SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 37
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अजातशत्रो सेवस्व] श्लोकपादसूची [अजिनानि प्रवेणीश्च अजातशत्रो सेवस्व 13. 147.22. अजातशत्रोस्तदनन्तरं च 3. 16]. 200. अजातशत्रोः क्रुद्धस्य 7. 30. 156. अजातशत्रोः श्वो वाक्यं 5.33.9. अजातशत्रौ तु जिते निकृत्या 3.225. 176. अजातश्मश्रवो धीराः 12. 19. 120. अजातश्मश्रवो मन्दाः 12. 11.2. अजातव्यञ्जनाकृतिम् 1. 145.340. अजाते त्वयि निर्दिष्टा 3. 218. 44. अजानत इवाख्यासि 2. 38. 15. अजानतस्ते राधेय 3.237. 1". अजानता कृतमिदं 3.205.28. अजानता तेन तवैव वीर्यं 4. App. 59.21. अजानता भवेत्कश्चित् 3. 29. 294. अजानतामदोषाणां 1. 172. 11. अजानता मया कार्य 3. 206. 24. अजानता मया संख्ये 12. 1.24. अजानता महिमानं तवेदं 6. 33. 41. अजानता व्रतमिदं 1.37.26. अजानतां ख्यापय नः सुकेशि 3.249. 13. अजानतीमिषीकेयं 14.67. 15. अजानतो ममाचक्ष्व 12.218.5". अजानतोऽस्य पापस्य 8.932*.8pr. अजानन्तश्च कीर्तितम् 12.20.74 post. अजानन्तो नृयोनयः 7. 165. 45. अजानन्तो यदबुधाः 13. App. 14. 202 pr. अजानन्तोऽर्जुनं तदा 4. 36. 250. अजानन्या नियुक्तः सः 14.55. 340. अजानन्या यदनया 3.278. 11'. अजानन्नक्षिपं बाण 8.375*.pr. अजानन्नर्जुनश्चापि 6. 86. TE". अजानन्न तु संवदे 13. 10. 434. अजानन्निव चाकस्मात् 5.77. 16deg. अजानन्वै युधिष्ठिरम् 4. 1086*. 2 post. अजाय कृष्णनेत्राय 14.8.20deg. अजायत च कार्या) 7. 172.51 अजायत महाराज 13. 10.31". अजायत यदुक्षये 2. 33. 164. 3. App. 27. 84 post. अजायत यदोः कुले 2. App. 21.724 post. अजायत सुतः कर्णः 1. 104. 11". अजायत सुतः प्रभुः 1. 70. 118. अजायन्त कृते राजन् 6. 11.. अजायन्त समास्तेन 3. 1241*.6pr. अजाय लोकत्रयभावनाय 1. 1737. 3. अजाय विश्वरूपाय 12. 327. 90deg. अजावय इवागोपाः 7. 1. 230. अजाविकं गोखरोष्ट्र 9. 36. 12. अजाविकं गोहिरण्यं 2.47. II". अजाविमहिधाननाः 9. 1. . अजावुभावप्रजौ च 12.306. 430. अजाश्च पृश्नयश्चैव 12. App. 4. 13 pr. अजाश्चामूर्तयश्चैव 12. App. 29D. 46 pr. अजाश्चैवाविमूढाश्च 1.203.5. अजां च सिकतां चैव 13. App. 9. 81 pr. अजाः शिवानां च रुतं 16. 3.5 अजिघांसम्परान्पार्थः 1. App. 114. 427 pr. अजिघांसुरवासृजत् 7. 122. 7'. अजिज्ञासशिबिं नृपम् 1. 2. 1151; 128*. 16 post. अजितश्च जयन्तश्च 1. 1153*. 1 pr. अजितश्च महामुनिः 13. 17.87. अजितस्त्वमजेयश्च 1. App. 119.3 pr. अजितं कुरुनन्दनम् 4.2. 10. अजितं जामदश्येन 6. 15. 20. अजितं जेतुकामेन 3. 203. 18. 12. 182. 11"; 316.22. अजितं समरे परैः 7. App. 8.833 post. अजितं सर्वलोकानां 3. 1224*. 3 pr. अजितः कुरुनन्दनः 7. App. 16. 36 post. अजितः फाल्गुनेत्युक्त्वा 1. App. 119. 4 pr. अजितः सोऽपि सर्हि 2. 431. 1 pr. अजितात्माजितामात्यः 5.127.27. अजितात्मा नरपति: 12.69.4. अजितां यदि मन्यसे 2.63.9M. अजितां वा जितां वापि 2,62.21. अजितेति सुमन्दधीः 2.61. 300. अजितेन तथैव च 3. 184*. 2 most. अजितेन्द्रिय पापात्मन 13.11.20. अजिते विजये भट्टे 4. App. 4G 20 pr. अजितो द्रोणभीमाभ्यां 7. 981*. 1 pr. अजितो द्रोणराधेय- 7.119.1". अजितो युधि पाण्डवः 2. 62.30". अजितोऽशोकवनिकां 3.265.3. अजित्वा न निवर्तसे 7.66,324. अजित्वा संयुगे पार्थ 5. 158. 139; App. 11. 6 pr. अजिनं दण्डकाष्टं च 12.326.9. अजिनानां सहस्राणि 5.81. 10. . अजिनानि प्रवेणीश्च 15. 3. 1:30. 29 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy