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________________ आप्यायध्वं तपसा तेजसा च] महाभारतस्थ [भाभाष्व गरुडेति च आप्यायध्वं तपसा तेजसा च 5. 16. 244. भाप्यायनं मृतानां तत् 13. App. 15. 3833 pr. माप्यायन्ते च ते नित्यं 12. 177. 39". आप्यायन्ते पुनः पुनः 14. 36. 3. आप्यायस्वेति च क्षीरं 14. App. 4. 3202 pr. आप्यायितपराक्रमः 7. 115. 3. आप्यायिता रूपवती च विप्र 3. 184. 19". . आप्यायिताश्च ते श्राद्धैः 13. App. 15. 3579 pr. आप्याय्याविह तेऽनघ 13. 91. 26*. आ प्रजानां निसर्गाद्वै 5. 97. 17deg. मा प्रजापतिनो मनोः 1. 90.3. आप्रष्टुमुपचक्रमे 3. 43. 21". आप्राणान्तमिति स्थितिः 13, App. 15. 562 post. आप्राणान्तं शुचिर्भूत्वा 13. App. 15. 3793 pr. आप्लवन्त गतैः सत्त्वैः 3. 166. 19. आप्लावयत गात्राणि 5. 187.280. भाप्लान्य रनर्बहुभिर्विभूष्य 1. 190.64. आप्लाव्य शुचयः सर्वे 5. 196. 2". आप्लाव्यानां च पावनम् 13. 26. 624. माप्लुतश्च ततो यानं 7.92. 23". आप्लुतस्य जटाः प्रभो 12. 703*. 1 post. भाप्लुतं प्रविलीयते 13. 148. 31'. आप्लुतं प्रसृतं सृतम् 6. 50. 450. 7. 164. 1474. भाप्लुतं विप्लुतं द्रुतम् 7. 941*. 1 post. आप्लुतं विप्लुतं सृतम् 8. 142*. 1 post. आप्लुतं सुमहातपाः 9. 38. 28. आप्लुतः स ततो यानं 7. 143. 40". भाप्लुतः सर्वतीर्थेषु 9. 38, 156. आप्लुतः सर्वपापेभ्यः 3. 135. 2. आप्लुतः सलिले पुण्ये 9. 308*. 1 pr. आप्लुतः सलिले शीते 9. 53. 12. भानुतः सह वासोमिः 13. App. 14A. 84 pr. आप्लुतः सहसा यानं 7.141. 55. आप्लुतः साधिवासेन 7.58. 10. बाप्लुताङ्गी सुवसना 1. 176. 29. बाप्लुतो भरतश्रेष्ठ 9. 48. 21. आप्लुतो वाजिमेधस्य 9. 39.7. आप्लुत्य तेषु तीर्थेषु 9. 224*. 3 pr. माप्लुत्य देवा वसवः 14. 82. 13%. आप्लुत्य पाण्डवानीकं 9.24. 13. आप्लुत्य बहुशो हृष्टः 9. 36. 33%. भाप्लुत्य महतो रथान् 6. 44. 22. आप्तुत्य मुनिपुंगवाः 9. 42. 5. भाप्लुत्य रथिनः संश्रित् 6. 50. 56". आप्लुत्य सलिले चापि 9. 36.37. आप्लुत्य सहसानदत् 1. App. 78. 108 post. आप्लुत्य सहसा नदन् 7. 13. 53. आप्लुत्याकल्मषोऽभवत् 9. 42. 27d. आप्लुत्याकाशगङ्गायां 1. 173*. 10 pr. भाप्लुत्याप्लुत्य च तरून् 1. 1518*. 1 pr. भाप्लुत्याप्लुत्य वेगेन 6. 181*.1 pr. . आप्लुत्याप्लुत्य संयुगे 6. 192*. 1 post, भाबद्धकवचस्येह 7. App. 13. 24A 1 pr. आबद्धपट्टो व्रणलाघवेन 8. 1064*.3. भाबद्धमणिकुण्डकैः 8. App. 24. 14 post. आबद्धं शवमत्रेति 4. 5. 27. आबद्धा त्रिपुरग्नेन 3. 218. 25. भाबद्धाभरणैः कायः 6. 113. 10. आबद्धा मानुषाः सर्वे 10. 2.2". बाबबन्धाद्भुततमं 7. 69. 39. भावभाषे च हनुमान् 3. 149.8%. आबभाषे ततः कुन्तीं 3.290.90. भावभाषे तदा विद्वान् 7. 57.9. आवभाषे नराधिपः 1. 161.6. आबभाषे पुनर्भीष्मं 2. App. 21. 600 pr. भावभाषे महाबाहुः 2. App. 28. 130 pr. भावभाषे महाराज 3.70*. 3 pr. भावभाषे स धर्मात्मा 1. 162. 15deg. भावभाषे स्मयन्निव 12. 324. 30*. . भावभासे तदाकीर्णा 2. App. 29. 59 pr. आबभासे समाकीर्णा 2. 33.89. भाबाधमुक्ताः प्रायेण 13. App. 15. 590 pr. आबालवृद्धसंघोषे 2. App. 39. 117 pr. आ बाल्यान्मात्स्यभूमिप 4, App. 50. 20A 1 post. आबुद्धिमन्तो विजयन्त्यरातीन् 2. 521*. 6, आ ब्रह्मभवनादेते 3. 247. 32". आ ब्रह्मभुवनाल्लोकाः 5. 30. 16deg. भाभग्नाः सुमहावातैः 6. 13.1pr. भाभाति पञ्चवक्त्रं 2. 58. 36*. भाभाति शुक्लमिव लोहितमिव 5.44, 18. आभाषमाणस्तौ वीरौ 8.69. 28*. भाभाषमाणां स्वां पत्नी 3. 61. 24. भाभाषमाणोऽनुययौ मुहूर्त 4. 61. 250. आभाषितश्च मधुरं 12.67. 37deg. आभाषेतां परस्परम् 1. 181. 14. आभाष्य गरुडेति च 13. App. 1A. 330 post. - 338
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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