SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 394
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ इति मिथ्या भविष्यति] महाभारतस्थ [इति लालप्यमानां मां .7 इति रोहन्यात् 13. App.. इति मिथ्या भविष्यति 12. App. 19. 199 post. इति मुह्यामि चिन्तयन् 15. 46. 100. इति मे चिन्तयन्त्या वै 5. 531*. 1 pr. इति मे चिन्तयानस्य 15. 36. 336. इति मे तापसाब्रुवन् 15. 47.44. इति मे त्वं मतं वेत्थ 7. 27.5. इति मे दीर्यते मनः 3. 24*. 5 post. इति मे दूयते मनः 14. 89. 34. इति मे धीयते मतिः 1. App. 114. 45 post. 3. 84. 14"; 1386*. 2 post. 4. 27.70%; 30. 211. 5. 70. 87%; 89. 32"; 149. 27. 8. 748*. 4 post.; App. 38. 22 post. 12. App. 19. 245 post. इति मे नात्र संशयः 3. 110. 264. 5. 6. 154. 7. 148. 361. __12.83. 53. 15. 47.84. इति मे नारदोऽब्रवीत् 3. 50*. 7 post. इति मे नास्ति संशयः 5. 141. 424.8. App. 14. 20 post. 13. 117. 330; 121. 15.14. 54. 14. 18. 5. 534. इति मे निश्चितं मतम् 6. 510*. 1 post. इति मे निश्चिता बुद्धिः 5. 7. 26deg. 10. 4. 31. इति मे निश्चिता मतिः 1. 77.9%; 149. 154; 1528*. 1 post. 3. 22. 20%; 37. 124; 77.6%; 176.7". 5. 86.43; 154. 30%; 177. 1903; 186. 26%; 190. 7. 10. 28*. 1 post. 12. 135.8% 215. 23%; App. 19. 25 post. 13. 14. 162"; 189*. 18 post. 14. 70. 22"; 6*. 1 post. इति मे नैष्ठिकी बुद्धिः 1. 197.9". इति मे नैष्ठिकी मतिः 5. 151. 25. 6. 129*. 2 post. 8. 18. 574; 20. 24. 10. 2. 324. इति मे प्रथितं यशः 3. 265. 144. इति मे ब्राह्मणोऽवदत् 8. 29. 31". इति मे भगवन्मतिः 5. 175. 300. इति मे भवतः श्रुतम् 1. 205. 29. इति मे भावितं मनः 1. 416*. 1 post. 12. 328. 22". इति मे मतिरच्युत 9. 23. 36'. इति मे मानसं सदा 5.7. 34. इति मे रोचते मनः 1. 824*.2 post. इति मे वर्तते बुद्धिः 3. 141. 16. 4. 53. 17. 12. 255. 27.14.94. 29. 15. 17. 18%. इति मे वर्तते भावः 2. App. 26. 14 pr. इति मे वर्तते मतिः 3. 176. 38. 4.4.3%3; 47.4; 887*. 1 post. 5. 4. 10. 12. 139.77% 13. 147. 3. इति मे विद्धि मानद 12. 175. 25t. इति मे व्रतमाहितम् 1.77. 20. 2. 53. 13. 3. 294*. 1 post. 5. 178. 114; 186. 214. 7. 16. 39. 13. 2. 70% App. 8.37 post. 14.83.80. इति मे श्रुतमार्याणां 3. 31. 7. इति मे संशयो महान् 3. 178. 29". 13. 39. 11'. इति मे हृदि वर्तते 1. 43. 234. इति यज्ञविदो विदुः 14. 24. 12. इति यत्रोच्यते जनैः 7. App. 8. 429 post. इति यन्मा प्रभाषथ 7. 118. 42. इति यश्चानुपश्यति 12. 277. 33. इति यस्य महाघोरं 8. 5.76. इति यस्य सदा भावः 12. 219. 12. इति यः कुरुते भावं 12. 12. 13. इति यः सततं मन्दं 8. 5. 170. इति याचे महासुरम् 12. 837*. 4 post. इति यास्ताः कथं वीर 13. 39.89. इति युधिष्ठिरशासनमक्ष्यते 4. 128*.2. इति यूपध्वजस्यैताः 11. 24. 150. इति येऽपि नरा विदुः 13. App. 15. 1203 post. इति ये संविदन्त्यत्र 13. 44. 51. इति यो घातको हस्यात् 13. App. 15. 1105 pr. इति रक्षोपसृष्टेषु 8. 30. 720. इति रणरभसस्य कत्थतः 8. 26. 61". इति राक्षसपुंगवः 3. 262. 32. इति राजन्नाभ्यवदः कथंचित् 1. 84. 3. इति राजन्पुनः पुनः 3. 215. 6'. 5. 7. 24"; 145. 32'. 12.278. 36". इति राजम्मयः प्राह 12. 83. 31. इति राजन्महाबलः 7. 122. 39'. इति राजन्महायशाः 13. 263*. 6 post. इति राजानमब्रवीत् 7. 28. 13t. इति राजान्वशाहातॄन् 15. 1. 23. इति राजाब्रवीद्देवं 3. 256. 27deg. इति राजामिधीयते 3. 183. 24. इति राजाभ्यभाषत 3. 231. 21". इति राजा व्यचिन्तयत् 5. 119.4. इति राज्ञः प्रवक्ष्यामि 4. 1119*. 2 pr. इति राज्ञाम्बरीषेण 14. 31. 136. इति राज्ञां चतुर्विशत् 1. 1. 170%. इति राज्ञां पुरावृत्तं 12.78. 3. इति राममुवाचेदं 13. 402*. 3 pr. इति रामस्तमब्रवीत् 3. 267. 35. इति राष्ट्रे परिपतन् 12. 83. 90. इति लालप्यमानां मां 2. App. 38. 16 pr. 74.100. 30%; 177. 1945 186 EEEEEEE - 386 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy