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________________ आक्रान्तां दानवैर्बलात् ] महाभारतस्थ [ आख्यातमेतद्भवता आक्रान्तां दानवैर्बलात् 1. 58. 364. आक्रान्तो बलिना भृशम् 10. 32*. 2 post. आक्रामत दिवं पुण्यां 10. 47*.1 pr. आक्रामदूर्व मुदितः 9. 40. 31. आक्रामदूचं वरदो वराहः 7. 118.52. आक्रामन्नागभवने 1. 1312*. 2 pr. आक्रीड इव रुद्रस्य 7. 18.35. आक्रीडदेको बलवान् 9. 15. 50. आक्रीडन्तो वहन्ति स्म 7. 22. 15. आक्रीडभूतान्देवानां 1. 111.6. आक्रीडभूमिः सा राजन् 9. 36.8M. आक्रीडमानं कौन्तेयं 6. 115.18. आक्रीडमानः कौन्तेयः 3. 146. 290. आक्रीडमिव रुद्रस्य 7.847*. 1 pr. ; App. 15.46 Pr. माक्रीडं चरणाङ्कितम् 3. 675*. 1 post. आक्रीडं यक्षराजस्य 3. 151.7. माक्रीडः सर्वसात्वताम् 1. App. 111, 211 post. आक्रीडानां गृहाणां च 12. 229.86. आक्रीडान्पश्य दैत्यानां 5. 98. 14. आक्रीडावसथाः क्षिप्रं 3. 229. 16. आक्रीडा विविधा राजन् 12. 191.4. आक्रीडोऽयं कुबेरस्य 3. 152. 4". आवश्यमानः सदसि 12. 115*. 1 pr. आक्रुश्यमानो न वदामि किंचित् 12. 288. 120. आक्रुश्यमानो नाक्रोशेत् 1.82.74.5. 36.". 12. 288.16. आक्रुष्टस्तर्जितश्चाई 14. App. 4. 570 pr. आक्रुष्टस्तर्जितोऽपि वा 14. App. 4. 2148 post. आक्रुष्टस्ताडितश्चापि 12. App. 27.51 pr. आक्रुष्टस्ताडितश्चैव 12. 228. 34". आकुष्टस्ताडितः क्रुद्धः 3. 30. 330. आक्रुष्टः कुशलं वदेत् 12.269.6". आक्रुष्टः पुरुषः सर्वः 3.30.27. आक्रुष्टे चाहमाकुष्टः 14. App. 4. 532 pr. आक्रुष्टो निर्भयैर्भूयः 5. 90*. 2 pr. आक्रोशच्छाससंचयैः 1. App. 93. 33A 4 post. आक्रोशतां हि भूतानां 3. 209. 11: आक्रोशति च पाण्डवान् 11. 22. 14. आक्रोशनपरायणम् 7. 39. ".. आक्रोशनावमानाभ्यां 12. 288. 254. आक्रोशन्तं सहानुगैः 4. 1111*. 2 post. आक्रोशन्तीह वा नित्यं 14. App. 4. 682 pr. आक्रोशन्त्यनुमत्तास्ते 15. 25*.2 pr. आक्रोशन्त्यः कृशा दीनाः 12. 33. 8. आक्रोशन्त्यः प्रनृत्यन्ति 8.30, 18%. आक्रोशपरिवादाभ्यां 5.31.71". 14. App. 4.547 pr. आक्रोशं चैव राजर्षि 2.316*. 1 pr. आक्रोशं परिवादं च 13. 107. 55. आक्रोष्टा क्रुश्यते चैव 12. 158. 4". आक्रोष्टाश्यते राजन् 13. 117. 35. आकोटा चातिमानी च 3. App. 3. 10 pr.; App. 4. 21 pr. आक्रोष्टा चातिवत्ता च 13. 37. 136. आक्रोष्टा चाभिवक्ता च 12. 173. 46. आक्रोष्टारश्च लुब्धाश्च 15. 10.4". आक्रोटारं निर्दहति 1. 82.7.5. 36., 12.288. 16. आक्रोष्टुं नाशकजिष्णुः 16. 45*. 1 pr. आक्षिपत्पल्बलाम्बूनि 7. App. 15. 12 pr. आक्षिपन्तं प्रभां भानोः 1. 15.59. 2. App. 12. 23 pr. आक्षिपन्ति सहस्रशः 11. 16. 40". आक्षिपन्तीमित्र च भाः 3.52. 12. आक्षिपन्त्यशिवा घोराः 11. 16. 34. आक्षिपन्त्यशुभां गतिम् 12.56.74. आक्षिप्तसूत्रा मणयः 3.79.56. आक्षिप्तः स्यन्दनादीरः 6. App. 4. 99 pr. आक्षिप्तो भीमसेनेन 1. App. 93. 2 pr. आक्षिप्य केशान्वेगेन 4. 21. 48. आक्षिष्य च सुमध्यमा 3. 251. 20. आविष्यमाणा ह्यवशाः 14, App. 4. 647 pr. आक्षिप्य योधास्तरसा महाबलम् 8. App. 32. 18. आक्षिप्य वाक्यं वाक्यज्ञः 6. 4. 10deg. आक्षिप्य शस्त्रेण बलात् 8. 14. 239. आक्षिप्यान्यानपोथयत् 6. 50.58. आक्षिप्यान्यान्यपातयत् 6. 172*. 1 post. आक्षेपेण तथैवासेः 10. 8. 40. आक्षेपेण पृथक्पृथक् 2.58. 30*. आक्षेप्ता त्वं ददासि च 13. 16.201. आक्ष्वेळितमहास्वनम् 4. 755*. 1 post. आखण्डलधनुःप्रख्यं 8. App. 36. 11 pr. आखण्डलसखः ख्यातः 12.322. 17". आखुना खादता बिले 1.221.21. आखुना बिलवासिना 1. 41.6. आखुबभ्रुकवक्त्राश्च 9. 44. 776. आग्वुश्च बिलवासिनाम् 14. 43.29. आखोर्यदृच्छिरो रुषा 4. 606*. 1 post. आख्यातमृषिसत्तम 12. 318. 45. आख्यातमेतद्भवता 13. 112.28%. -298 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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