणि 1. 199. 39. 2. 11*. 3 pr. 12. 312. 18. उद्यानानि नदीस्तथा 1. App. 73. 100 post. उद्यानानि परित्यज्य 2. App. 41. 34 pr. उद्यानानि महार्हाणि 12. 106. 16". उद्यानानि वनं चैव 1. App. 72.38 pr. उद्यानानिर्गताः सर्वे 1. App. 72.53 pr.; App.73. 103pr. उद्यानाम्रवणोपेतां 1. App. 48. 14 pr. उद्यानेषु विचित्रेषु 5. 116. 18. उद्यानेषु विहारेषु 1. App. 81. 129 pr. 12. 138. 41". उद्यानरुपशोमिता 13. App. 20. 22 post. उद्यानैश्च समावृताम् 1. App. 48. 15 post. उद्युक्ता पृथिवी सर्वा 7.66. 30%. उद्युक्ता ब्राह्मणी भीता 12. App. 30. 27 pr. उद्युक्तौ दहतः क्षत्रं 12. 326. 91. उद्योगपर्व निर्दिष्टं 1. 2. 151. उद्योगपर्व विज्ञेयम् 1. 2. 49deg, 136deg. उद्योगमन्विच्छति चाप्रमत्तः 5. 33. 88. उद्योगमपि कुर्वाणः 3. 176. 6. उद्योगं कृतवन्तस्ते I. App. 115. 1 pr. उद्योगं त्वत्कृतं श्रुत्वा 1. 1973*.5 pr. उद्योगं परमं चक्रुः 12. 551*.2 pr. उद्योगः सैन्यनिर्याणं 1. 85*. 5 pr. उद्योगादेव धर्मज्ञ 12. 270.76. उद्योगे कथितं यत्तत् 6. 95. 11. उद्योगे यस्त्वया कृतः 6. 41. 81'. उद्योजयाम सैन्यानि 4. App. 28. 17 pr. उद्योजयामास कुरूंश्च सर्वान् 3. 35. 13. -461
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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