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________________ भावन्त्यान्दाक्षिणात्यांश्च ] श्लोकपादसूची [आवसन्वरुणो राजा आवन्त्यान्दाक्षिणात्यांश्च 7. 10. 16". आवन्त्यावथ सैन्धवम् 7. 593*. 1 post. आवन्त्यांश्च वशे कृत्वा 3. App. 24. 61 pr. आवन्त्ये षु च वीरेषु 9. 23. 26deg. आवन्त्यैश्च समन्वितः 6.83.6". आवन्त्योऽथ जयद्रथः 5.54. 60.9. 2. 16. आवन्त्यो निहतो यत्र 9.2. 34. भावन्त्यौ च महारथौ 6. 95. 30%; 110. 34. आवन्त्यौ च महीपालौ 5. 19. 24". आवन्त्यौ च महेष्वासौ 6. 90. 13. आवन्त्यौ तु महेन्वासौ 6.79. 12". आवन्त्यौ भ्रातरौ नृप 7.74. 17'. भावन्त्यौ भ्रातरौ शूरौ 7. 516*. 1 pr. आवन्त्यौ रथिनां वरौ 6. 79. 18. . आवन्त्यौ सपदानुगौ 6. 293*. 1 post. आवन्त्यौ समरे क्रुद्धौ 6. 82. 35. आवयोरनृतं प्राह 13. 42. 21". आवयोरन्तरं पश्य 1. 69. 3. आवयोर्गतमायुश्च 5. 137. 16. आवयोर्गह्वरं यथा 12. 192. 105deg. आवयोर्जीवतो राजन् 9. 30. 64". आवयोदृश्यतोरेमिः 1. 57. 58. आवयोन च भेदोऽस्ति 12. App. 24. 27 pr. आवयोन च सत्त्वे वै 12. App. 19. 254 pr. आवयोर्यत्फलं किंचित् 12. 192. 80deg. आवयोर्वचनात्सूत 5. 351*. 1 pr. आवयोर्वचनामृशम् 5. 94. 344. आवयोर्ध्याहृतं प्रश्नं 3. 183. 19. आवयोश्च मिथो भेदे 3. 218. 16deg. आवयोश्चित्तसंतापः 12. 710*. 1 pr. आवयोश्विरसंतापात् 12. 258. 55%. आवयोस्तपसानेन 1. 201. 18. भावयोस्तपसा सिद्धिं 12. 31.9. आवयोः कुशलं देव 3.51. 14". आवयोः कृतमन्योन्यं 12. 137. 64". आवयोः क्षीरमित्येव 13. 14. 78deg. आवयोः प्रकृतिः परा 12. 331. 350. आवयोः प्रगुणीभव 12. 30. 10% आवयोः शुभकर्मणि 1. App. 114. 253 post. आवयोः श्रेष्ठमाचक्ष्व 14.21.9. आवयोः सख्यसदृशं 1. App. 80. 30A 36 pr.. आवयोः सहसागच्छत् 12. 330. 44. आवयोः संगम भीरु 4. 410*: 1 pr. आवर्जयेतां दुर्धर्ष 7. 67. 15. आवर्जितगदाशृङ्गो 7. 14. 15. आवर्जितगदाहस्तौ 9. App. 3. 2 pr. आवर्जितदिवाकरम् 7. 172. 19. आवर्जितलतावृक्षं 1. 1496*. 1 pr. आवर्जिता इवाभान्ति 2. 46. 21". आवर्तगहनावृतम् 13. 110. 43. आवर्तत मुहुर्मुहुः 7. 96. 26. 14. 85. 164. आवर्ततां कार्मुकवेगवाताः 3. 180. 320. आवर्ततेऽसावमियामि चैनम् 8. 49. 100'. आवर्तनाकुञ्चितबाहुदण्डः 9. 93.5. आवर्तनानि चत्वारि 13. 110. 226, 71. आवर्तनो निवृत्तात्मा 13. 135. 38". आवर्तमानमजरं विवर्तनं 12. 237. 320. आवर्तमानमावृत्तं 7. 64. 52". आवर्तमानं ददृशे भ्रमन्तम् 7. 154. 314. आवर्तमानान्यभिवर्तमानैः 6. 56. 16". आवर्तमानो जातीषु 14. 18. 13. आवर्तय कुरुञ्जित्वा 4:33. 14". आवर्तयति भूयिष्ठं 12. 84. 4. मावर्तयध्वं ह्यनुयात शीघ्र 3. 253. 16. आवर्तयन्ति भूतानि 5. 38. 33. आवर्तयनिहन्त्येतत् 7. 171. 27deg. आवर्तय रथं शीघ्र 4. 1051*. 9 pr. आवर्तयाश्वान्पशवो जितास्ते 4. 61. 29deg. मावर्ता रोमराजयः 1. 669*. 3 post... आवर्ता लक्षणानि च I. 642*. 2 post. आवर्ताः खलु चत्वारः 4. 333*.7pr. आवतैरनुसंदधामि भगवद्गीतां भवोन्मोचिनीम् 6. App. 2. 31. आवलगमानं तं रङ्गे 4. 12. 15. आवलिातौ गदाहस्तौ 9. 11. 8. आवQर्जलदा व्योम 5. 183. 21". भावव॒स्तस्य पन्थानं 7. 15. 333; 45.21". आवत्रुः सर्वतो राजन् 7. 98. 30deg. आवत्रेऽर्जुनमार्ग च 7. 1001*. 1 pr. आवशीरांश्च योध्यांश्च 3. App. 24. 44 pr. आवश्यकमपि व्रजेत् 13. App. 15. 3904 post. भावसथ्य इति ख्यातः 14. App. 4. 2577 pr. आवसथ्यस्तु यो वह्निः 14. App. 4. 2599 pr. आवसथ्यं तु ये चाग्निं 14. App. 4. 2597 pr. आवसथ्यं द्विजाः प्राहुः 3. 211. 5. आवसथ्याग्निनिरताः 9. 227*. 4 pr. आवसन्वरुणो राजा 3. 160. 11'. पादसूची-45 - 353 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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