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________________ भावहत्स तु कौरवः] महाभारतस्थ [आविद्धरथनागावं भावहत्स तु कौरवः 13. 44. 384. भावहत्सुमहद्भयम् 7.88. 52". भावहन्त्यनयं तीवं 12. 138. 59". आवहः प्रवहः प्राणः 13. App. 7A. 264A 9 pr. आवहेकलुषोदकम् 2. App. 28. 87 post. आवहो नाम संवाति 12. 315. 37. आवापश्च करादपि 14. 76.21. आवापैर्दशभिर्वशी 1. App. 77. 13 post. आवापैः पञ्चभिहिं 1. 123.71. भावाभ्यामपि दृष्टस्त्वं 12. 332. 220. भावाभ्यामभ्यनुज्ञातः 12. 31. 11. भावाभ्यां कारितो भवान् 12. 192. 114. भावाभ्यां त्वेव सहितः 1. App. 68. 30 pr. आवाभ्यां धर्मपत्नीभ्यां 1. 110. 26. आवाभ्यां पूज्यतेऽसौ हि 12. 321. 30%. आवाभ्यां यः कृतो मिथः 12. 30. 224. आवाभ्यां वै विनाकृतः 9. 35. 234. आवाभ्यां वै विना त्रितम् 9. 35. 20*. आवाभ्यां सह संवस्तुं 1. 1165*. 1 pr. आवाभ्यां सहितः शत्रून् 10. 4.4". भावाभ्यां सहितो राजन् 1. App. 68.26 pr. आवामपि च धर्मस्य 12. 332. 19". भावामस्य नरेन्द्रस्य 12. 31.7". भावामादित्यसंसदम् 3. 266. 484. आवामिच्छावहे देव 3. 194. 26deg. भावारय महाबाहो 7. 158. 21. भावारयामास हि शल्य एनं 6. 81. 25deg. भावारयिष्णूनभिसंप्रयाय 6.81. 11". भावारयिष्यन्कुरवः समेताः 5.29. 32. आवारितस्तु कौन्तेयः 7.77.270. भावार्य गुल्मैरात्मानं 3. 60. 80. भावार्य चैनं समरे नृवीराः 9. 16.8deg. भावार्यार्कप्रभं स्थितम् 12.732*. 1 post. आवार्किप्रभा खगः 1. 29. 11. भावासमेवोपजगाम शीघ्रं 1. 179. 21. भावासस्तोयवान्दुर्गः 12. 101. 13. आवासं कमुपाश्रित्य 1. App. 114. 32 pr. आवासं च सरस्वत्याः 7. 172. 43. आवासं तद्गृहेऽपि च 13. App. 15. 3989 post. आवासं प्रतिपेदिरे 3. App. 11. 6 post. आवासार्थ पुरा देवि 13. App. 15. 367 pr. भावासे शयनं चैकं 13. App. 15. 3990 pr. आवासेषु विचित्रेषु 13. App. 15.359 pr. आवासो वा न मेऽस्त्यत्र 12. App. 19.24 pr. भावासोऽस्मि जनार्दन 5.88.576. आवाहय त्वं नियमात् 1. 1204*.6 pr. आवाहयामि कं देवं 1. 113. 38deg. आवाहाश्च विवाहाच 5. 139. 14. आवाहे च विवाहे च 13. App. 15. 1451 pr. भावाह्यमावहेदेवं 13. 44. 4". आवां कुत्र गमिष्यावः 5. 35. 15*. आवां च प्रसृतौ ततः 12. 321. 40. आवां जहि न यत्रोर्वी 2. App. 21. 123 pr. आवां तद्दिष्टकारिणौ 13. 1. 58, 61. भावां देवभिषग्वरौ 3. 123. 11'. आवां पाण्डुसुतान्संख्ये 7. 147. 5. आवां प्राप्तावतिथी संप्रवेशं 3. 133. 36. आवां भवति वत्स्यावः 12. 30. 10. आवां भवाव पुत्री ते 13. App. 1A. 53 pr. भावां रणे विनिर्जित्य 8. App. 18. 83A 1 pr. आवां वरय देव त्वं 3. 194. 20%. आवां व्यसनसागरात् 8. 49. 115. आविकं चर्म च समं 12. 277. 35. भाविकं चौष्ट्रिकं चैव 8. 30. 394. आविकं बहु सुस्पर्श 5. 84.9". आविकं मृदु चाजिनम् 2. 47. 23. भाविकानि च सूक्ष्माणि 2. App. 21. 1064 pr. भाविक्षित शुभा बुद्धिः 14.7. 24. आविक्षितस्य तु बलं न मृष्ये 14. 10. 1. आविक्षितस्य राजर्षेः 7. App. 8. 348 pr. आविक्षितस्य वै सत्रे 12.29. 19". आविक्षितस्याप्रमेयस्य सोमम् 14. 10. 194. आविक्षितं मरुत्तं च 7. App. 8. 335 pr. आविक्षितं मरुत्तं मे 12. 29. 16. माविक्षितं महाराज 14. 6. 17. आविक्षितः पार्थिवो वै मरुत्तः 12. 20. 13. आविक्षितो महीपालः 14. 6. 30deg. आविग्नमनसः सर्वे 9.57. 57. आविनमभवजगत् 2. App. 28. 197 post, आविनमभवत्सर्व 7. 162. 22. भाविनमभवलम् 7. 64. 236. आविघ्नं च बलं सर्व 9. 24. 29. आविघ्नं त्रिदिवं सर्व 9. 35. 36. आविद्धनरनागावं 6. 55. 36". भाविद्धरथनागावं 6. 102. 26%, -354 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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