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________________ आश्रिताः श्रममोहार्ताः] महाभारतस्थ [भाषाढो वायुवेगश्च आश्रिताः श्रममोहार्ताः 11. 18. 9deg. आश्रिताः सर्वधर्मज्ञाः 12. App. 4. 8 pr. आश्रितो वृत्तिमाहरेत् 12. 235. 3. आश्रित्य धर्मराजानं 1. 214... आश्रित्य भ्यवसत्तदा 3. 261. 400. आश्रित्य यं वयं नार्थ 3. App. 31. 16 pr. आश्रित्य विपुलं बलम् 7. 1198*. 1 post. माश्रित्य हिमवत्पृष्ठे 13. App. 3A. 60 pr. आश्रित्येह स्वकर्मसु 12. 285. 264. आश्वासयन्तो विप्रायाः 31. 439. ..... आश्वासयन्धर्मसुतं 14. 11. 3deg.... आश्वासयनुवाचेदं 3. 221. 39deg. आश्वासयन्पार्षतो भीमसेनं 6.73. 37. आश्वासयन्रथेनैव 8. 57. 10deg. भाश्वासयन्हि पाञ्चालीं 4. 394*.7 pr. आश्वासय महाराज 3. 144,70. आश्वासय मृगेन्द्रेह 3. 61. 32. आश्वासय सुभद्रां त्वं 7.54. 9. . आश्वासय सुषां राज्ञि 7.54. 24". आश्वासयंस्तथाभूतं 4. App. 1. 22A 1 pr. भाश्वासयंस्तदा धौम्यः 3. 85. 1. आश्वासयामास च भीतमेनं 6. 33. 50deg. आश्वासयामास च शत्रुमध्ये 6.73. 384. आश्वासयामास ततश्च कृष्णः 16. 29*. 1. आश्वासयामास तदा 8. 3. 79. 13. 154. 26deg. आश्वासयितुमारभत् 1. 224. 324..... आश्वासयित्वा बहुशः 4. 407*. 1 pr. आश्वासयेच्चापि परं 1. App. 81. 115 pr. आश्वासं परमं ययुः 3. App. 10. 16 post. आश्वासितस्तेन धनंजयेन 4. App. 48. 233; App. 53. 42. आश्वासितः सिन्धुपतिः 7. 69. 16deg.. आश्वासिता तदा भैमी 3. 271*. 1 pr. .. आश्वासितो विचित्राथैः 3. 282.7. आश्वासितोऽहं प्राग्वृद्धैः 14. 14.76. आश्वासितौ वै वसतः 12. 253. 26deg. आश्वास्य कल्याणमुवाच चैनान् II. 12. 154. आश्वास्य ताः स्त्रियश्चापि 16. 6. 15. आश्वास्य पाययित्वा च 4. 62. 9. .. आश्वास्य पुत्र मत्स्यस्य 4. App. 38.9 pr. आश्वास्य प्रहसन्निव 1. 152. 154.. . आश्वास्य स्वस्थमकरोत् 1. 63*. 2 pr. .. आश्वास्याश्वसिहीत्याह 13..App 8. 10 pr. आश्विनेयः प्रतापवान् 2. 28. 10. आश्विनेयौ नरव्याघ्रौ 5. 136. 16*.. आश्वेव निधनं व्रज 5. 131. 9. आषाढमासं यो राजन् 14. App. 4. 2925 pr.. आषाढमेकभक्तेन 13. 109. 25*. आषाढश्च सुषाढश्च 13. 17. 117. आषाढे मासि द्वादश्यां 13. App. 12. 19 pr. आषाढे वामनाख्यं मां 14. App. 4. 3012 pr. भाषाढे शुक्लषष्ठयां तु 13. App. 14. 527A 1 pr. आषाढो वायुवेगश्च 1.61.584.5.4.290. . . . आश्रुत्य भूमिदानं तु 14. App. 4. 1107 pr. आश्लिष्य च पुनः पुनः 3. 164.6. आश्लिष्य पाथै दाशार्हः 8. 69. 1. माश्लिष्य स पुनः पुनः 1. 210. 200. आश्लिष्येदं कृतं महत् 1. 135. 136. आश्लेषायां तु यो रूप्यं 13. 63. 11". आश्लेषायां ददच्छ्राद्धं 13. 89.5*. आश्लेषासु नखास्तथा 13. App. 12A. 12 post. आश्वसध्वं न भीः कार्या 3. 17. 32". भाश्वस्तं चैनमासीनम् 3. 49. 31". माश्वस्ता एव सर्वे स्म 9. 30. 39". आश्वस्ता मम शासनात् 2. App. 24. 16 post. आश्वासनकरं वाक्यं 12. App. 28. 396 pr. आश्वासनमिदं वाक्यं 7. App. 8. 36 pr. आश्वासनं च कृष्णेन 1. 119*. 4 pr. आश्वासनार्थ भवतः 5. 60. 230. आश्वासनार्थ सर्वेषां 7. 147. 29". आश्वासनार्थ सुहृदां 7. 60.6. आश्वासमोक्षात्प्रणवं 14. App. 4. 1553 pr. आश्वासयत दुःखिताम् 7.54. 11". आश्वासयति भर्तारं 11. 24. 30. आश्वासयत्तदामात्यान् 3. 354*. 1 pr. आश्वासयत्तं महात्मा तदानीं 16.5. 21". आश्वासयत्सुहृद्याभिः 7. 68. 16. आश्वासयदनेकधा 5. 185. 144. आश्वासयदमेयात्मा 9.62. 71. आश्वासयदरिंदमः 3. 127. 100. आश्वासयद्धर्मसुतं 3. 80. 5. आश्वासयद्भिः सुभृशं 12. 259. 31". आश्वासयद्वरारोहां 3. 224*.2 pr. आश्वासयन्ती भर्तारं 3. 62. 29deg. आश्वासयन्ती संतप्तं 1. 44. 9. आश्वासयन्तो राजानं 12. 1. 8deg. 22.7. -362 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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