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________________ अजितानि विधुन्धन्तः] महाभारतस्थ [अजै पीदेष ताञ्जिष्णुः अजिनानि विधुन्वन्तः 1. 181. I". अजिनान्युत्तरीयाणि 2. 68. 1. अजिनैर्मदुभिश्चैव 3. 1346*. + pr. अजिनैश्च निवासनम् 12. 16. 18. अजिनैश्च विवासनम् 14. 12. 6. अजिनैः परिवारितम् 3.151.11"; 203*.pusi. अजिनैः परिवासितम् 3. 28. . अजिनैः प्रतिदासितम् 5.51.5. अजिनः प्रतिवासितान 5.31.15. अजिनैः प्रतिवासिताः 2.66. 18.4; 67.11. अजिनैः संवृतान्दृष्ट्वा 2. 68.22. अजिह्मगतिमव्ययम् 1. App. 103. 11: pust. अजिह्मगान्कच्चिदनुस्मरन्ति 5. 23. 200. अजिह्मगैः कर्णमियाय जिगुः 4. APP. LIES, अजिङ्गत्वमशाठ्यं च 12. 149.76. अजिह्ममनिवर्तिनाम् 3.32. 17'. अजिह्ममनसः शुक्लाः 14. Ap. 1.23. अजिह्ममशठं मार्ग 12.66. 11". अजिह्ममशठं युद्धं 2.3.. अजिह्ममशठं शुद्धं 5.APP.3.21 pr. अजिह्म नित्यमाचरत् 14.46.30t. अजिौर शठकोधैः 12.282. 1:20. अजीजनत्ततो वीरं 1. 104. 10. अजीजनत्त्वां मय्येषः 5. 143. 4. अजीजनत्सुतं चास्यां 1. App.3.20pr. अजीर्णप्रभवाः सर्वे 3.8 . अजीर्णं मम तेजसा 1. 25. 4. अजीर्णेनाभिहन्यन्ते 13. 9. 1". अजीवतम्तथैवासीत् 7. 923*. 6 pr. अजीवयत तं नगम् 1. 4:210*.5 post. अजुगुप्सांश्च विज्ञाय 13. 60.11. अजेता नैष कस्यचित् 3. App:1. 13 rust. अजेन धुन्धुना चैव 13. 500*. 1 pr. अजेन यष्टव्यमिति 12.321.. अजेन विश्वरूपेण 7.3*2. अजेनाहो स्विदौषधैः 12. 3:1.10. अजेयमजितं युद्धे 3. 142. 10. अजेयमुनधन्वानं 3. 142.5, 12 अजेयश्च भविन्यास 13. 18. 1. अजेयश्चाप्रयश्च 12.21.27". अजेयस्त्रिदशैरपि 7. 882* : post. अजेयस्त्वं त्रिभिौंकैः 3. 171. Pr. अजेयस्त्वं रणेऽरीणां 3.921..6.APP. I. 37pr. अजेयस्त्वं हि संग्रामे 3. S46*. 1 pr. अजेयं देवतैरपि 4. 1109*. 3 post. अजेयं शत्रुभिर्बलात् 9.5. 134. अजेयं समरे राजन् 6.79. 40. अजेयः परशुः पुण्डः 1. 1. 174. अजेयः पुरुषः 14.81.4. अजेयः फल्गुनो रणे 2.App. 15.203 post. अजेयः शत्रुसैन्यानां 4.40.7. अजेयः समरे चैव 6. 108.20. अजेयः सर्वभूतानां 7. 1251".pr. 12.270.26. अजेयः स्यामिति विभो 10. 12. 360 अजेया जयतां श्रेष्ठ 5. 125.9. अजेयान्सत्यविक्रमान 8. 26. 28. अजेया युधि शात्रवैः 3. 15. 67. अजेयावमरैरपि I. 164.5. अजेयाश्चेति मे बुद्धिः 3. 37. 15. अजेयां स्वगुणैर्युतां 9.276*. 1 pr. अजेयाः पाण्डवा बुद्धे 6.54. 40". अजेयाः पाण्डवा राजन् 5.323*. 1 pr. अजेयाः पाण्डवाः संख्ये 7.08. 19. अजेयाः पुरुषरन्यैः 6. 117.26.7. App.2.20 pr. अजेयाः शत्रुभियुधि 6.57. 1:36. अजेयाः सुरसत्तमः 9.268*. Irost, अ.याः सम शुचिस्मिते 3. 13. 110. अजेयो जिगुरच्युत 5. 397*. 2 post. अजेयो दुष्प्रधर्षश्च 2. App. 21. 1560 pr. अयो मानुषे लोके 6. 19. 35. अजेयो युधि जेतारीन् 1. 1271*3pr. अजेयो युधि भी मोऽयं 5. 187.6. अजेयो विसंभवः 7. 111". I post. अजेयो ह्यर्जुनः क्रुद्धः 5. 122.494. अजेयो हर्जुनः संख्ये 1. 1935. 12. अजेयौ कृष्णपाण्डवौ 5. 127.364. 7. 16. 1"; 133.335. अजेयो मानुषे लोक 5. 48. 19. अजेयौ वासवेनापि 9. 13. 10. अजेयौ समर यत्तौ 6.62. 1:20. अजेयो समरे वृहौ 5. 107.4. अजैकपाञ्च कापाली 13. 17. 100. अजैकपादहित्यः 1. 60.2%; 114.ग. 12. 201. 18%. 13. APP. 9. DSPr.; App. 18.27r. अजैकपादहिव॒यः 5. 112.4". अजैडकाः स्त्रियो गायः 2. App. 28.80pr. अजैपीष ताञ्जिष्णुः 4. APP. HS. 47 pr. -30 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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