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________________ आत्मप्राणभयादुक्तं ] श्लोकपादसूची [आत्मसंस्थं चकार ह आत्मप्राणभयादुक्तं 13. App. 15. 2833 pr. आत्मप्राणस्य रक्षणात् 13. App. 15. 2821 post. आत्मप्राणानपेक्षया 13. App. 15. 3814 Post. आत्मप्राणार्थघातेषु 1.799*.2 pr. भात्मप्राणैः प्रियतमा 1.72.76. आत्मप्राप्तानि च ततः 12. 321. 36. मात्मप्रियाणि हित्वापि 13. 617*. 4 pr. आत्मबन्धविनिर्मोक्षं 14. 19. 9. आत्मबुद्धिप्रसादजम् 6. 40. 3rd. आत्मबुद्धिं समास्थाय 12. 189.210. आत्मभावं तथा स्त्रीषु 12.277. 280. भात्मभावेन पश्यतः 12. 212. 14. आत्मभावेन संसहेत् 3. 129*. 1 post. आत्मभावोऽन्यथा स्मृतः 12. App. 21. 42 post. आत्मभूत महाभूत 6. 61. 63. आत्मभूतः सदा लोके 12.283.29. आत्मभूतैरतद्भूतः 12. 316. 160. आत्मभूतो बभूव सः 1. 143. 354. आत्मभूतो यताहारः 13. App. 15. 778A 2 pr., 860 pr. आत्मभूतो वासुदेवः 13. App. 3A. 466 pr. आत्मभूस्त्वं सनातनः 3. 13. 50'. आत्ममध्यं च खं कुरु 6. App. 3. 66L post. आत्ममाया सदेष्यते 13. App. 15. 2492 post. आत्ममांसप्रदानेन 3. 199.6%. 14.93.75%. आत्ममांसानि जुह्वन्तौ 1. 201. 80. मात्ममांसैर्हतोऽनल: 13. 14. 58d. मात्ममांसोपवृत्तं च 12. 149. 484. आत्ममूलमिदं सर्व 12. 90. 13. आत्ममोक्षनिमित्तं वै 12. 168. 5. आत्मयज्ञेन नृपते 8.57. 14. आत्मयाजी समाहितः 13. App. 11. 190 post. आत्मयाजी सोऽऽत्मरतिः 12. 236. 23deg. आत्मयुक्तः परां बुद्धिं 13. App. 15. 3912 pr. भात्मयोगपरो नित्यं 12. App. 19. 146 pr. मात्मयोगसमायुक्तः 3. 148.21". आत्मयोगाश्च तस्मिन्वै 7. 172. 87deg. आत्मयोगेन भगवान् 5.66. 12. आत्मयोनि सदाव्ययम् 3.292. 16. आत्मयोनि सनातनम् 12. 69*. 1 post. ; 73.9 post. आत्मयोनिः स्वयंजातः 13. 135. 119. आत्मयोने महाभाग 6.61.51". आत्मरक्षणमाश्वासः 12,59. 44. आत्मरक्षा नृपेन्द्रस्य 13. App. 15. 911 pr. मात्मरक्षिततन्त्राणां 12. 136. 1740. आत्मरूपगुणानेतान् 12. 292. 29". आत्मलोकमधोक्षजः 13. App. 13. 42 post. आत्मवत्तत्र मन्तव्य 14. App. 4. 2726 pr. आत्मवत्तस्य कुर्वीत 13. 49. 23. आत्मवत्सर्वभूतेषु 14. 19. 30. आत्मवत्सु तपोवत्सु 12. 224. 67deg. आत्मवद्भिर्बहुश्रुतैः 5. 122. 13. आत्मवद्वै प्रयुञ्जीरन् 13. 49. 27deg. आत्मवन्तमिव व्याधिः 3.264. 4. आत्मवन्तं न कर्माणि 6. 26. 41. आत्मवश्यैर्विधेयात्मा 6. 24. 64. आत्मवंशः स्वधर्मो वा 13. App. 7A. 203 pr. आत्मवाच्यं न जानीते 8. 30. 87deg. आत्मवानिति च स्मरेत् 15. 12. 24. आत्मवान्भव सुप्रीतः 13. 120. 54. भात्मवान्विजितेन्द्रियः 14. 19. 19. आत्मवान्संयतेन्द्रियः 12.61. 4.. आत्मविक्रयतुल्यास्ताः 13.72. 34. आत्मविक्रयिणो मूढाः 14. App. 4. 15 pr. आत्मविश्वात्मवित्तमम् 12. App. 29C. 56 post. ___13. App. 3. 231 post. आत्मविद्भिः परंतप 14. App. 4. 2626A. 2 post. आत्मविद्याविधानं यत् 12. App. 20. 124 pr. आत्मवीय समाश्रित्य 5. App. 12. 98 pr. आत्मवृद्धिकरी नीतिं 12. 120. 176. आत्मवृद्धिर्मित्रवृद्धिः 9.59. 11. आत्मव्यवस्थानकराः 3. 2. 19. आत्मशक्तिमुपायांश्च 13. App. 15. 1433 pr. भात्मशीलानुमानेन 12. 158. 86. आत्मशुक्रादपि पृथे 1. 111. 31. आत्मश्रेयः करिष्यसि 5. 122. 11t. आत्मसंभावनस्य च 5. 160. 17d. आत्मसंभावनायुक्ताः 13. App. 15. 2049 pr. आत्मसंभावितान्विप्रान् 13. 137. 17deg. मात्मसंभाविताः स्तब्धाः 6. 38. 17% आत्मसंभावितो मूढः 7. 38. 19. आत्मसंभाविनो नराः: 12. 276. 25. आत्मसंयमनं बुद्ध्या 12. 120. 17. आत्मसंयमयोगाग्नौ 6. 26. 270. मात्मसंरक्षणं संख्ये 7.86. 41. आत्मसंस्थं चकार ह 12. 49. 154. -319
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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