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________________ आर्ता त्रिः परिगम्य ह] महाभारतस्थ [ आर्यव्रतं तु जानन्तः आर्ता त्रिः परिगम्य ह 3. 61. 103. आर्ता दीनस्वराः सर्वे 3. 231. 13. आर्तानां कुरुसंक्षये 11. 9. 19". भार्तानां पृथुलोचन 1. 206. 276. भार्तानां बान्धवानां च 7. 19*.2 pr. भार्तानां युध्यतां मृधे 6. App. 4. 94 post. आर्तानां रोमहर्षणम् 1. App. 78. 40 post. आर्तानां सुहृदां वाचः 3. 203*.5 pr. आर्ता निपेतुः सहसा 3. 128. 5. आर्ता प्रदुद्राव यतः स्त्रियस्ताः 2. 60. 21. आर्ता बाला पतिं वीरं 11. 20. 4. आर्तामार्ततरा स्वयम् 11. 15. 154. आर्तामार्ततराः स्वयम् 10. 16. 230.11.20.28. आर्तामुपप्लुतां दीनां 14. 68. 11. आर्ताय गुरवे तत्र 2. App. 21. 874 pr. आर्तायनिममेयात्मा 6.58. 14. आर्तायनिमहं जाने 9.6.24. आर्तायनिरमित्रन्नः 7. 13. 80. मार्तायनिर्दीनमुवाच वाक्यम् 8. 68. 14. आर्तायनि त्रिभिर्बाणैः 6. 48. 286. आर्तायनिः समरे दुष्प्रकम्प्यः 8. 4. 94". आर्ता स्कन्दं समासाद्य 3. 214. 36deg. भास्तेि देवदेवेशं 13. App. 3A. 13 pr. भार्ताहं प्रलपामीदं 3. 33. 24. आर्ता ह्यानर्तसत्कृता 5. 81. 45d. माता तामाह स मुनिः 5. 173. 12. आता पृथां सान्त्वितां केशवेन 1. 1. 120. भार्तिजं तस्य विप्रस्य 1. 145. 17. भार्तिमाईत्परां राजा 14. 4. 13. भार्तिराते प्रिये प्रीतिः 12. 104. 49. आर्तिश्चाद्विषतामपि 3. 23. 16. भाति गच्छन्पुनः पुनः 7. 165. 97. भाति च परमां राजा 5. 192.86. भाति नः समजीजनत् 6. 69. 24". भाति परमिकां जग्मुः 5. 183. 11: भाति मे हृदये रूढां 6. 15. 70% आति राजा ययौ तूर्णं 15. 6. 22deg. आतिः परा माविशति 6. 15. 4". भार्तेन हतबन्धुना 7. 56. 18. आतेर्भशमुदीरिताम् 2. App. 21. 451 post. आ” जिज्ञासुरर्थार्थी 6.29. 16. आतॊ न जुहुयादग्निं 3. 211. 29". भा” ननु पुरा युद्धे 14. 155*. 1 pr. मार्तो बन्धुप्रियः शूरः 17. 2. 12. . आर्तो वा व्याधितो वापि 13. 109. 536. आर्तो विसंज्ञो भृशमश्रुनेत्रः 8. 68. 32d. आतॊ वै पाण्डवाग्रज 13. 18. 10. आर्दयबहुशः कर्णः 8. 17. 89deg. आर्द्र एव तु वासांसि 13. 107. 75. आईचर्माम्बरावृतः 13. 17. 474. आईचीरजटाधरम् 3. 185. 6. आईपादस्तु भुञ्जानः 13. 107. 29deg. आईपादस्तु भुञ्जीत 13. 107. 29". भाईपादस्तु भुञ्जीयात् 14. App. 4. 2317 pr. आईभावं व्यपोहयन् 1. App. 98. 13 post. आईवस्त्रेण षण्मासं 12. 36. 31. आईस्य युवनाश्वस्तु 3. 193. 39. आर्दै दद्याद्विशां पते 13. 107. 771. आई वाप्यथ वा शुष्कं 11. 3. 10. आर्द्रायां कृसरं दत्त्वा 13. 63.8". आयां जन्मनक्षत्रे 14. App. 4. 2130 pr. आर्द्रायां मानवो भवेत् 13. 89. 3d. आर्दैः शुष्कैश्च संकीर्ण 1. App. 92. 32 pr.. आर्यकर्मणि युञ्जानः 3. 31. 29". आर्यकर्मणि रज्यन्ते 5. 33. 250. आर्यकर्म धनंजय 7. 118. 10. भार्यकश्चादिकश्चैव 1. 31.72. आर्यकस्य मतः पौत्रः 5. 101. 239. आर्यकस्य वचः श्रुत्वा 5. 440*. 1 pr. आर्यकं कुरुनन्दन 5. 438*. 2 post. भार्यकेण च दृष्टः सन् 1. App. 73. 69 pr. आर्यकेण च दृष्टः सः 1. App. 72. 10 pr. आर्यकेणाभ्यनुज्ञातः 5. 441*. 1 pr. आर्यको नन्दकश्चैव 5. 101. 11". आर्यजुष्टमिदं वृत्तं 3. 281. 48*. आर्यता नाम भूतानां 12. 156. 18%. आर्य नायोक्तुमर्हसि 1. App. 55. 4 post. आर्यया श्वशुरेण च 3. 280. 24. भार्यरूपमिवानाय 13. 48. 38. आर्यरूपसमाचारं 13. 48. 44". आर्यवृत्तवतीं संख्ये 8.843*. 3 pr. आर्यवृत्तश्च पाञ्चाल्यः 1. 194. 94. आर्यवृत्तिमनुष्ठितः 6. App. 4. 305 post. आर्यवृत्तौ महेष्वासौ 5. 167. 10deg. आर्यवतममोघेषु 7. 9. 28". आर्यव्रतं तु जानन्तः 5. 50. 46. - 350 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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